भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भारत में क्रिकेट के लिए शासी निकाय है। बोर्ड का गठन दिसंबर 1928 में एक सोसायटी के रूप में किया गया था, जो तमिलनाडु सोसाइटीज पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत थी। BCCI आज दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बन गया है। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। बीसीसीआई का अपना संघटन है, जिसमें खिलाड़ियों और प्रबंधकों के लिए इसके सुचारू संचालन हेतु नियमों और विनियमों को निर्दिष्ट किया गया है। बीसीसीआई अपने वित्तपोषण हेतु भारत सरकार पर निर्भर नहीं है। इसके सभी निर्णय बोर्ड के सदस्यों द्वारा ही लिए जाते हैं जिनमें खेल मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। इसलिए यह एक सरकारी संस्था नहीं है।
BCCI के कारोबार को बढ़ाने में टीवी चैनलों और विज्ञापनों का विशेष योगदान है। अभी पांच वर्षों के लिए स्टार इंडियन (टीवी चैनल) ने 16,437.5 करोड़ रुपये के आईपीएल के मीडिया अधिकारों को खरीदा, जो कि प्रति मैच 54.5 करोड़ या प्रति वर्ष 3,287.5 करोड़ के बराबर है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायोजक ओप्पो (Oppo) है, जो 1,079 करोड़ की लागत से पांच साल की अवधि तक इसका प्रायोजक बना रहेगा। अन्य शीर्ष प्रायोजक पेटीएम (Paytm) है, नाइकी ने क्रिकेट किट (Cricket Kit) प्रायोजक के रूप में 2016 से 2020 तक के लिए 370 करोड़ रूपए में प्रायोजन अधिकार खरीदा। साथ ही आधिकारिक साझेदार पेप्सी (Pepsi), हुंडई (Hyundai), जनलक्ष्मी तथा आधिकारिक प्रसारणकर्ता स्टार स्पोर्ट्स (Star Sports) हैं।
बीसीसीआई निम्न घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है:
1. इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League)
2. रणजी ट्रॉफी
3. दलीप ट्रॉफी
4. देवधर ट्रॉफी
5. BCCI कॉर्पोरेट ट्रॉफी
6. विजय हज़ारे ट्रॉफी
7. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी
8. ईरानी कप
9. एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्रॉफी
10. सीनियर महिला वन डे लीग
11. सीनियर महिला टी 20 लीग
इसका वार्षिक कारोबार 14 बिलियन डॉलर (अर्थात 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक) के करीब है, फार्चून ग्लोबल (Fortune Global) 500 की रिपोर्ट में इसे भारत के शीर्ष 10 निगमों में स्थान दिया गया है। फार्चून ग्लोबल 500 रिपोर्ट के अनुसार भारत की अन्य शीर्ष कंपनियां इस प्रकार हैं:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में अध्यक्ष का पद सर्वोच्च होता है। बीसीसीआई ने एक धर्मार्थ संगठन के रूप में छूट का दावा करते हुए अपनी आय को कर मुक्त किया था। हालांकि आयकर विभाग ने 2007-08 से इस छूट को खारिज कर दिया, BCCI ने 2009-10 के वित्तीय वर्ष में अपनी 413 करोड़ की कर देयता के विपरीत केवल 41.9 करोड़ की कर राशि का भुगतान किया। विगत कुछ समय पूर्व BCCI पर भ्रष्टाचार, मैच फिक्सिंग (Match Fixing), रिश्वतखोरी इत्यादि के आरोप लगे। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को अपना पुनर्गठन करने के निर्देश दिए। किंतु BCCI द्वारा इस विषय में कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी 2017 को लोधा समिति के सुधारों को लागू करने के लिए प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति को बीसीसीआई के प्रशासन की निगरानी के लिए नामित किया। न्याय लोधा समिति के कार्यान्वयन के कारण, BCCI के पास कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। वर्तमान में यह पूर्व सीएजी श्री विनोद राय के नेतृत्व वाली प्रबंधकों की समिति द्वारा चलाया जा रहा है। अपने स्थायी अध्यक्ष की अनुपस्थिति के बाद भी बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। शायद यही कारण है कि दुनिया के सभी क्रिकेट बोर्ड में आज इसका वर्चस्व है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2w9XI7P
2. https://blog.ipleaders.in/bcci-organisational-structure/
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Board_of_Control_for_Cricket_in_India
4. https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_companies_of_India
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