मेडिकल इमेजिंग से लेकर स्मोक डिटेक्टर तक, बेहद उपयोगी है अमेरिसियम

लखनऊ

 06-11-2024 09:13 AM
खनिज
आपको सांप के ज़हर की ख़ासियत पता होगी जो कि एंटीवेनम (Antivenom) के तौर पर किसी की जान भी बचा सकता है। लेकिन अगर वही सांप, सीधे-सीधे किसी को काट ले तो उसकी जान पर बन आती है। अमेरिसियम (Americium) भी एक ऐसा तत्व है, जिसका उपयोग, चिकित्सा इमेजिंग (Medical Imaging) जैसे चिकित्सा अनुप्रयोगों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। हालांकि, इसके सीधे संपर्क में आने पर यह आपके स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा पैदा कर सकता है। आज के इस लेख में हम ' अमेरिसियम' के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह एक्टिनाइड श्रृंखला (Actinide Series) का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो अल्फ़ा कण (Alpha Particle) उत्सर्जित कर सकता है, जिससे यह चिकित्सा इमेजिंग और औद्योगिक गेज (Industrial Gauges) जैसे कई क्षेत्रों में उपयोगी साबित होता है। आज हम, अमेरिसियम के विभिन्न अनुप्रयोगों और इसके रासायनिक गुणों का पता लगाएंगे। अंत में, हम इस तत्व के सीधे संपर्क में आने से होने वाले नुकसान के बारे में भी चर्चा करेंगे।
अमेरिसियम एक विशेष तत्व है, जिसकी खोज 1944 में हुई थी। इसका रंग चांदी जैसा सफ़ेद होता है और इसका घनत्व सीसा (Lead) के समान होता है। इसकी खोज, ग्लेन टी. सीबॉर्ग (Glenn T. Seaborg) के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा आर्गन नेशनल लेबोरेटरी (Argonne National Laboratory) में की गई थी। बाद में, इसे कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (University of California, Berkeley) में संश्लेषित किया गया। अमेरिसियम को क्यूरियम (Curium) नामक एक अन्य तत्व से अलग करना बहुत कठिन था, जिसके कारण इसे "पैन्डेमोनियम" (Pandemonium) नाम से भी जाना जाता है।
अमेरिकियम आवर्त सारणी (Periodic Table) की अंतिम पंक्ति में यूरोपियम (Europium) के नीचे स्थित है। इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि यह यूरोपियम से जुड़ा है, जिसका नाम यूरोप (Europe) के नाम पर रखा गया है। अमेरिसियम एक्टिनाइड श्रृंखला में खोजा गया चौथा सिंथेटिक ट्रांसयूरेनियम (Synthetic Transuranium) तत्व था, जिसे प्लूटोनियम-241 (Plutonium-241) के बीटा क्षय (Beta Decay) से बनाया गया था, जो एक परमाणु रिएक्टर (Nuclear Reactor) से प्राप्त होता है।
1945 में, ब्यूरिस कनिंघम (Burris Cunningham) ने शिकागो विश्वविद्यालय (University of Chicago) में सबसे पहले अमेरिकियम को शुद्ध यौगिक (Pure Compound) के रूप में अलग किया था। इस तत्व का नाम अमेरिका (America) के नाम पर रखा गया।
अमेरिसियम (Am) एक रासायनिक तत्व (Chemical Element) है, जिसका परमाणु क्रमांक, 95 (Atomic Number 95) होता है। इसका परमाणु भार (Atomic Mass) लगभग 243 ग्राम/मोल होता है। इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास [Rn] 5f7 7s2 (Electron Configuration) है। इसका मतलब है कि इसके कोश में कुल 2, 8, 18, 32, 25, 8 और 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
अमेरिसियम चांदी की एक धातु की तरह दिखता है और कमरे के तापमान (Room Temperature) पर ठोस होता है। यह 1449 K (1176 °C या 2149 °F) पर पिघलता है और 2880 K (2607 °C या 4725 °F) पर उबलने लगता है। अमेरिसियम का घनत्व, लगभग 12 ग्राम/सेमी³ है, और इसकी परमाणु त्रिज्या 2.44 Å है। इसमें 6, 5, 4 और 3 सहित विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ (Oxidation States) हो सकती हैं।
अमरिकियम-241 (Americium-241) का उपयोग अमेरिसियम डाइऑक्साइड (Americium Dioxide) के रूप में, स्मोक डिटेक्टर (Smoke Detector) में किया जाता है। अमेरिसियम डाइऑक्साइड का सिर्फ़ एक ग्राम तीन मिलियन से ज़्यादा घरों में स्मोक डिटेक्टरों के लिए पर्याप्त सामग्री प्रदान कर सकता है। यह आइसोटोप (Isotope) प्रभावी होता और कई तरह की आग की स्थितियों का पता लगा सकता है। अमेरिकियम वाले स्मोक डिटेक्टर, अन्य प्रकारों की तुलना में सस्ते और लगाने में आसान भी होते हैं।
अमेरिसियम, अल्फ़ा कण (Alpha Particle) छोड़ता है, जिसे 0.9 माइक्रो-क्यूरी (Microcurie) पर मापा जा सकता है। ये अल्फा कण हवा में ऑक्सीजन (Oxygen) और नाइट्रोजन (Nitrogen) के साथ मिलकर डिटेक्टर के आयनीकरण कक्ष (Ionization Chamber) में आवेशित कण या आयन (Ion) बनाते हैं। इन आयनों को इकट्ठा करने के लिए कक्ष में कम वोल्टेज (Low Voltage) लगाया जाता है। जब धुआं डिटेक्टर में प्रवेश करता है, तो धुएं के कण आयनों से चिपक जाते हैं। इससे इलेक्ट्रोड (Electrode) तक पहुंचने वाले आयनों की संख्या कम हो जाती है, जिससे विद्युत प्रवाह (Electric Current) कम हो जाता है और अलार्म बज जाता है।
स्मोक डिटेक्टर के अलावा, इसका उपयोग, न्यूट्रॉन जांच (Neutron Probing) और न्यूट्रॉन रेडियोग्राफ़ी (Neutron Radiography) में न्यूट्रॉन स्रोत (Neutron Source) के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा, अमेरिसियम भारी तत्वों को बनाने के लिए परमाणु अनुसंधान (Nuclear Research) में एक लक्ष्य सामग्री (Target Material) के रूप में भी कार्य करता है।
इंसान, भोजन, सांस लेने या त्वचा के संपर्क के माध्यम से अमेरिसियम के संपर्क में आ सकता है। शरीर में प्रवेश करने के बाद अमेरिकियम तेज़ी के साथ फैलने लगता है और लंबे समय तक हड्डियों (Bones) में जमा रह सकता है। हड्डियों में संग्रहीत होने के दौरान, अमेरिकियम धीरे-धीरे सड़ता है और रेडियोधर्मी कण और किरणें (Radioactive Particles and Rays) छोड़ता है। ये किरणें आनुवंशिक सामग्री (Genetic Material) को बदल सकती हैं और हड्डी के कैंसर (Bone Cancer) का कारण बन सकती हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि अमेरिसियम हमारे अंगों में केवल थोड़े समय के लिए ही रहता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/24jgbj5k
https://tinyurl.com/2c578rxp
https://tinyurl.com/2cq7fgnh

