दिल्ली में आयोजित, रामपुर भोजन उत्सव ने किया है, रामपुरी व्यंजनों का सम्मान

रामपुर

 19-09-2024 09:23 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास
रामपुरी भोजन शैली, अवधी, मुगलाई, अफ़गानी और कुछ अन्य, पाक कला शैलियों का संगम है। रचनात्मकता का सम्मान करते हुए, रामपुर ने, रसोइयों सहित, कई कलाकारों को एक रचनात्मक मंच और अनेक अवसरों की पेशकश की है, जो नए व्यंजनों का प्रयोग और विकास करने में सक्षम थे। खड़ा या कच्चा मसाला, दूधी, कमल का तना, कटहल, अंजीर, अनानास खस की जड़ें, दाल चीनी और यहां तक कि, आंवला जैसी, असामान्य सब्ज़ियां, रामपुरी रसोइयों की पसंदीदा सामग्रियों में से थीं। तो आइए, आज रामपुरी व्यंजन और उनकी विशेषताओं के बारे में, विस्तार से जानेंगें । हम, यह भी समझने की कोशिश करेंगे कि, इतने सालों के बाद भी, इस प्रकार के व्यंजनों पर, अक्सर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता है। फिर, हम रामपुरी और अवधी व्यंजनों के बीच, प्रमुख अंतर का पता लगाएंगे। उसके बाद, हम अप्रैल और मई 2024 के बीच, नई दिल्ली के मयूर विहार में स्थित, हॉलिडे इन होटल में आयोजित, रामपुर भोजन उत्सव पर कुछ प्रकाश डालेंगे। इसके अलावा, हम इस त्योहार के दौरान, परोसे जाने वाले, कुछ बेहतरीन, पारंपरिक रामपुरी व्यंजनों के बारे में भी जानेंगे।
रामपुर में रहते हुए, आपने यहां के विभिन्न व्यंजन तो चखें ही होंगे। मसालों के विशिष्ट मिश्रण, और संतुलन के साथ-साथ, अधिकांश रामपुरी व्यंजनों में, तले हुए प्याज़ का उपयोग, अभिन्न अंग है।
खाद्य उत्सवों के रक्षक, रामपुर के शेफ़ – सुरूर खान बताते हैं कि, एक अन्य कारक, जो रामपुरी व्यंजनों में, नवीनता को जोड़ता है, वह, साबुत मसालों या खड़े मसालों का प्रमुख उपयोग है। रामपुरी भोजन को, काली और सफ़ेद मिर्च, लौंग, दालचीनी, जावित्री, काली और हरी इलायची, तेज़पत्ता, जीरा और धनिया से, स्वादिष्ट बनाया जाता है। वह कहते हैं कि, ‘रामपुर में उगाई गई, पीली मिर्च, केसर की जड़ें और चंगेज़ी मसाला(21-विषम मसालों और जड़ी-बूटियों के मिश्रण) जैसी सामग्रियां रामपुरी भोजन को विशिष्ट स्वाद देते हैं ।’
हालांकि, इतने वर्षों के बाद भी, रामपुरी व्यंजनों पर, किसी का ध्यान नहीं गया है। आज़ादी के बाद, रामपुर रियासत की आर्थिक गिरावट से, इसके व्यंजनों की कम लोकप्रियत का पता चलता है। तब, नवाबों द्वारा स्थापित, उद्योग बंद हो गए। बेरोज़गारी भी उस समय चरम पर थी। रसोइयों को, शाही रसोई छोड़ने के लिए, कहा गया था। इस स्थिति में, उनके पास, कोई प्रायोजक नहीं था, और राजघराने के पास, शाही खानसामा का समर्थन करने के लिए, पर्याप्त संसाधन नहीं थे। इसलिए, धीरे-धीरे, रामपुर के व्यंजनों की पाक विधि और रहस्य भुला दिए गए, और खो गए।
साथ ही, रामपुर के नवाब, नहीं चाहते थे कि, इन व्यंजनों को सार्वजनिक किया जाए। इसके अलावा, आज बहुत कम रसोइये जानते हैं कि, रामपुर शैली में, कलछी कैसे चलायी जाती है।
इसके अतिरिक्त, हालांकि, दोनों भोजन नवाबों द्वारा प्रस्तावित हैं, रामपुरी और अवधी भोजन के बीच अंतर भी है । रामपुर का भोजन, ऐतिहासिक रूप से, अवध के भोजन की तरह ही, मुगलों का भोजन है। फिर भी, इन दोनों व्यंजनों के बीच, विशिष्ट अंतर यह है कि, अवधी व्यंजनों के विपरीत, रामपुरी व्यंजन, केवड़ा, इत्र या गुलाब जल जैसी सामग्री से, सुगंधित नहीं होते हैं। जबकि, केसर और जायफल जैसे मादक मसालों का उपयोग, रामपुरी व्यंजनों में, होता है, लेकिन, इनका उपयोग सूक्ष्म मात्रा में किया जाता है।
