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5,000 साल पुरानी एलामाइट संस्कृति की वास्तुकला आज भी जीवंत है!

लखनऊ

 28-08-2024 09:09 AM
सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व
एलामाइट्स संस्कृति को दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक माना जाता है। यह आज से लगभग 5,000 साल पहले ईरान में फली-फूली थी। इसके मुख्य केंद्र, दक्षिण-पश्चिम ज़ाग्रोस पहाड़ों (Zagros Mountains) में स्थित अनशन और सूसा में थे। आज हम एलामाइट काल (Elamite period) और पूरे इतिहास में इसके विभिन्न चरणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही एलामाइट वास्तुकला और इसकी परिभाषित विशेषताओं की भी जाँच की जाएगी। इसके अतिरिक्त, हम एक सीढ़ीदार पिरामिड स्मारक, चोगा ज़़ांबिल (Chogha Zanbil) के बारे में भी जानेंगे। वास्तुशिल्प के इस चमत्कार को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा एलामाइट वास्तुकला का सबसे महत्वपूर्ण जीवित उदाहरण माना जाता है।
एलामाइट सभ्यता का उदय, लगभग 3200 ईसा पूर्व हुआ था। यह एक प्राचीन सभ्यता थी, जो आधुनिक समय के दक्षिण-पश्चिमी ईरान में पनपी थी। एलामाइट्स ने अपने पीछे एक समृद्ध और जटिल इतिहास छोड़ा था। इस संस्कृति के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
एलामाइट्स की शुरुआत, शहर-राज्यों के एक समूह के रूप में हुई थी। धीरे-धीरे वे एक शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में विकसित हुए। इस साम्राज्य के लोग, कृषि की उन्नत पद्धतियों, प्रभावशाली वास्तुकला और जटिल कलाकृतियों के लिए जाने जाते थे। समय के साथ, इनकी मेसोपोटामिया (Mesopotamia) जैसी पड़ोसी सभ्यताओं के साथ भी पहचान बड़ी। दोनों के बीच व्यापार, युद्ध और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ। इन्हें भी सदियों से प्रभुत्व के लिए कई आक्रमण और संघर्षों का सामना करना पड़ा। अक्क़ादियन (Akkadian), बेबीलोनियन (Babylonian) और फ़ारसियों (Persians) के साथ इनके कई संघर्ष हुए। हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद, एलामाइट्स ने एक अलग सांस्कृतिक पहचान बनाए रखी। लेकिन 539 ईसा पूर्व के आसपास यह सभ्यता अंततः समाप्त और विलुप्त हो गई।
आज, एलामाइट सभ्यता के अवशेषों से प्राचीन समाजों से जुड़ी अमूल्य जानकारी हमें मिलती है। ये अवशेष, मानव इतिहास के जटिल ताने-बाने को समझने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं।
चलिए अब एलामाइट साम्राज्य की विभिन्न अवधियों को समझने का प्रयास करते हैं:
→ प्रोटो-एलामाइट काल “Proto-Elamite Period” (3200 ईसा पूर्व - 2700 ईसा पूर्व): कम से कम, 3200 ईसा पूर्व में आधुनिक दक्षिण-पश्चिम ईरान में एक बहुत ही प्राचीन शहर-आधारित सभ्यता मौजूद थी। यह सभ्यता मैदान पर सूसा और पूर्व में ज़ाग्रोस पहाड़ों के आसपास केंद्रित थी। सूसा के सबसे पुराने अवशेष लगभग 4200 ईसा पूर्व के हैं। 3200 ईसा पूर्व तक लुरिस्तान (Luristan) में कांस्य का काम पहले से ही हो रहा था। 3000 ईसा पूर्व तक, एलामाइट भाषा को क्यूनीफ़ॉर्म (Cuneiform) लिपि में लिखा जा रहा था।
→ पुराना एलामाइट काल (2700 ईसा पूर्व - 1500 ईसा पूर्व): समय के साथ, एलामाइट की सुमेर (Sumer) के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ी, जिसमें कुछ समय के लिए दोनों एक-दूसरे पर हावी रहे। हालाँकि इनके अपने मूल गढ़ों से परे विस्तार आमतौर पर अल्पकालिक ही थे । इस अवधि के दौरान, एलामाइट के उत्तर-पश्चिम भारत में सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के साथ व्यापार के साक्ष्य मिले हैं।
→ मध्य काल (1500 ईसा पूर्व - 1100 ईसा पूर्व): शत्रुकीद (Shutrukid) राजवंश के तहत एलामाइट साम्राज्य अपने सबसे शक्तिशाली दौर में था। बेबीलोनियों और असीरियन साम्राज्य (Assyrian) के खिलाफ़ कुछ सफलताओं के बावजूद, असीरियन साम्राज्य की शक्ति कम होने लगी। बाद में यह साम्राज्य, कई शताब्दियों तक अभिलेखों से गायब हो गया।
