Post Viewership from Post Date to 22-Jun-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2478 136 2614

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

अपने आकर्षक रूप के कारण कुकुर प्रेमियों के दिल में विशेष स्थान है भारतीय स्पिट्ज का

लखनऊ

 22-05-2024 09:36 AM
शारीरिक

भारतीय स्पिट्ज का, अपने आकर्षक रूप और रमणीय व्यक्तित्व के कारण, दुनिया भर के कुकुर प्रेमियों के दिलों में एक विशेष स्थान है। अपने रोएँदार कोट, लोमड़ी जैसी शक्ल और चंचल स्वभाव के लिए जाने जाने वाले इन खूबसूरत कुकुरों का एक समृद्ध इतिहास है। प्राचीन भारत में, केवल जर्मन शेफर्ड (German shepherd) के आयात और निर्यात की अनुमति थी, और अन्य सभी किस्मों पर प्रतिबंध था। तब 19वीं शताब्दी में भारत के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों द्वारा जर्मन स्पिट्ज (German spitz) की एक प्रजाति 'सैमोयड' (Samoyed) और 'पोमेरेनियन' (Pomeranian) के मेल से भारतीय स्पिट्ज को विकसित किया गया। भारत में स्पिट्ज के सफलतापूर्वक प्रजनन के बाद, यह भारतीय वातावरण में अनुकूलित हो गया। हालाँकि भारतीय स्पिट्ज़ आकार में अत्यंत छोटे होते हैं लेकिन वे बेहद सतर्क भी होते हैं, जिसके कारण ये घर के अंदर रखे जाने के उद्देश्य से शानदार एवं उत्कृष्ट सुरक्षा कुकुर होते हैं। इनकी शक्ल अपनी उत्पत्ति के अनुरूप जर्मन शेफर्ड से काफी मिलती है, लेकिन उनका फर तुलनात्मक रूप से अधिक होता है। शुरुआत में ब्रिटिश शासकों द्वारा इन्हें इनकी बुद्धिमत्ता, अनुकूलन क्षमता और मैत्रीपूर्ण स्वभाव के कारण घरेलू कुकुर के रूप में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था। जैसे-जैसे इस नस्ल की लोकप्रियता बढ़ती गई, विभिन्न सामाजिक स्तरों के भारतीय परिवारों द्वारा इन्हें पालतू जानवर और निगरानी कुकुरों के रूप में अपनाना शुरू कर दिया गया। भारतीय स्पिट्ज की कई अनूठी विशेषताएं होती हैं, जो उन्हें अन्य कुकुरों से अलग बनाती है। उनका छोटा-से-मध्यम आकार, घना दोहरा कोट और रेशेदार पूंछ उनके सबसे विशिष्ट लक्षणों में से कुछ हैं। ये सफेद, भूरे और काले सहित विभिन्न रंगों के होते हैं। लेकिन इनका सफेद रंग सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इंडियन स्पिट्ज की औसत आयु 16 वर्ष है। ये किसी भी तकनीक को तेजी से सीख जाते हैं, इसलिए इन्हें प्रशिक्षित करना अत्यंत आसान होता है। ये अत्यधिक उत्साही एवं शीघ्र सभी के साथ घुल मिल जाने वाले पालतू जीव होते हैं। वे अकेले रहना पसंद नहीं करते हैं । हाल के वर्षों में, भारतीय स्पिट्ज को भारत की सीमाओं से परे भी मान्यता प्राप्त हुई है। इनके आकर्षक स्वरूप और मिलनसार स्वभाव ने इन्हें दुनिया भर में कुकुरप्रेमियों के बीच एक लोकप्रिय पसंद बना दिया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इन्हें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय केनेल क्लबों (International kennel clubs) द्वारा एक विशिष्ट नस्ल के रूप में अब तक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है। यद्यपि भारतीय स्पिट्ज को किसी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन उन्हें आमतौर पर अन्य कुकुरों की तरह ही साफ सफाई एवं पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। उनके चमकदार कोट को बनाए रखने और उलझन को रोकने के लिए नियमित रूप से इन्हें संवारना आवश्यक होता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और नियमित पशु चिकित्सा देखभाल से वे लंबे समय तक रोग मुक्त एवं स्फूर्ति पूर्ण बने रहते हैं।
