सोनभद्र, हमारे राज्य उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा ज़िला है। सोनभद्र, भारत का एकमात्र ऐसा ज़िला है, जिसकी सीमा चार राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ झारखंड और बिहार से लगती है। सोनभद्र ज़िले को लोकप्रिय रूप से “भारत की ऊर्जा राजधानी” कहा जाता है, क्योंकि इस ज़िले में कई विद्युत ऊर्जा संयंत्र और थर्मल पॉवर प्लांट हैं। आज इस लेख में, आप इस जगह के भौगोलिक और आर्थिक विवरण के बारे में जानेंगे। हम, सोनभद्र में कुछ प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण मंदिरों का भी पता लगाएंगे। इसके बाद, हम सोनभद्र की पुरातत्व एवं सांस्कृतिक विरासत को समझेंगे। अंत में, हम सोनभद्र की सामाजिक आर्थिक स्थिति पर चर्चा करेंगे।
सोनभद्र ज़िला, हमारे राज्य के सुदूर दक्षिणपूर्व में स्थित है। यह ज़िला, उत्तर पश्चिम में मिर्ज़ापुर ज़िले, उत्तर में चंदौली ज़िले, उत्तर पूर्व में बिहार राज्य, पूर्व में झारखंड राज्य, दक्षिण में छत्तीसगढ़ राज्य और पश्चिम में मध्य प्रदेश राज्य से घिरा है। इस ज़िले का मुख्यालय, रॉबर्ट्सगंज (Robertsganj) शहर में स्थित है।
तथ्य एवं आंकड़े:
क्षेत्रफल – 6788.0 वर्ग किलोमीटर
अक्षांश – 23.52° एवं 25.32° उत्तर
देशांतर – 82.72° एवं 83.33° पूर्व
ऊंचाई – 285 फीट
जनसंख्या (2001) – 1,463,468
पुरुष – 771,817
महिलाएं – 691,651
जनसंख्या घनत्व – 216 प्रति वर्ग किलोमीटर
लिंगानुपात – 896
साक्षरता दर – 49.96%
तहसील – 03
ब्लॉकों की संख्या – 08
गांवों की संख्या – 1426
महत्वपूर्ण नदियां:
सोनभद्र की महत्वपूर्ण नदियां, सोन और रिहंद हैं।
घूमने के स्थान:
विजयगढ़ किला, अघोरीगढ़ किला, सोढ़ारीगढ़ दुर्ग, शिवद्वार मंदिर, ज्वालादेवी मंदिर, कुंडेश्वर महादेव मंदिर, रेनुकेश्वर महादेव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, गीता मंदिर, मुखा जलप्रपात, रिहंद बांध, धनरौल बांध, सारनाथ, विंध्यांचल मंदिर, चुनार किला, राजदरी – देवदरी, विंध्यम फॉल, आदि।
सोनभद्र में, कुछ प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण मंदिर:
1.गोठानी शिव मंदिर (गुप्त काशी)
भव्य प्राचीन मंदिरों का मुख्य स्थल होने के कारण, इसे गुप्त काशी के नाम से जाना जाता है। रेनू, सोन और विजुल नदी के संगम पर स्थित होने के कारण, इस स्थान का धार्मिक महत्व हजारों गुना बढ़ जाता है। यह चोपन से 6 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यहां 11वीं और 12वीं शताब्दी की अनेक कलात्मक काले पत्थर की मूर्तियां भी मौजूद हैं। यह आदिवासियों का प्रमुख तीर्थस्थल है। शिवरात्रि यहां का प्रमुख त्योहार और समारोह है। इसके अलावा, 15 दिनों का एक मेला यहां होता है, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी कला प्रदर्शित करके दर्शकों, आगंतुकों और पर्यटकों का मनोरंजन करते हैं। इस तरह, वे अपनी कला परंपरा और संस्कृति को जीवित रखते हैं और समृद्ध करते हैं।
2.कुंड वासिनी धाम (कुदारी देवी):
अत्यंत धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व का यह शक्तिपीठ, ज़िला मुख्यालय से 35 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण में सोन नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। महान पौराणिक महत्व का यह मंदिर, खजुराहो शैली में, खुटा और चूड पद्धति पर बनाया गया है। इसमें सीमेंट और गर्डर आदि का कोई उपयोग नहीं होता है। देवी की पूजा करने के लिए, साल भर बड़ी संख्या में भक्त यहां आते हैं। पर्यटन की दृष्टि से भी, यह उतना ही महत्वपूर्ण है।
