Post Viewership from Post Date to 06-Mar-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1564 121 1685

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कैंसर देखभाल में प्रमुख बाधाओं में से एक है कौशल अंतर

मेरठ

 04-02-2022 02:15 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इसकी रोकथाम, जांच और उपचार को प्रोत्साहित करना है। विश्व कैंसर दिवस का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (Union for International Cancer Control) द्वारा किया जा रहा है, ताकि 2008 में लिखे गए विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्यों का समर्थन किया जा सके। विश्व कैंसर दिवस का प्राथमिक लक्ष्य कैंसर से होने वाली बीमारी और मृत्यु को कम करना है।विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर से प्रभावित लोगों को सहयोग प्रदान करने के लिए कई पहल चलाई जाती हैं।इन आंदोलनों में से एक नो हेयर सेल्फी (#NoHairSelfie)है। यह एक वैश्विक आंदोलन है, जिसमें "हेयरटिसिपेंट्स" (Hairticipants) अपने सिर को या तो शारीरिक रूप से या आभासी रूप से मुंडवाते हैं, ताकि कैंसर के इलाज से गुजर रहे लोगों के साहस को प्रतीकात्मक रूप से व्यक्त किया जा सके। प्रतिभागियों की छवियों को फिर पूरे सोशल मीडिया पर साझा किया जाता है। इसके अलावा दुनिया भर में सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।2019-2021 अभियान का विषय 'आई एम एंड आई विल' (I Am and I Will) था। इस विषय का उद्देश्य कैंसर के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण और इस बात का विरोध करना है, कि ‘कैंसर के बारे में कुछ नहीं किया जा सकता’। यह इस बात को बढ़ावा देता है कि हमारे व्यक्तिगत कार्य कैसे शक्तिशाली और प्रभावशाली हो सकते हैं।विश्व कैंसर दिवस 2022-2024 के लिए विषय “क्लोज द केयर गैप” (Close the Care Gap) लिया गया है।“क्लोज द केयर गैप” अभियान का पहला वर्ष दुनिया भर में कैंसर देखभाल में असमानताओं को समझने और पहचानने के बारे में है।कैंसर की देखभाल में असमानता से लोगों की जान चली जाती है तथा कैंसर देखभाल चाहने वाले लोग हर मोड़ पर बाधाओं से टकराते हैं।आय, शिक्षा, स्थान और जातीयता, लिंग, यौन अभिविन्यास, आयु, विकलांगता और जीवन शैली के आधार पर भेदभाव कुछ ऐसे कारक हैं जो देखभाल को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।यह अंतर आप और आपके प्रियजनों सहित सभी को प्रभावित करता है, जिन्हें बदला जा सकता है।
कैंसर देखभाल की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर अनुबंधन प्रदान करने के लिए व्यापक स्वास्थ्य और एकीकृत सेवाओं के लिए राज्य एजेंसी (Comprehensive Health and Integrated Services - SACHIS) ने एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल (Access Health International) के माध्यम से रोश इंडिया हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट (Roche India Healthcare Institute) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।इस व्यवस्था में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में उत्तर प्रदेश की कैंसर देखभाल प्रणाली में मौजूद प्रशिक्षण अंतरालकी समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।स्टाफ को नई तकनीकों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और जरूरतमंद मरीजों के लिए अनुबंधन या लिंकेज (Linkage) मुहैया कराए जाएंगे। समझौता ज्ञापन की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई है,क्योंकि राज्य में कई केंद्र पिछड़ रहे हैं। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राज्य में ऑन्कोलॉजी (Oncology) सेवाओं के लिए 350 से अधिक अस्पताल पैनल बद्ध हैं, केवल 21% सक्रिय हैं और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में भाग ले रहे हैं।गुणवत्तापूर्ण कैंसर देखभाल प्रदान करने में आज हम अनेकों बड़ी बाधाओं का सामना कर रहे हैं, जिनमें से एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी भी है।कैंसर को कम करने में प्रगति हासिल करने के लिए इस अंतर को खत्म करना अत्यधिक आवश्यक है।
