लखनऊ से कुछ दूर स्थित, प्रसिद्ध कुकरैल घड़ियाल प्रजनन केंद्र में, लगभग 300 घड़ियाल हैं । ये खूंखार दिखाई देने वाले सरीसृप, जलीय पारिस्थितिकी में अहम् भूमिका निभाते हैं। कुकरैल घड़ियाल प्रजनन केंद्र के अभाव में कई घड़ियालों के अस्तित्व पर संकट आ सकता था। लेकिन, हाल के दिनों में, घड़ियालों और मगरमच्छों की जनगढ़ना से प्राप्त आंकड़ो को देखने के बाद, पर्यावरणविदों और संरक्षणवादियों ने राहत की सांस ली है। लेकिन, सभी जीव इन घड़ियालों जितने भाग्यशाली नहीं होते। उदाहरण के तौर पर, 'कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर' को ही देख लीजिये। अपनी अनोखी शारीरिक विशेषताओं के कारण, मुस्कुराते हुए प्रतीत होने वाले इन शानदार जीवों की मुस्कुराहट कहीं खो सी गई है। चलिए जानते हैं क्यों?
कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर का मुंह पीले रंग का होता है। इसे देखने पर आपको लगेगा कि वह मुस्कुरा रहा है। हालांकि मानव गतिविधियों और अपने आवास स्थल के नुकसान के कारण, आज यह मुस्कुराती हुई प्रजाति भी गंभीर ख़तरों का सामना कर रही है। कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, तालाबों और मौसमी पूल (seasonal pools) के पास प्रजनन करते हैं। यहाँ, वे पानी में अपने अंडे देते हैं। इनके अंडों से लार्वा (larvae) निकलते हैं। इस लार्वा को किशोर बनने में लगभग 3 से 6 महीने लगते हैं। किशोरावस्था में वे ज़मीन पर आ सकते हैं। किशोर सैलामैंडर, गहरे ज़ैतूनी और हरे रंग के होते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे इनकी त्वचा काली होने लगती है। इनकी त्वचा में सफ़ेद या पीले धब्बे भी होते हैं।
कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, मौसम के आधार पर अपने प्रजनन स्थलों से पलायन करता है। यानी इसे जीवित रहने के लिए, अलग-अलग प्रकार के आवासों की ज़रूरत होती है। इसलिए, आवास के नुकसान और विखंडन के कारण, यह प्रजाति बहुत अधिक प्रभावित हो रही है।
आगे कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर से जुड़ी रोचक जानकरियां दी गई हैं।
शारीरिक विवरण: कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, अन्य सैलामैंडर की तुलना में बड़े होते हैं। इनका शरीर चौड़ा और थूथन गोल होता है। वयस्क नर, आमतौर पर लगभग 200 मिमी (mm) लंबे होते हैं, जबकि मादाएं 170 मिमी तक बढ़ती हैं। नर, मादाओं से लगभग 30 मिमी लंबे हो सकते हैं। थूथन से वेंट तक नर और मादा दोनों की लंबाई लगभग 90 मिमी होती है। इनकी आँखें, काली और बाहर की ओर निकली हुई मालूम होती हैं। इनकी पीठ काली होती है, जिस पर पीले, हल्के पीले और सफ़ेद धब्बे होते हैं। नीचे का भाग, आमतौर पर सफ़ेद या पीले रंग का होता है। प्रजनन के समय, नर को मादा से अलग पहचानना आसान होता है क्योंकि नरों के क्लोका (cloaca) सूजे होते हैं, उनका शरीर बड़ा होता है और उनकी पूंछ भी लंबी होती है।
निवास स्थान: कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, अधिकांशतः कम ऊंचाई (लगभग 427 मीटर) पर रहते हैं। हालांकि, कुछ को 3,600 मीटर की ऊँचाई पर भी देखा गया है। इन्हें प्रजनन के लिए, अस्थायी पूल और सैग तालाब (vernal pools) जैसे गीले स्थानों की ज़रुरत होती है। वे स्थायी जल में रह सकते हैं, लेकिन मछलियों वाले क्षेत्रों से दूर रहते हैं। प्रजनन के समय के अलावा, वयस्क सैलामैंडर अपना अधिकांश समय भूमिगत बिलों में बिताते हैं।
खान-पान की आदतें: कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, शैवाल, क्रस्टेशियन (crustaceans) और कीट लार्वा खाते हैं। बड़े होने पर, वे टैडपोल (tadpoles) और जलीय कीटों को खाना शुरू करते हैं। कभी-कभी, वे एक-दूसरे को भी खा सकते हैं। वयस्क सैलामैंडर, अपने बिलों में रहते हुए आर्थ्रोपोड्स (arthropods) का शिकार करते हैं।