3.अमिला भवानी धाम
ओवरा डिवीजन के तरिया रेंज की पहाड़ियों में, 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्थान के प्रति, लोगों में बहुत सम्मान और श्रद्धा है। स्थानीय निवासियों के अलावा, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड आदि आसपास के राज्यों से काय श्रद्धालु बड़े समूहों में यहां आते हैं और दर्शन करते हैं।
4.पंच मुखी महादेव
यह दार्शनिक स्थल, ज़िला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है। कहा जाता है कि, पंचमुखी महादेव (पांच सिर वाले भगवान शिव) पांचवीं शताब्दी में यहाँ प्रकट हुए थे। निचली पहाड़ियों पर गुफ़ाएं, चित्रों और नक्काशी से भरी हुई हैं, जिससे पता चलता है कि, उस स्थान पर आदिवासियों का निवास रहा होगा। उन्होंने अपनी इच्छाओं और भावनाओं को अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुरूप कलात्मक तरीके से दर्ज किया होगा। कुल मिलाकर, यहां ऐसी सोलह ऐतिहासिक गुफ़ाएं हैं, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करती हैं।
सोनभद्र की पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक विरासत:
इस क्षेत्र में कई अनमोल खज़ाने हैं, जो दशकों से यहां एक अलग तरह के भविष्यवक्ताओं को लेकर आए हैं । पुरातत्वविदों और इतिहासकारों ने सोनभद्र की समृद्ध प्रागैतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत का खुलासा किया है। सोनभद्र विंध्य पर्वतमाला और कैमूर पहाड़ियों के बीच स्थित है। सोन और रिहंद नदी के संगम पर स्थित, इस ज़िले में कई प्रागैतिहासिक स्थल हैं। ये हैं और शैलाश्रय भी है, जिनमें सबसे अद्भुत शैल कला है।
१.सलखन जीवाश्म पार्क
आधिकारिक तौर पर, सोनभद्र जीवाश्म पार्क के रूप में प्रख्यात – सलखन जीवाश्म पार्क, रॉबर्ट्सगंज से 12 किलोमीटर दूर है। इस पार्क में, क्रिप्टोज़ोइक युग(Cryptozoic Age) के जीवाश्मों का सबसे बड़ा संग्रह है, जिसे पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में सबसे पुराना युग माना जाता है। माना जाता है कि, यह जीवाश्म पार्क 1.4 अरब वर्ष से अधिक पुराना है।
२.सोनभद्र में शैल कला स्थल
उत्तर भारत में, उत्तरी विंध्य में गुफ़ा चित्रों के साथ शैल आश्रयों की सबसे बड़ी संख्या है। यहां की अधिकांश कला, मध्यपाषाण काल से लेकर हेलियोलिथिक युग(Heliolithic Age) तक की है। विंध्य और कैमूर पर्वतमाला में लगभग 250 शैलाश्रय हैं, जो इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, चंदौली, रीवा और सोनभद्र ज़िलों में बिखरे हुए हैं। इस ज़िले के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में, पंचमुखी शैलाश्रय, कौवा खोह शैलाश्रय, लखनिया शैलाश्रय, लखमा गुफ़ाएं आदि शामिल हैं।
३.विजयगढ़ किला
सोनभद्र में एक प्रमुख किला, कैमूर पहाड़ियों में स्थित ऐतिहासिक विजयगढ़ या बिदजेगुर किला है। इसका इतिहास, 1,500 साल से भी अधिक पुराना है। यह रॉबर्ट्सगंज से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। इस किले के निर्माण से पहले, जिस पहाड़ी पर यह स्थित था, उसे ‘विजयगिरि पर्वत’ कहा जाता था, जो ऋषियों और सन्यासियों का आश्रय स्थल था।
४.अगोरी किला
रॉबर्ट्सगंज से 35 किलोमीटर दूर, सोनभद्र ज़िले के चोपन और ओबरा कस्बों के पास, अगोरी पहाड़ी किला, तीन नदियों – विजुल, रिहंद और सोन नदी के संगम पर है।
५.वीर लोरिक की चट्टान
