कुम्भ तथा 4 धाम के स्थान तथा उनका महत्त्व

मेरठ

 03-02-2019 10:00 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

पिछले कुछ दिनों में यदि आपने इन्टरनेट चलाया हो या किसी मित्र से भेंट कर कुछ बातें की हों, तो हो सकता है आपके सामने कुम्भ के मेले की चर्चा आई हो। जी हाँ, करोड़ों लोगों की उपस्थिति के साथ भारत में होने वाला महान कुम्भ मेला इस वक़्त शुरू हो चुका है। इस वर्ष इलाहबाद में होने वाला मेला असल में अर्ध कुम्भ मेला है और इसकी शुरुआत हुई थी 15 जनवरी से, तथा 4 मार्च तक यह मेला लगातार चलता रहेगा। तो चलिए यह तो सिद्ध हो गया कि आपने इस मेले के बारे में सुना है, परन्तु क्या आप इसके बारे में गहराई से जानते हैं?

कई लोग जब यह सुनते हैं कि कुम्भ का मेला 4 स्थानों पर आयोजित किया जाता है तो वे इसका सम्बन्ध चार धामों से लगाने लगते हैं। जबकि कुम्भ के इन 4 स्थानों का 4 धामों से कोई सम्बन्ध नहीं है। दरअसल कुम्भ के मेले का सम्बन्ध है समुद्र मंथन से। इसे प्रत्येक 3 वर्षों में हरिद्वार, इलाहबाद, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है। 6 वर्षों के अन्तराल में होने वाले मेले को अर्ध कुम्भ कहते हैं तथा 12 वर्षों के अन्तराल में होने वाला मेला पूर्ण कुम्भ कहलाता है। और वहीं भारत के चार धाम बद्रीनाथ (उत्तराखंड), रामेश्वरम (तमिल नाडू), द्वारका (गुजरात) और पुरी (उड़ीसा) में स्थित हैं।


तो आइये इन दोनों के बारे में दो वीडियो के सहारे से कुछ जानकारी प्राप्त की जाए। सबसे ऊपर दिया गया वीडियो कुम्भ के बारे में बताता है और दूसरा वीडियो चार धामों के बारे में। तो क्लिक कीजिये दिए गए वीडियो पर और जोड़ें अपने ज्ञान कोष में इस रविवार कुछ नई जानकारी।

सन्दर्भ:
1.https://www.youtube.com/watch?v=DOCJJbPDJFc
2.https://www.youtube.com/watch?v=gddo1yXYPoQ

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