जीवनकाल और प्रजनन: कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, 10 से 15 साल तक तक ज़िंदा रह सकते हैं। स्टैनफोर्ड (Stanford) में, नर सैलामैंडर, आमतौर पर 3 साल की उम्र में प्रजनन के लिए तैयार हो जाते हैं। वहीँ मादाओं को प्रजनन के लिए तैयार होने में एक और साल का समय लग सकता है। इनके प्रजनन का तरीका काफ़ी अनोखा होता है। नर, तालाब के तल पर एक शुक्राणुकोश (spermatophore) जमा करता है। मादा, इन शुक्राणुओं को अपने शरीर में लेकर अपने अंडों को निषेचित करती है। फिर, वह अपने अंडों को पौधों और मलबे से चिपका देती है। 10 से 28 दिनों में अंडों से लार्वा निकलते हैं।
लार्वा, तालाब में तब (लगभग तीन से छह महीने) तक रहते हैं, जब तक कि वे किशोर सैलामैंडर में नहीं बदल जाते। इस बदलाव के बाद, युवा सैलामैंडर, आमतौर पर, रात में अपने जन्म तालाबों को छोड़ देते हैं। फिर वे ऊंचे इलाकों में भूमिगत बिलों की तलाश करते हैं।
कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर, कम ऊँचे इलाकों में रहते हैं। हर साल बारिश के मौसम में प्रजनन के लिए ये आर्द्रभूमि (wetlands) की ओर जाने लगते हैं। यह प्रवास आमतौर पर नवंबर के मध्य से दिसंबर की शुरुआत में पहली बारिश के साथ शुरू होता है। अगर बारिश अच्छी होती है, तो कई सैलामैंडर एक ही रात में बाहर आ सकते हैं। इस दौरान, आपको ये एक साथ कई सौ की संख्या में दिखाई देंगे। लेकिन अगर बारिश कम होती है या सिर्फ़ दिन के समय में होती है, तो बहुत कम सैलामैंडर बाहर निकलते हैं।
ये एक किलोमीटर तक यात्रा कर सकते हैं, लेकिन ज़्यादातर, 500 मीटर से कम ही चलते हैं। ये आमतौर पर ज़मीन पर चलते हैं, लेकिन कुछ कृंतक (rodent) के बिलों के ज़रिए भी यात्रा कर सकते हैं। प्रजनन स्थलों से ऊँचाई तक की यात्रा में वयस्क और युवा सैलामैंडर एक साथ नहीं चलते। बारिश की रातों में, केवल कुछ ही सैलामैंडर तालाबों से बाहर आते हैं।
हालिया वर्षों के दौरान, कैलिफ़ोर्निया में टाइगर सैलामैंडर की संख्या में काफ़ी कमी आई है। इस कमी का मुख्य कारण, खेती और शहरी विकास हेतु उनके आवास स्थलों के नुकसान को बताया जा रहा है। अनियमित विकास के अलावा, बगुले (herons), रैकून (raccoons), स्कंक (skunks) और साँप जैसे प्राकृतिक शिकारी भी इन सैलामैंडरों के लिए बड़ा ख़तरा हैं। साथ ही, मौसम भी इनकी प्रजनन सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यानी अगर बारिश जल्दी होती है, तो उस दौरान इनके प्रवास और प्रजनन में वृद्धि देखी जाती है। लेकिन बाद में बारिश की कमी, लार्वा को नुकसान पहुँचा सकती है। अगर लार्वा इस समय में ठीक से विकसित नहीं होते, तो वे जीवित नहीं रह सकते। इसके अलावा, बायोसाइड (biocides) जैसे प्रदूषक भी कुछ क्षेत्रों में इन सैलामैंडरों को प्रभावित करते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2cvlvbph
https://tinyurl.com/28drjxf2
https://tinyurl.com/23lgkpr4
https://tinyurl.com/2df22d52
चित्र संदर्भ
1. नज़दीक से कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर (California tiger salamander) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर के लार्वा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. घास में कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. महिला के हाथ में कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
5. हाथ में नन्हे कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडरों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)