→ नव-एलामाइट काल (1100 ईसा पूर्व - 540 ईसा पूर्व): एलामाइट्स को हमेशा मेसोपोटामिया पर नियंत्रण के लिए असीरियनों या बेबीलोनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी थी। आख़िरकार, 640 ईसा पूर्व में, असीरियन शासक अशर्बनिपाल (Ashurbanipal) द्वारा, इनके साम्राज्य को पूरी तरह से कुचल दिया गया। प्राचीन एलामाइट्स, वर्तमान दक्षिण-पश्चिम ईरान में रहते थे। उन्होंने प्राकृतिक शीतलन प्रणाली बनाने के लिए अपनी कठोर जलवायु के साथ कई प्रयोग किए। इसे बनाने के लिए, उन्होंने ऊर्जा-कुशल, नवीकरणीय और अच्छी तरह से इन्सुलेटेड (insulated) स्थानीय सामग्रियों का उपयोग किया।
उनके द्वारा घरों का निर्माण तीव्र गर्मी के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों में किया गया था। घरों की निर्माण सामग्री के रूप में मुख्य रूप से मिट्टी की ईंट और ताड़ की लकड़ी का उपयोग किया जाता था। इस स्थापत्य शैली का उद्देश्य, सूर्य से संपर्क को कम करना, छाया को बढ़ाना और प्राकृतिक वेंटिलेशन (Natural Ventilation) के माध्यम से गर्मी को कम करना था।
एलामाइट्स की स्थानीय वास्तुकला, प्राकृतिक पर्यावरण के लिए इष्टतम अनुकूलन को दर्शाती है।
उनके द्वारा अपने घरों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु:
→ ऊर्जा बचाने के लिए भवन के पदचिह्न को कम किया गया।
→ इमारतों का लेआउट बनाने में मौसम, सूर्य की दिशा, प्रचलित हवाएँ, वर्षा और तापमान जैसे पर्यावरणीय कारकों पर विचार किया गया।
→ रहने के लिए क्वार्टर, आदर्श रूप से व्यवस्थित किए गए थे, जिसमें प्राकृतिक शीतलन के लिए आंतरिक आंगन और वेंट शामिल थे।
→ अच्छे इन्सुलेशन और संरचनात्मक विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामग्रियों का स्रोत बनाया गया था।
→ भंडारण और सिंचाई के लिए वर्षा जल संचयन सुविधाएँ स्थापित की गईं।चोगा ज़़ानबिल (Chogha Zanbil) को एलामाइट वास्तुकला से जुड़ा, दुनिया का सबसे बेहतरीन जीवित उदाहरण माना जाता है। यह स्थल, यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध है और दक्षिण-पश्चिम ईरान के ख़ुज़ेस्तान (Khuzestan) प्रांत में स्थित है। इसे 1979 में यूनेस्को स्थल के रूप में नामित किया गया था। यूनेस्को के अनुसार, चोगा ज़़ानबिल, मेसोपोटामिया के बाहर सबसे बड़ा ज़िगगुराट (Ziggurat) है। यह इस प्रकार के चरणबद्ध पिरामिड स्मारक का सबसे अच्छा संरक्षित उदाहरण है।
यह स्थल, अपने विशाल आकार और शानदार अर्ध-रेगिस्तानी अलगाव से आगंतुकों को प्रभावित करता है। यह संरचना, लाल ईंटों से बनी है जो इतनी अच्छी तरह से संरक्षित है कि ये आज भी बिल्कुल नई लगती है । यहाँ पर, आँख की सीध में, एक ईंट जितनी चौड़ी पट्टी पर दुनिया की पहली वर्णमाला, क्यूनीफ़ॉर्म को जटिल रूप से उत्कीर्ण किया गया है। ये ज़िगगुराट, शुश (Shush) से लगभग 30 किमी दक्षिण-पूर्व और अहवाज़ (Ahvaz) से 80 किमी उत्तर में स्थित है। इसकी कुल ऊँचाई लगभग 25 मीटर है। मूल रूप से, इस विशाल स्मारक के ऊपर एक मंदिर था और अनुमान है कि अपने चरम पर इसकी ऊंचाई 52 मीटर तक पहुंच गई होगी।
ज़िगगुराट पिरामिडनुमा सीढ़ीदार मंदिर टावर हैं जो लगभग 2200 से 500 ईसा पूर्व के प्रमुख मेसोपोटामिया शहरों की वास्तुकला और धार्मिक विशेषताओं को दर्शाते हैं। इन्हें आम तौर पर मिट्टी की ईंटों से बनाया जाता था और बाहरी भाग को पकी हुई ईंटों से ढका जाता था।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2587tr3l
https://tinyurl.com/29ya9hj3
https://tinyurl.com/27p9t56j
https://tinyurl.com/2bl8p3ma

चित्र संदर्भ
1. 3150 से 2800 ई.पू. के काल की प्रोटो-एलामाइट सिलेंडर सील को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. रेखीय-एलामाइट शिलालेख वाले चांदी के प्याले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. 2600 और 1700 ई.पू. के बीच, सूसा में आयात की गई सिंधु घाटी की गोल मुहर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक एलामाइट तीरंदाज के, युद्ध के दौरान, घायल राजा तेउम्मन की रक्षा करते हुए दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. एलामाइट वास्तुकला के सबसे बेहतरीन जीवित उदाहरण, चोगा ज़़ानबिल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


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