लोरिक की कथा के अनुसार, वीर लोरिक ने मंजरी के प्रति अपने प्रेम को साबित करने के लिए, अपनी तलवार के एक ही वार से, एक विशाल चट्टान को तोड़ दिया था। यह विशाल चट्टान, जिसे स्थानीय तौर पर वीर लोरिक का पत्थर के नाम से भी जाना जाता है, प्रेम और बहादुरी के प्रतीक के रूप में पूजनीय है।
सोनभद्र की सामाजिक आर्थिक स्थिति
बुनियादी विवरण
जनसंख्या : 36,689
जनसंख्या (ज़िला क्रमांक): 547वां
क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर) : 6,788
क्षेत्र (क्रमांक) : 121वां
कस्बों की संख्या : 107
गांवों की संख्या : 132
भाषाएं –
हिंदी बहुभाषी जनसंख्या: 34,875
अंग्रेज़ी बहुभाषी जनसंख्या: 3,529
उर्दू बहुभाषी जनसंख्या: 1,615
रॉबर्ट्सगंज की भारत के अन्य शहर/ज़िलों से तुलना:
भारत की 768 ज़िला राजधानियों में से, रॉबर्ट्सगंज जनसंख्या के मामले में 547वें स्थान पर है। सोनभद्र ज़िला, भारत में जनसंख्या में 208वें और क्षेत्रफल में 121वें स्थान पर है।
सोनभद्र की भारत के औसत से बेहतर बातें-
1.रॉबर्ट्सगंज, भारत के 768 शहरों/ ज़िलों में से उच्च शिक्षा नामांकन ( यू डी आई एस ई 2021[ UDISE 2021]) के मामले में तीसरे सर्वोच्च स्थान पर है। इससे पता चलता है कि, यह ज़िला अन्य ज़िलों की तुलना में, अधिक शहरीकृत है, और/या इसमें बेहतर विकसित शैक्षणिक बुनियादी ढांचा है।
2.भारतीय शहरों (ज़िला राजधानियों)/ज़िलों में खाना पकाने के लिए, ईंधन के रूप में बिजली का उपयोग करने वाले परिवारों का औसत 566 है। रॉबर्ट्सगंज, 768 शहरों/ज़िलों में से 11वां सर्वोच्च क्रमांक वाला शहर है। इससे पता चलता है कि, इस ज़िले के लोगों ने अन्य ज़िलों के लोगों की तुलना में, हरित ऊर्जा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।
3.भारत के 768 ज़िला राजधानियों/ज़िलों में से, सौर ऊर्जा के रूप में प्रकाश के मुख्य स्रोत वाले घरों में, रॉबर्ट्सगंज 20वें स्थान पर है। इससे पता चलता है कि, सरकार ने अन्य ज़िलों की तुलना में, इस ज़िले में हरित ऊर्जा पर अधिक ज़ोर दिया है।
4.भारत के 768 ज़िला राजधानियों/ज़िलों में से, रॉबर्ट्सगंज, साइबर अपराधों ( आई पी सी 2020[ IPC 2020]) के मामले में 569वें स्थान पर है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में, एक सुरक्षित ज़िले को दर्शाता है।
5.रॉबर्ट्सगंज, भारत के 768 शहरों/ज़िलों में से हत्याओं की संख्या ( आई पी सी 2020) के अनुसार, 489वें स्थान पर है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में एक सुरक्षित ज़िले को दर्शाता है।
6.भारतीय शहरों (ज़िला राजधानियों)/ज़िलों में, लापता व्यक्तियों की औसत संख्या ( आई पी सी 2020) 267 है। रॉबर्ट्सगंज, 768 शहरों/ ज़िलों में से, 466वां सर्वश्रेष्ठ क्रमांक वाला शहर है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में, एक सुरक्षित ज़िले को दर्शाता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yh5322hv
https://tinyurl.com/uutsbpsv
https://tinyurl.com/2wfycw4b
https://tinyurl.com/4ca2aayw
चित्र संदर्भ
1. सोनभद्र ज़िले में रेनू नदी पर रिहंद बांध को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मानचित्र में उत्तर प्रदेश में सोनभद्र ज़िले के स्थान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. सलखन जीवाश्म पार्क को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज में पंचमुखी पहाड़ी पर एक गुफ़ा में बने चित्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. पहाड़ी की चोटी पर विजयगढ़ किले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.