Post Viewership from Post Date to 05-Jul-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3369 85 3454

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कैंब्रियन काल में जीवन रूपों व् चट्टानों का तेज़ विविधीकरण,वर्तमान में कैसे है महत्त्वपूर्ण

मेरठ

 04-06-2024 11:12 AM
खनिज

541 से 485 मिलियन वर्ष पूर्व का कैंब्रियन काल (Cambrian Period) पृथ्वी पर जीवन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण समय था। कैंब्रियन काल के दौरान, बड़े कंकाल वाले पहले जानवर सामने आए। जबकि, महाद्वीपों और महासागरों का निर्माण इस युग के पहले हुआ था। कैंब्रियन चट्टानें और खनिज लंबे समय से कृषि से लेकर, निर्माण कार्यों तक मनुष्यों के लिए उपयोगी रहे हैं। कैंब्रियन प्रणाली को स्पीति और कश्मीर की ‘हैमंता प्रणाली’ भी कहा जाता है। इसमें स्लेट(Slates), सूक्ष्म क्वार्टजाइट(Quartzite) और डोलोमिटिक चूना पत्थर(Dolomitic limestones)शामिल हैं। आइए आज, कैंब्रियन काल, इसके इतिहास और इस काल के चट्टानों और उनके प्रकारों के बारे में जानते हैं।साथ ही, कैंब्रियन निक्षेपों के आर्थिक महत्व को भी समझें। कैंब्रियन पैलियोज़ोइक युग(Palaeozoic Era) का पहला भूवैज्ञानिक काल है, जो 541.0 से 485.4 मिलियन वर्ष पहले के दौरान का माना जाता है। जबकि, इसके पश्चात ऑर्डोविशियन काल(Ordovician era) शुरु हुआ था। इस अवधि का प्रमाण भूवैज्ञानिक एडम सेडविक(Adam Sedgwick) ने दिया था, जिन्होंने, इसका नाम वेल्स(Wales) के लैटिन नाम कैंब्रिया(Cambria) के नाम पर रखा था।यहां वेल्स में कैंब्रियन चट्टानें सबसे अच्छी तरह से उजागर हुई हैं। कैंब्रियन चट्टान लेगरस्टैटन(Lagerstätten)जीवाश्म के उच्च अनुपात के कारण अद्वितीय है। ये चट्टानें दरअसल संरक्षण के स्थल हैं, जहां जीवों के शरीर एवं उनके प्रतिरोधी कवच भी संरक्षित हैं। इसका मतलब यह है कि, कैंब्रियन जीव विज्ञान के बारे में हमारी समझ, बाद के कुछ कालखंडों की तुलना से कहीं अधिक है। कैंब्रियन काल के दौरान पृथ्वी पर जीवन में गहरा परिवर्तन आया। इससे पहले, जीवित जीव छोटे, एककोशिकीय और सरल थे। कैंब्रियन युग के ठीक कुछ लाख वर्षों पहले जटिल, बहुकोशिकीय जीव धीरे-धीरे आम होते गए। लेकिन इस अवधि तक, जीवाश्म आम नहीं थे। कैंब्रियन काल में जीवन रूपों के तेजी से विविधीकरण ने कई आधुनिक जीव संघों के पहले प्रतिनिधियों को जन्म दिया। ये जीव मोलस्क(Molluscs) और आर्थ्रोपोड(Arthropods) जैसी प्रजातियों के आधुनिक समूहों के विकासवादी मूल का प्रतिनिधित्व करते थे। जबकि, महासागरों में विविध जीवन रूप समृद्ध थे, भूमि पर तुलनात्मक रूप से जीवों की विविधता नही थी। अधिकांश महाद्वीप वनस्पति की कमी के कारण, शुष्क और चट्टानी थे। समुद्र अपेक्षाकृत गर्म थे, और इस काल की अधिकांश अवधि के लिए ध्रुवीय बर्फ अनुपस्थित थी। कैंब्रियन चट्टानों का एक विशेष जैविक महत्व है, क्योंकि, इनमें कुछ सबसे पहले जानवरों के विविध जीवाश्म पाए गए हैं। कैंब्रियन युग में हुए जीवों के तेज विकास का उपयोग, पृथ्वी पर जीवन के इतिहास को दो असमान युगों में विभाजित करने के लिए किया गया है। पुराना युग, ‘प्री-कैंब्रियन काल’(Pre-cambrian) लगभग चार अरब वर्ष तक फैला हुआ था, लगभग 4.6 अरब वर्षों पहले पृथ्वी के निर्माण के साथ शुरू हुआ था। प्रीकैंब्रियन काल में पृथ्वी पर जीवन की पहली उपस्थिति शामिल है, जो मुख्य रूप से बैक्टीरिया, शैवाल और इसी तरह के आदिम जीवाश्मों वाली चट्टानों द्वारा दर्शायी जाती है। दूसरी ओर, नवीन समय – फ़ैनरोज़ोइक काल(Phanerozoic