पेड़ों पर चढ़ने के लिए चारों पैरों का उपयोग करते हैं, काले भालू

मेरठ

 13-06-2021 11:25 AM
व्यवहारिक

ग्रिजली (Grizzly) या भूरे रंग के एक बड़े भालू के कंधे में सामान्य तौर पर एक कूबड़ जैसी संरचना होती है, किंतु यह संरचना काले रंग के भालू में नहीं होती। इनके भूरे रंग का मजल (Muzzle - नाक और मुंह सहित चेहरे का प्रक्षेपित भाग) विशिष्ट होता है। उनके पंजे मजबूत घुमावदार होते हैं, जो उन्हें आसानी से पेड़ों पर चढ़ने की अनुमति देते हैं। पेड़ पर चढ़ने वाले अन्य स्तनधारियों, जो नीचे उतरते समय पहले सिर को आगे बढ़ाते हैं, के विपरीत काला भालू अपने पिछले पैरों के सहारे पेड़ से नीचे उतरता है। काले भालू सर्वाहारी होते हैं तथा जामुन, जड़ें, घास और अन्य पादप पदार्थ, कीड़े, कैरियन (Carrion) आदि खाते हैं। काले भालू चढ़ाई चढ़ने में उत्कृष्ट होते हैं और चढ़ने के लिए अपने चारों पैरों का उपयोग करते हैं। वे अपने शरीर को पीछे के पैरों की मदद से ऊपर उठाते हैं, तथा आगे के पैरों की मदद से अपनी पकड़ बनाते तथा शरीर को खींचते हैं। कुछ इसे इतनी जल्दी करते हैं, कि ऐसा लगता है कि वे पेड़ पर चल रहे हैं। अमेरिकी (American) काले भालू के पंजे हुकनुमा होते हैं, जिससे उन्हें पेड़ को पकड़ने में मदद मिलती है। भूरे भालू आमतौर पर बहुत भारी होते हैं, और अपने आगे और पीछे के पैरों का उपयोग करके खुद को पेड़ पर चढ़ा नहीं सकते, इसलिए वे पेड़ पर चढ़ने के लिए शाखाओं का उपयोग करते हैं। वे शाखाओं का उपयोग सीढ़ी के रूप में करते हैं। भूरे भालू अधिक नीचे झुकी शाखाओं वाले पेड़ों पर चढ़ सकते हैं। भारत में भालू की चार प्रजातियां मौजूद हैं, जिनमें एशियाई काला (Asiatic Black) भालू, स्लोथ (Sloth), सन (Sun) और हिमालयी भूरा (Himalayan Brown) भालू शामिल हैं। आइए, इन दो वीडियो के जरिए देखते हैं, कि एक काला भालू पेड़ पर कैसे चढ़ता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3pKRLJA
https://bit.ly/2TmE9Ir

RECENT POST

  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • vfrnhh
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 12:41 PM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM


  • मेरठ क्षेत्र में किसानों की सेवा करती हैं, ऊपरी गंगा व पूर्वी यमुना नहरें
    नदियाँ

     18-12-2024 09:26 AM


  • विभिन्न पक्षी प्रजातियों के लिए, एक महत्वपूर्ण आवास है हस्तिनापुर अभयारण्य की आर्द्रभूमि
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:29 AM


  • डीज़ल जनरेटरों के उपयोग पर, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्या हैं नए दिशानिर्देश ?
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:33 AM


  • आइए देखें, लैटिन अमेरिकी क्रिसमस गीतों से संबंधित कुछ चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:46 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जानिए, बिजली बचाने के कारगर उपायों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id