दुनिया के कई हिस्सों में और विशेष रूप से दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में, कैंसर के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (विशेषकर ऑन्कोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजी नर्स (Nurses)) की भारी कमी है।वास्तव में कुछ देशों में देखभाल प्रदान करने के लिए नैदानिक ऑन्कोलॉजिस्ट नहीं हैं।उदाहरण के लिए,डिम्बग्रंथि, गर्भाशय ग्रीवा और योनि कैंसर आदि में कौशल और अनुभववाले स्त्री रोग संबंधी ऑन्कोलॉजिस्ट और बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी में कैंसर देखभाल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक और नर्स बहुत सीमित संख्या में हैं।जैसे-जैसे कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है और कौशल का अंतर बढ़ता जा रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। यह रोगियों की देखभाल की गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है और पहले से मौजूद कैंसर स्वास्थ्य असमानताओं को और भी अधिक बढ़ाता है।स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की अपर्याप्त शिक्षा गुणवत्तापूर्ण कैंसर देखभाल प्रदान करने और प्राप्त करने में सबसे जरूरी मुद्दों में से एक है।सटीक निदान और गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए, हमें कौशल अंतर को दूर करना चाहिए।ऐसा करने का एक तरीका संपूर्ण कैंसर देखभाल निरंतरता में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देना है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को शुरुआती संकेतों और लक्षणों को पहचानने, उचित प्रारंभिक पहचान उपायों को समझने, कैंसर के उपचार के सुरक्षित और उचित प्रशासन को सुनिश्चित करने और उपशामक देखभाल, दर्द और संकट प्रबंधन देने में सक्षम होने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।प्रशिक्षण के लिए अधिक संसाधनों का विकास किया जाना चाहिए,जिससे ऑन्कोलॉजी में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि हो सके,कुशल स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिधारण के लिए बनाई गई रणनीतियों के सुचारू रूप से संचालन के उचित नीतियां बनाई जानी चाहिए।स्वास्थ्य कार्यकर्ता ज्ञान हस्तांतरण में सुधार के लिए स्थानीय रूप से अनुकूलित, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील सामग्री के विकास का समर्थन कर सकते हैं।शिक्षक पारंपरिक तरीकों के पूरक के रूप में मोबाइल और ऑनलाइन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ा सकते हैं।अस्पताल, क्लीनिक और सरकार जहां संभव हो मौजूदा सामग्री, प्रशिक्षण नेटवर्क और बुनियादी ढांचे पर जरूरी कारवाई कर सकते हैं।पारंपरिक रूप से गैर-कैंसर विशेषज्ञों जैसे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, नैदानिक स्वास्थ्य सहायकों, नर्सों और चिकित्सकों को कैंसर देखभाल कार्यों में शामिल किया जा सकता है।भारत में कैंसर से ग्रसित कई लोगों को अपने आस-पास उचित सुविधा मुहैया नहीं होती है,और उन्हें अपने घर से बहुत दूर जाकर चिकित्सा सुविधा प्राप्त करनी पड़ती है। इस समस्या को सुलझाना भी अत्यधिक आवश्यक है।कोरोना महामारी के कारण कैंसर से ग्रसित लोगों की चिकित्सा सुविधा अत्यधिक प्रभावित हुई है, तथा ऐसी स्थिति के लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत है। भारत में निदान के समय से ही रोगी और उसकी देखभाल करने वाले या परिवार अपने दम पर इस समस्या का सामना करते हैं।इलाज के विकल्प और अस्पतालों की गुणवत्ता से लेकर सेकेंड ओपिनियन (Second opinion) और फॉलो-ऑन केयर (Follow-on care) तक हर चीज पर प्रयोग करने योग्य और प्रासंगिक संरचित जानकारी का अत्यधिक अभाव है।रोगी को दी जाने वाली चिकित्सा देखभाल भी रोगी केंद्रित नहीं होती है।ये सभी चीजें भारत में कैंसर देखभाल वितरण की पुनर्कल्पना करने के समक्ष मुख्य चुनौतियां हैं।इसके समाधान के लिए एक कंस्यूमर फेसिंग डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म (Consumer facing digital platform)बनाना होगा जो एंड-टू-एंड (End-to-End) जानकारी प्रदान करे।कैंसर देखभाल की गुणवत्ता में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना जरूरी है।एक संपूर्ण ऑन्कोलॉजी प्रणाली का निर्माण किया जाना चाहिए,जो रोगी केंद्रित हो और सर्वांगीण मार्गदर्शन सुनिश्चित करे।

संदर्भ:
https://bit.ly/3uhZIuj
https://bit.ly/3IY1QLx
https://bit.ly/3ggM5Dm
https://bit.ly/3ISohSu
https://bit.ly/3rrKuRH
https://bit.ly/3APBTej

चित्र संदर्भ:
1.उन्नत कैंसर उपचार का चित्रण(youtube)
2.एक कैंसर कोशिका(youtube)
***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id