दूधिया बिरयानी, माही सीख कबाब, अदरक का हलवा, पहली नज़र में, लोकप्रिय अवधी या हैदराबादी व्यंजनों के जैसे लग सकते हैं। लेकिन, इन्हें चखने पर, विशिष्ट रामपुरी व्यंजनों के स्वाद, स्पष्ट होते हैं। शायद, अन्य मुगलई व्यंजनों की तरह, मुख्यधारा में न होकर भी, रामपुरी व्यंजन, अपनी पाक विरासत में, समान रूप से समृद्ध हैं। इनकी उत्पत्ति, उन खानसामा या रसोइयों से हुई है , जो शाही परिवारों की रसोइयों में काम करते थे।
क्या आप जानते हैं कि, दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में स्थित, हॉलिडे इन(Holiday Inn) में, एक महीने तक चलने वाले, रामपुर फ़ूड फ़ेस्टिवल या भोजन उत्सव का आयोजन किया गया है। इस उत्सव में, रामपुर की पाक विरासत को केंद्र में रखा गया था । 26 मई 2024 को संपन्न हुए, इस महोत्सव का उद्देश्य, रामपुर के समृद्ध और विविध स्वादों को प्रदर्शित करना एवं शाही और स्ट्रीट फ़ूड के अनूठे मिश्रण को उजागर करना था।
उत्सव के दौरान, हर हफ़्ते के तीन दिन – शुक्रवार से रविवार, इस होटल का बैंक्वेट हॉल(Banquet hall), भोजन के शौकीनों के लिए, स्वर्ग में बदल जाता था । ये लोग, पहले ही, रामपुरी व्यंजनों के कम-ज्ञात खज़ाने का पता लगाने के लिए, उत्सुक थे ।
इस महोत्सव में परोसे गए, पारंपरिक रामपुरी व्यंजन निम्नलिखित थें:
1.) तार कोरमा: 
उत्सव में प्रवेश करने पर, मेहमानों का स्वागत, पारंपरिक रामपुरी व्यंजन – तार कोरमा की गर्म, मसालेदार सुगंध से किया गया। अपनी मखमली बनावट और गहरे स्वाद के लिए, मशहूर, यह समृद्ध और लाजवाबकरी, तुरंत ही लोगों की पसंदीदा बन गई। सुगंधित मसालों, दही और केसर के मिश्रण में, धीमी गति से पकाया गया, मांस के कोमल टुकड़ों से बना, तार कोरमा, रामपुर की शाही पाक परंपराओं का प्रतीक है।
2.) रामपुरी कबाब: जैसे ही मेहमानों ने तार कोरमा का स्वाद चखा, वे अगले पाक चमत्कार की ओर आकर्षित हुए, और यह व्यंजन, रामपुरी कबाब था। लखनऊ के अधिक प्रसिद्ध कबाबों के विपरीत, रामपुरी कबाब, एक अलग स्वाद और बनावट पेश करते हैं। कीमे से बने; जावित्री और जायफ़ल सहित मसालों के मिश्रण के साथ मैरीनेट किया गए; और फिर, पूर्णता के लिए, ग्रिल किए गए, ये कबाब, रसीले और स्वादिष्ट थे। इसका प्रत्येक निवाला, उन रसोइयों की चालाकी का प्रदर्शन था, जिन्होंने मसालों को संतुलित करने की कला में, महारत हासिल की थी।
3.) गोबी गोश्त: गोबी गोश्त, फ़ूलगोभी और मांस का, एक आनंददायक संयोजन है। यह व्यंजन, रामपुर की पाक कला का, एक आदर्श उदाहरण था, जहां, साधारण
सब्ज़ियों को, शाही दर्ज़ा दिया जाता था। मसालेदार व तीखी ग्रेवी में, मटन के कोमल टुकड़ों के साथ, पकाए गए, फ़ूलगोभी के फूलों ने, स्वाद को खूबसूरती से अवशोषित कर लिया। इससे, इस व्यंजन में बनावट और स्वाद का सामंजस्यपूर्ण संतुलन बन गया।
4.) रामपुरी टिक्का: रामपुरी टिक्के के लिए, मैरीनेट (Marinate) किए हुए चिकन को, धुंए के रंग का प्रभाव देने हेतु, ग्रिल किया गया था।
5.) दही भल्ला: इस व्यंजन के लिए, दाल के पकौड़े, मलाईदार दही में भिगोए जाते थे, और फिर, इनके ऊपर, इमली की चटनी और मसाले डाले गए थे।
6.) अदरक का हलवा: उत्सव में, अदरक का हलवा भी प्रस्तुत किया गया था। यह एक ऐसी मिठाई है, जिसने कई लोगों को आकर्षित किया। यह अदरक-आधारित हलवा, एक रहस्योद्घाटन था, जिसमें मिठास और अदरक की सूक्ष्म गर्मी का अनूठा मिश्रण था। घी, चीनी और थोड़ी सी इलायची के साथ, कद्दूकस किए हुए अदरक को, धीमी गति से पका कर ये हलवा, न केवल स्वादिष्ट था, बल्कि, गर्माहट व आरामदायक अनुभव भी दे रहा था।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mr327n4a
https://tinyurl.com/2acpjszx
https://tinyurl.com/3vyssc98

