हमारे जौनपुर निवासियों, क्या आप जानते हैं कि भारत ने 1950 में हुए ‘ फ़ीफ़ा विश्व कप (FIFA World Cup) के लिए क्वालिफ़ाई (qualify) कर लिया था, लेकिन उस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया। दरअसल, इसके पीछे दोनों पक्षों द्वारा कई कारण बताए जाते हैं। ब्राज़ील (Brazil) के फ़ुटबॉल संघ के अनुसार, भारत की टीम नंगे पैर खेलना चाहती थी और यह संभव नहीं था। हालांकि, अखिल भारतीय फ़ुटबॉल संघ (All India Football Association) के अनुसार, 1950 का फ़ीफ़ा विश्व कप, उतना महत्वपूर्ण नहीं था, जितना कि 1952 के ओलंपिक्स। उस समय, भारत के लिए ओलंपिक्स, फ़ुटबॉल विश्व कप से अधिक महत्वपूर्ण था, जो 1950 में वैश्विक प्रतियोगिता का चौथा संस्करण था। इसलिए ए आई एफ़ एफ़ ने जहाज़ से टीम को ब्राज़ील भेजना उचित नहीं समझा। ए आई एफ़ एफ़ ने अन्य कारणों, जैसे कि यात्रा का खर्च, अभ्यास समय की कमी, अपर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, और ब्राज़ील के लिए एक लंबी, चुनौतीपूर्ण जहाज़ यात्रा का भी हवाला दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, यह पहला विश्व कप था तथा सभी देश विश्व युद्ध में हुए नुकसान से उभर रहे थे। इस वजह से कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण कई टीमों को इस खेल से अपना नाम वापस लेना पड़ा था। एशिया (Asia) से टूर्नामेंट में भाग लेने वाली एक भी टीम नहीं थी, यह देखते हुए ब्राज़ील के फ़ुटबॉल संघ ने अखिल भारतीय फ़ुटबॉल संघ से संपर्क किया और उन्हें विश्व कप में भाग लेने के लिए अपनी टीम भेजने को कहा। इसके लिए, ब्राज़ील ने यात्रा लागत को प्रायोजित करने की भी पेशकश की, लेकिन तब भी ए आई एफ़ एफ़ ने फ़ुटबॉल विश्व कप में भाग लेने से मना कर दिया। तो आज, आइए, जानें कि ऐसा क्या हुआ, कि भारत ने फ़ीफ़ा विश्व कप में भाग नहीं लिया। इसके साथ ही, हम फ़ुटबॉल और फ़ीफ़ा विश्व कप के इतिहास से जुड़े कुछ चलचित्र भी देखेंगे |
संदर्भ:
https://tinyurl.com/ydac9nvr
https://tinyurl.com/y23343e9
https://tinyurl.com/mupac3mf
https://tinyurl.com/4jfd52ks
https://tinyurl.com/57zjnvme