प्रतिभा धन की मोहताज नहीं होती और न ही किसी पारिवारिक पृष्ठभूमि की। उसे आवश्यकता होती है बस एक सही मंच की जो अगर मिल जाए तो प्रतिभा निखरती भी है, और फ़ैलती भी है। पूरी दुनिया में कलाकार सार्वजनिक मंचों पर जादू, नृत्य, संगीत आदि अन्य कलाओं को प्रदर्शित करते हैं। और अपने सपनो को पूरा करते हैं साथ ही यह उनकी आमदनी का भी प्रमुख जरिया होता है। लोग लाइव प्रदर्शन करके अपना जीवन निर्वाह कर रहे थे। परन्तु एक महामारी ने सब कुछ बदल कर रख दिया।
संगीत उद्द्योग को इस महामारी से बेहद आहत किया। भारत में कोरोना महामारी आने से पूर्व लाइव संगीत का उद्योग लगभग 1,280 करोड़ रुपये था। परन्तु महामारी के बाद सभी सामाजिक सेवाएं निषेध हैं। बड़े स्तर पर सामूहिक सभाएं नहीं हो सकती। संगीत क्षेत्रो से जुड़े लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हैं।
वैश्विक संगीत उद्योग का व्यापारिक लेन देन लगभग $ 50 बिलियन से अधिक है जहां राजस्व कमाने के दो प्रमुख स्रोत हैं। पहला स्रोत है लाइव संगीत, जहाँ से कुल राजस्व के 50 प्रतिशत से अधिक की कमाई होती है। जो कमाई टिकटों की बिक्री से लेकर लाइव प्रदर्शन से होती है। दूसरा स्रोत रिकॉर्ड किया गया संगीत, भौतिक बिक्री, स्ट्रीमिंग, डिजिटल डाउनलोड, और सिंक्रनाइज़ेशन राजस्व आदि है। जिसमें फिल्मों, टीवी और विज्ञापन के लिए संगीत के लाइसेंस द्वारा पैसा कमाया जाता है। रिकॉर्ड किया गया संगीत कुल राजस्व का अन्य आधा हिस्सा बनाता है।
महामारी ने संगीत उद्योग को व्यापक रूप से प्रभावित किया है जिसके कुछ प्रभाव निम्नवत हैं।
1. बिक्री और प्रसारण
महामारी को देखते हुए संगीत उपकरणों की बिक्री एक तिहाई तक गिर गयी है। वही डिजिटल अनुप्रयोगों में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी है। जिसको सामान्य गिरावट कह सकते हैं। परन्तु यह गिरावट भी ऑनलाइन संगीत के माध्यम से उभर रही है। वर्ष 2020 के पहले तिमाही में ऑनलाइन संगीत एप्लीकेशन के उपयोगकर्ताओं में 70 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। जहाँ उपयोगकर्ताओं की संख्या 42.7 मिलियन पर पहुंच चुकी है जो 50.4% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रही है।
2. विज्ञापन खर्च
संगीत उद्योग भी अन्य उद्योगों की भांति विज्ञापन खर्च में भारी कटौती का सामना कर रहा है। इंटरएक्टिव एडवरटाइजिंग ब्यूरो द्वारा किये गए एक सर्वे से पता चला है, कि की 2020 के पहले छह महीनों में लगभग एक चौथाई मीडिया खरीदारों और व्यापारिक संस्थानों ने अपने विज्ञापन खर्चों को 46% प्रतिशत तक कम कर दिया था। जिससे डिजिटल विज्ञापनों के खर्च में लगभग एक तिहाई कमी आई और विज्ञापनों पर आधारित संगीत चैनलों को प्रभावित किया।
3. वितरण ( Distribution)
महामारी ने वितरण सम्बन्धी एक नयी समस्या उत्पन्न कर दी। संगीतकारों को वर्ष 2020 में पूर्व निर्धारित आयोजनों की समय सीमा बढ़ानी पड़ी अथवा उनको रद्द करना पड़ा। छह महीनों तक लॉक-डाउन के कारण लगभग 10 बिलियन डॉलर के वैश्विक नुकसान होने की आशंका है।
चूँकि महामारी के दौर में लोग सार्वजनिक सभाएं करने में असमर्थ हैं। इसलिए यदि संगीत उद्योग को निकट भविष्य में उभारना है, तो इस क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की आवयकश्यता है। हमने देखा की लोगो का ऑनलाइन संगीत प्रसारण की ओर खासा ध्यान है। जो की सुरक्षित होने के साथ-साथ आपकी यात्रा खर्च को भी बचाता है। इसलिए कलाकार अब ऑनलाइन म्यूजिक प्लेटफॉर्म जैसे की Spotify, Amazon Music, TIDAL, YouTube Music की ओर रुख कर रहे हैं। इंस्टाग्रामटीवी, फेसबुक और यूट्यूब लाइव और जूम इत्यादि पर कलाकार मामूली शुल्क लगाकर सदस्यता ले रहे हैं। जो की उनकी आमदनी का अहम हिस्सा बन रहा है।
महामारी के कारण संगीत उद्योग शायद निकट भविष्य में भी पूरी तरह से पटरी पर न लौटे। परन्तु संकट के इस समय में जहां कई बड़ी कंपनियां और व्यापार पूरी तरह से डूब गए। वहीं दूसरी ओर नए स्टार्टअप के लिए नए दरवाजे भी खुल गए हैं। इस क्षेत्र से जुड़े दिग्गजों का कहना है कि भले ही डिजिटल सामग्री को खरीदने में कुछ पैसे की खपत हो, परन्तु महामारी छोटे तथा लाइव संगीत उद्योंगो के लिए एक शानदार अवसर बन गया है। कलाकार ऑनलाइन सगीत माध्यमों से वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता और आय के नए स्रोत जोड़ रहे हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/3vXA8Jc
https://bit.ly/2PwlNTC
https://bit.ly/3clTBMc
https://bit.ly/3tRE1h5
चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर ऑनलाइन संगीत ऐप दिखाती है। (पिक्सहिव)
दूसरी तस्वीर BTS बैंड द्वारा ऑनलाइन कॉन्सर्ट को दर्शाती है। (एबीसी न्यूज)
अंतिम तस्वीर ऑनलाइन कॉन्सर्ट के कारण खाली हॉल दिखाती है। (विकिपीडिया)