फ़ुटबॉल में ट्रांसफ़र मार्केट (Transfer market) वह क्षेत्र है, जिसमें फ़ुटबॉल खिलाड़ी, विभिन्न क्लबों में ट्रांसफ़र या शामिल हो सकते हैं। ट्रांसफ़र मार्केट, मुख्य रूप से उन खिलाड़ियों से सम्बंधित है, जो विभिन्न क्लबों में शामिल होने के लिए उपलब्ध होते हैं। क्यों कि, खिलाड़ियों को अपने क्लबों में शामिल करने के लिए विभिन्न क्लबों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है, इसलिए इस प्रक्रिया में पैसे का लेन-देन भी होता है। फुटबॉल में, खिलाड़ियों का ट्रांसफ़र मुख्य रूप से तब होता है, जब बेचने वाले और खरीदने वाले क्लब, उन खिलाडियों की बिक्री की शर्तों पर सहमत होते हैं। किसी खिलाड़ी को खरीदने वाला क्लब, उसके साथ एक अनुबंध बनाता है, जिस पर दोनों की सहमति होती है। किसी भी व्यावसायिक लेनदेन की तरह, खिलाडियों का विभिन्न क्लबों में ट्रांसफ़र कई तरह से हो सकता है। जब कोई क्लब, किसी खिलाड़ी को साइन करने में दिलचस्पी रखता है, तो उस क्लब का एक प्रतिनिधि आमतौर पर उस क्लब से आधिकारिक बातचीत करेगा, जिसके साथ उस खिलाड़ी का मौजूदा अनुबंध होता है। यदि कोई क्लब, किसी खिलाड़ी को बेचने के लिए तैयार है, तो नए क्लब में शामिल होने की संभावना स्वाभाविक रूप से संबंधित खिलाड़ी के सामने रखी जाती है, जो फिर अपने एजेंट और सलाहकारों के साथ, इस पर विचार करता है। एक ट्रांसफ़र को पूरा करने के कई चरण होते हैं। सबसे पहले तो दोनों क्लबों को ट्रांसफ़र फ़ीस के साथ-साथ किसी भी क्लॉज़ (clause) , जैसे कि सेल-ऑन प्रतिशत और अन्य वित्तीय प्रलोभनों पर बातचीत करनी होती है। इसके बाद, खरीदने वाले क्लब को उस खिलाड़ी के साथ नए अनुबंध पर बातचीत करनी होती है, जिसे वे अपने क्लब में शामिल करना चाहते हैं। तो आज, आइए, इन चलचित्रों के माध्यम से जानें कि एक फ़ुटबॉल ट्रांसफ़र क्या है तथा यह कैसे काम करता है। इसके साथ ही, हम इंडियन सुपर लीग (Indian Super League - ISL) और प्रीमियर लीग (Premier League) के ट्रांसफ़र मार्केट्स की तुलना भी करेंगे।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yfdknnym
https://tinyurl.com/t87pufbc
https://tinyurl.com/sv7nhb4t
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