‘कला’, इस शब्द का जब कभी भी हम ज़िक्र करते है तो मन में काफी सारे विचार आने लगते है, लोग कहते है कि कला का कोई अंत नहीं होता, और उसकी कोई हद नहीं होती है और यह बात सच भी है। आज हम एक ऐसी ही कला की बात करेंगे जिसकी कोई हद नहीं है और यह कला अपने आप में ही अनोखा। हम बात कर रहे है ‘पॉप सरेलिसम’ (Pop Surrealism) की, एक तरह से अगर कहे तो यह एक ‘काल्पनिक कला’ है जिसमे कलाकार अपने कल्पनाओं को चित्र के रूप में प्रकट करता है। इस कला की उत्पत्ति लॉस एंजेलिस (Los Angeles) और कैलिफ़ोर्निया (California) में 80 के दशक में हुई और उस समय इस कला नें वहां के नौजवानों के बीच बहुत लोकप्रियता हासिल की।
अगर आपको सरल भाषा में समझाएं तो पॉप सरेलिसम में कलाकार का उद्देश्य हँसोड़पन – भावना, जिसे हम अन्रेजी में सेन्स ऑफ़ ह्यूमर (Sense of Humour) कहते है, से लोगों को आकर्षित कर उन्हें अपना सन्देश व्यक्त करते है। कलाकार, कार्टून (Cartoon) के पात्रों के माध्यम से लोगों के बीच अपने विचार व्यक्त करता है। तो आयी इस कला के बारे में ऊपर दिए गए विडियो (Video) की मदद से समझते है। यह एक 360 डिग्री विडियो है। एक प्रकार से कहे तो यह विडियो एक ‘जादुई विडियो’ है जिसे आप अपने उँगलियों के मदद से चारो और घुमा सकते है। तो देर किस बात की ऊपर ‘पॉप सरेलिसम’ (Pop Surrealism) के विडियो पर क्लिक करें और इस अद्भुत कला का आनंद लें।
विडियो का सन्दर्भ:
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