चित्र संदर्भ
1. मसालेदार मांसाहरी भोजन को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. भोजन में मसाले डालती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
3. मुग़लई भोजन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. कठल बिरयानी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. भट्टी में सिक रहे चिकन टिक्के को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. हरी चटनी के साथ परोसे गए टिक्कों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


RECENT POST

  • दिल्ली में आयोजित, रामपुर भोजन उत्सव ने किया है, रामपुरी व्यंजनों का सम्मान
    स्वाद- खाद्य का इतिहास

     19-09-2024 09:23 AM


  • रामपुर में कोसी और रामगंगा जैसी नदियों को दबाव मुक्त करेंगे, अमृत ​​सरोवर
    नदियाँ

     18-09-2024 09:16 AM


  • अपनी सुंदरता और लचीलेपन के लिए जाना जाने वाला बूगनविलिया है अत्यंत उपयोगी
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:13 AM


  • अंतरिक्ष में तैरते हुए यान, कैसे माप लेते हैं, ग्रहों की ऊंचाई?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:32 AM


  • आइए, जानें विशाल महासागर आज भी क्यों हैं अज्ञात
    समुद्र

     15-09-2024 09:25 AM


  • प्रोग्रामिंग भाषाओं का स्वचालन बनाता है, एक प्रोग्रामर के कार्यों को, अधिक तेज़ व सटीक
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:19 AM


  • जानें शाही गज़ से लेकर मेट्रिक प्रणाली तक, कैसे बदलीं मापन इकाइयां
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:08 AM


  • मौसम विज्ञान विभाग के पास है, मौसम घटनाओं की भविष्यवाणी करने का अधिकार
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:22 AM


  • आइए, परफ़्यूम निर्माण प्रक्रिया और इसके महत्वपूर्ण घटकों को जानकर, इन्हें घर पर बनाएं
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:14 AM


  • जानें तांबे से लेकर वूट्ज़ स्टील तक, मध्यकालीन भारत में धातु विज्ञान का रोमाचक सफ़र
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:25 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id