चित्र संदर्भ
1. स्मोक डिटेक्टर और परमाणु संख्या (Atomic Number - 95) वाले तत्व अमेरिसियम को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr, wikimedia)
2. स्पेक्ट्रम के साथ, माइक्रोस्कोप के नीचे, अमेरिसियम की एक छोटी डिस्क को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. अमेरिसियम के परमाणु (Atom) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. अमेरिसियम -आधारित स्मोक डिटेक्टर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


RECENT POST

  • राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस: जानें प्रिसिशन ऑन्कोलॉजी नामक कैंसर उपचार के बारे में
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:26 AM


  • परमाणु उर्जा के उत्पादन और अंतरिक्ष की खोज को आसान बना देगा नेपच्यूनियम
    खनिज

     06-11-2024 09:17 AM


  • डिजिटल तकनीकों के विकास ने पुरानी गाड़ियों के विक्रेताओं के वारे-न्यारे कर दिए हैं
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     05-11-2024 09:45 AM


  • जानिए, कैसे बदल रहा है इलेक्ट्रोपोरेशन, चिकित्सा विज्ञान के भविष्य को
    डीएनए

     04-11-2024 09:27 AM


  • आइए, यू ई एफ़ ए चैंपियंस लीग के बारे में विस्तार से जानें
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     03-11-2024 09:30 AM


  • आज जानें, काउबॉय बूट्स, उनके हिस्सों, विशेषताओं, कलात्मकता और इतिहास के बारे में
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     02-11-2024 09:18 AM


  • प्राचीन काल से ही भारत और यूनान के बीच रहे हैं ऐतिहासिक संबंध
    धर्म का उदयः 600 ईसापूर्व से 300 ईस्वी तक

     01-11-2024 09:19 AM


  • दिवाली विशेष: इस त्योहार में रंगोलियों, चमकीले दीयों और जगमगाती रोशनी से सजेगा हमारा लखनऊ
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     31-10-2024 09:33 AM


  • जानिए, कम लाभ के बावजूद, प्रतापगढ़ के आंवला किसान, क्यों हैं इस फ़सल के प्रति वफ़ादार
    निवास स्थान

     30-10-2024 09:35 AM


  • महिलाओं का मताधिकार, साबित हुआ, मानव इतिहास का सबसे सराहनीय फ़ैसला
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     29-10-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id