2019 में रामपुर में साइबर अपराध की 130 घटनाएं हुईं, जिससे हमारा शहर भारत के 750 से ज्यादा जिलों में 44वे स्थान पर आ खड़ा है। साथ ही यह उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में साइबर अपराधों में 15वे स्थान पर है। वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधों की कुल संख्या 11,416 थी, जिनमें से 1.1% अपराध रामपुर में हुए। उत्तर प्रदेश के हर जिले में 2019 में साइबर अपराध की औसतन 150 घटनाएं थी जो एनसीआरबी (National Crime Record Bureau) के आंकड़ों के अनुसार 2021 में घटकर 111 हो गई। 2021 में रामपुर में साइबर अपराध की घटनाएं घटकर 13 रह गईं, जिससे यह पूरे भारत में साइबर अपराधों की श्रेणी में 44 से 477वे स्थान पर आ गया, जबकि उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर 15 से 74वे स्थान पर आया। इससे यह ऐसा जिला बन गया, जिसने अपने साइबर अपराध की घटनाओं में सबसे बड़ी कमी दर्ज की। वर्ष 2021 में पूरे देश के आधे मामले सिर्फ तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक से आये थे। शहरों की बात करें तो बेंगलुरु और हैदराबाद इन मामलों में सबसे ऊपर रहे। लेकिन चूंकि एनसीआरबी केवल एफआईआर (FIR) की ही गिनती करता है, यह अपराध की जमीनी हकीकत को नहीं दर्शाता है। गृह मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद से साइबर अपराध की रिपोर्ट करने के लिए नागरिकों ने एक सरकारी पोर्टल पर 1.6 मिलियन से अधिक घटनाएं दर्ज की जिनमे केवल लगभग 32,000 मामलों में प्राथमिकी (FIR) दर्ज हुईं — जो की 50 में से मात्र 1 की रूपांतरण दर को दर्शाता है। भारत में 2021 में साइबर अपराधों की 52,974 घटनाएं हुईं, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग छह प्रतिशत अधिक है। राज्यों की सूची में तेलंगाना सबसे ऊपर है, जिसमे देश के 19 प्रतिशत से अधिक मामले सामने आये। राज्य ने 2021 में 10,303 मामलों की सूचना दी, जो एक साल पहले की तुलना में 105 प्रतिशत अधिक है। सूची में अगले दो राज्य उत्तर प्रदेश और कर्नाटक हैं, जिनमें संख्या में क्रमशः 20 प्रतिशत की कमी के साथ 8829 और 24 प्रतिशत की कमी के साथ 8136 मामले देखे गए । महाराष्ट्र और असम 2021 में क्रमशः 5562 और 4846 साइबर अपराधों के साथ चौथे और 5वें स्थान पर रहे। सबसे अधिक बार-बार होने वाले अपराधों में 14007 मामले साइबर/ बैंक सम्बन्धी धोखाधड़ी थे, जो की कुल साइबर अपराधों के 26% से अधिक था।
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