इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज में प्रकाशित रामपुर शूटिंग चैंपियनशिप की ट्रॉफी

लखनऊ

 09-03-2019 09:30 AM
उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

रामपुर के नवाबों को कला के संरक्षक होने के साथ-साथ निशानेबाजी के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने के लिए भी जाना जाता है। तो आइए नजर डालते हैं 'इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज' में प्रकाशित 1864 के इस लेख में, जिसमें एक राइफल शूटिंग चैंपियनशिप के लिए एक ट्रॉफी प्रदर्शित की गई थी जिसे 'रामपुर के नवाब' द्वारा सम्मानित किया गया था।

इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज विश्व की पहली सचित्र साप्ताहिक समाचार पत्रिका के रूप में शनिवार 14 मई 1842 को पेश की गई थी। इसकी स्थापना हर्बर्ट इंग्राम द्वारा की गई थी, यह 1971 तक साप्ताहिक दिखाई दी फिर धीरे-धीरे कम दिखाई देने लगी और 2003 में इसका प्रकाशन बंद हो गया। परंतु इसकी कंपनी आज भी लंदन में एक प्रकाशन, सामग्री और डिजिटल एजेंसी इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज़ लिमिटेड के रूप में जारी है, जो अब पत्रिका के प्रकाशन और व्यापार अभिलेखागार का कार्य करती है।

इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज में उत्तरी भारत राइफल संघ के बारे में लेख प्रकाशित है। उत्तरी भारत राइफल संघ की स्थापना श्री आर.एच. डनलप द्वारा की गई थी, इसमें पहले से ही 250 सदस्य थे। वहीं इस संघ की आगरा, बरेली, लाहौर और सीतापुर में अलग-अलग समय में बैठकें आयोजित होती थी। संघ के सदस्यों द्वारा 28 दिसंबर को आगरा में होने वाले निशानेबाजी के मैच को पूरा किया गया था, जिसके बाद रामपुर के नवाब द्वारा निशानेबाजी के मैच के विजेता श्री आर.जी.करी को ट्रॉफी से पुरस्कृत किया था। आर.जी.करी द्वारा संघ का स्वर्ण पदक और एक या दो अन्य पुरस्कार भी जीते गए थे। करी भारत सरकार के परिषद सर एफ. करी के बेटे थे।

सर फ्रेडरिक करी एक ब्रिटिश राजनयिक थे, जिनका ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और भारतीय सिविल सेवा में प्रतिष्ठित कैरियर रहा था। 12 मार्च 1849 को, करी ने फिर से भारतीय सर्वोच्च परिषद के सदस्य के रूप में अपना पद संभाला था। वे 1853 में इंग्लैंड लौट आए और अगले वर्ष ही उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी का निदेशक चुना गया। वे ईस्ट इंडिया कंपनी के अध्यक्ष पद को संभालने वाले आखरी व्यक्ति थे और इन्होंने ही ब्रिटिश सरकार को कंपनी से क्राउन में सत्ता हस्तांतरण करने की सलाह दी थी।

वहीं लेख में उल्लेख द नॉर्दर्न इंडिया राइफल एसोसिएशन वर्तमान में भारत का एक राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की स्थापना 1951 में भारत में निशानेबाजी के खेलों को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से की गई थी। इसके संस्थापक और पहले राष्ट्रपति जी.वी. मावलंकर थे। मध्ययुगीन काल में निशानेबाजी को भोजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जानवरों और पक्षियों का शिकार करने के लिए शुरू किया था। औद्योगिक क्रांति और कृषि उत्पादन में वृद्धि के परिणामस्वरूप, भोजन के लिए शिकार की आवश्यकता कम हो गई। हालांकि कुछ संपन्न लोग मनोरंजन के हिस्से के रूप में शिकार करना जारी रखते थे। वन्य जीवन को संरक्षित करने और अंधाधुंध अवैध शिकार पर रोक लगाने के लिए, सरकार ने शिकार पर लगभग प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन इनमें से कुछ लोगों ने निशानेबाजी को जारी रखने के लिए इसे एक खेल के रूप में अपना लिया।

संदर्भ :-
1. https://bit.ly/2XDth6N
2. https://en.wikipedia.org/wiki/The_Illustrated_London_News
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Sir_Frederick_Currie,_1st_Baronet
4. http://www.thenrai.in/About_us.aspx?link=4



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