अपने घर में एक साथी के रूप में जब कभी आपके मन में एक पालतू जानवर रखने का विचार आता है तो सबसे पहले कुकुर और उसमें भी स्पिट्ज नस्ल के कुकुर सबसे पहले दिमाग में आते हैं। लेकिन फिर एक दुविधा सामने आती है कि देसी अथवा विदेशी नस्ल में से किस प्रजाति को अपनाया जाए। कभी-कभी पर्याप्त जानकारी न होने के कारण हम सही चुनाव नहीं कर पाते हैं, जिसका खामियाज़ा बेजुबान जीव को भुगतना पड़ता है। अतः चुनाव करने से पहले दोनों के बीच मुख्य अंतर समझ लेना चाहिए। भारतीय नस्ल के कुकुरों और विदेशी नस्ल के कुकुरों के बीच मुख्य अंतर उनकी उत्पत्ति और आनुवंशिक संरचना का है। भारतीय नस्ल के कुकुर भारत में समय के साथ विकसित हुए हैं और स्थानीय पर्यावरण और जलवायु के अनुकूल होते हैं। उनकी विशेषताएं या आदतें भारतीय जलवायु और जीवनशैली के लिए उपयुक्त होती हैं। दूसरी ओर, विदेशी नस्ल के कुकुरों को अन्य देशों में पाला गया होता है जिसके कारण उनकी शारीरिक और व्यवहारिक विशेषताएं भिन्न हो सकती हैं। भारतीय नस्ल या विदेशी नस्ल के कुकुर को चुनने का निर्णय लेते समय, कई तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए। इनमें से सबसे प्रमुख आपकी जीवनशैली, रहने का माहौल, देखभाल और रखरखाव के लिए उपलब्ध संसाधन और कुकुर के आकार, स्वभाव और ऊर्जा स्तर के आधार पर आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताएं शामिल हैं। जिन नस्लों पर आप विचार कर रहे हैं उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं और विशेषताओं पर शोध करने और समझने के साथ-साथ कुकुर की व्यायाम आवश्यकताओं, सौंदर्य आवश्यकताओं और संभावित स्वास्थ्य मुद्दों जैसे कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
हालांकि भारतीय तापमान एवं वातावरण के अनुरूप देसी नस्ल के भारतीय कुकुर ही अधिक उपयुक्त होते हैं। देसी नस्लें भारतीय घरों के लिए बेहद आदर्श होती हैं जो सुरक्षा, वफादारी और बंधन के मामले में सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं। विदेशी नस्लों के विपरीत, भारतीय नस्ल के कुकुरों में शारीरिक और स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम उल्लेखनीय रूप से न्यूनतम होता है। परिणामस्वरूप, इनका जीवन उच्च गुणवत्तापूर्ण एवं स्वास्थ्य पूर्ण होता है जिससे उनके मालिकों पर पशु चिकित्सा के रूप में आर्थिक बोझ कम पड़ता है। विदेशी नस्लों के विपरीत, भारतीय नस्ल के कुकुरों में स्वास्थ्य समस्याएं कम होती हैं। अन्य नस्लें आमतौर पर विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों के प्रति संवेदनशील होती हैं, जिनमें मोटापा, गठिया, हिप डिसप्लेसिया आदि शामिल हैं। दूसरी ओर, भारतीय नस्लों में अच्छी तरह से विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जो विदेशी नस्लों में शायद ही कभी देखी जाती है। जिसके कारण ये अक्सर भारतीय परिस्थितियों के लिए सर्वोत्तम होती हैं। स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली होने के कारण पशुचिकित्सक के पास बार-बार जाने की आवश्यकता भी कम हो जाती है। विदेशी नस्ल के कुकुरों की तुलना में देसी नस्ल के कुकुर जहां एक तरफ कम कीमत में मिल जाते हैं वही लंबे समय में इनके दैनिक रखरखाव की लागत भी कम होती है। देसी नस्लों को महंगी देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। विदेशी नस्ल के कुकर भारतीय गतिशील जलवायु को आसानी से सहन नहीं कर पाते हैं, लेकिन भारतीय नस्लें भारत के अंदर विभिन्न क्षेत्रों से होने के बावजूद आसानी से नए वातावरण में ढल जाती हैं। वास्तव में भारतीय नस्ल के कुकुर आपके चेहरे पर मुस्कान लाने से लेकर आपके घर की रक्षा करने तक सब कुछ कर सकते हैं। विदेशी नस्ल की तुलना में ये आपका खर्चा भी बचाते हैं। अतः यह अब आप पर निर्भर है कि आप अपने लिए एक साथी चुनने के रूप में केवल दिखावे के लिए विदेशी नस्ल को महत्व देते हैं या अपने नजरिये को बदलते हुए स्वदेशी कुकुर से अपना रिश्ता जोड़ते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/yr8v6f7a
https://tinyurl.com/24wcxw4e
https://tinyurl.com/28wnr49d

चित्र संदर्भ
1. भारतीय स्पिट्ज को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एक 2 वर्षीय मादा भारतीय स्पिट्ज को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. भारतीय स्पिट्ज छोटे पिल्ले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. सैर पर निकले भारतीय स्पिट्ज को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. काले रंग के भारतीय स्पिट्ज को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id