Eon), लगभग 538.8 मिलियन वर्ष पहले कैंब्रियन जीव विकास से शुरू हुआ, और वर्तमान तक जारी है। विशिष्ट पशु जीवाश्मों वाली चट्टानें इसकी विशेषता है। कैंब्रियन युग की चट्टानें सभी महाद्वीपों पर पाई जाती हैं, और इनके अलग-अलग खंड हजारों मीटर तक मोटे हो सकते हैं। सबसे अधिक जीवाश्मयुक्त और अध्ययन किए गए भंडार, मुख्यतः समुद्री महाद्वीपीय किनारों से हैं। वातावरण में क्षेत्रीय अंतर के परिणामस्वरूप, कैंब्रियन चट्टानों की निक्षेप संरचना में अंतर उत्पन्न हुए। किनारे के पास,निक्षेप आमतौर पर सिलिसियस बलुआ(Siliceous sandstone) पत्थर से बने होते हैं। यह आम तौर पर, समुद्र की ओर सिल्टस्टोन(Siltstone) और शेल(Shale) में वर्गीकृत होता है, जो गहरे पानी में, महीन दाने वाली तलछट के संचय से बनता है। इसके अलावा, व्यापक कार्बोनेट प्लेटफार्म(Carbonate platforms) कुछ महाद्वीपीय किनारों के साथ विकसित हुए, जो उस समय कम अक्षांशों में थे। इस गर्म तथा उथले पानी वाले वातावरण में, कार्बोनेट तलछट के तेजी से उत्पादन के परिणामस्वरूप, कैंब्रियन चूना पत्थर और डोलोमाइट का विशाल भंडार जमा हुआ। हालांकि, भूमि परिवेश से भी कुछ कैंब्रियन चट्टानों का दस्तावेजीकरण किया गया है, परंतु, उनमें से अधिकांश चट्टानें सीमित क्षेत्र की हैं। वे मुख्य रूप से बाढ़ के मैदानों और हवा में उड़ने वाली रेत के भंडारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पौधों या जानवरों के बिना, कैंब्रियन परिदृश्य किसी भी वर्तमान रेगिस्तान के बराबर होगा।
वर्तमान में, कैंब्रियन चट्टानें मध्यम आर्थिक महत्व की हैं, क्योंकि, वे विभिन्न प्रकार के संसाधन प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, सीसा, जस्ता, चांदी, सोना और टंगस्टन जैसी धातुओं से समृद्ध अयस्क पिंडों ने विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में कैंब्रियन कार्बोनेट चट्टानों का स्थान ले लिया है। अन्य कार्बोनेट चट्टानों का व्यापक रूप से भवन निर्माण पत्थर और चूना तथा पोर्टलैंड सीमेंट(Portland cement) बनाने में उपयोग किया गया है। कैंब्रियन फॉस्फोराइट(Phosphorite) के बड़े भंडार उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पश्चिमी चीन और दक्षिणी कजाकिस्तान में कृषि उर्वरक के प्रमुख स्रोत हैं। चीन में अन्य कैम्ब्रियन संसाधन पारा, यूरेनियम और नमक हैं। पूर्वी रूस में कैंब्रियन युग के नमक भंडार के साथ-साथ, एल्यूमीनियम का मुख्य वाणिज्यिक स्रोत – बॉक्साइट भी है। जबकि, दक्षिणी साइबेरिया के कुछ तेल क्षेत्र, निचले कैंब्रियन चट्टानों से तेल का उत्पादन करते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4hewsr7v
https://tinyurl.com/bdfpc6xc

चित्र संदर्भ

1. कैंब्रियन काल की चट्टानों व समुद्री जीवन को संदर्भित करता है एक चित्रण (wikimedia)
2. कैंब्रियन काल में समुद्री जीवन को संदर्भित करता है एक चित्रण (wikimedia)
3. डेथ वैली क्षेत्र में ध्रुव संरचना से प्राप्त आर्कियोसाइथिड्स को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. नाइजर में प्रीकैम्ब्रियन और कैम्ब्रियन चट्टान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कैंब्रियन चट्टान में लेगरस्टैटन जीवाश्म को संदर्भित करता है एक चित्रण (wikimedia)
6. प्रोटीचनाइट्स आर्थ्रोपोड्स के ट्रैकवे थे जो कैम्ब्रियन समुद्र तटों पर चलते थे! उनके निशानों को संदर्भित करता है एक चित्रण (wikimedia)
7. कैम्ब्रियन तलछटी चट्टान को संदर्भित करता है एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id