कैसे उभरता है हमारा शरीर किसी चोट से?

मेरठ

 28-11-2018 02:01 PM
शारीरिक

मानव का उसके जीवन में कई बार कई दुर्घटनाओं से सामना होता रहता है। विशेषकर बचपन में खेलते समय, उनमें से एक है चोट लगना। चोटें भी दो तरह की होती हैं, जिनमें से एक स्वतः ही ठिक हो जाती है तथा दूसरी विशेष उपचार के पश्चात। किंतु इसमें एक चरण समान होता है, वह है चोट सही होने की प्रक्रिया, जो कुछ इस प्रकार हैं:

रक्तस्तम्भन चरण:
रक्तस्तम्भन चरण में घाव को आतंचन (Clotting; खून का थक्का बन जाना) की मदद से बंद किया जाता है। इसकी प्रक्रिया तब शुरू होती है जब शरीर से रक्त निकलने लगता है। रक्तस्तम्भन के पहले चरण में रक्त वाहिकाएं रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित करने के लिए बाध्य होती हैं। अगले चरण में प्लेटलेट (Platelet) एक साथ मिलकर रक्त वाहिकाओं की दरार पर एक दीवार बना देती हैं। अंत में प्लेटलेट, फाइब्रिन (Fibrin) के धागे (जो आणविक बाध्यकारी प्रतिनिधि की तरह होते हैं) के साथ जोड़कर स्‍कंदन मजबूत करता है। घाव को भरने की रक्तस्तम्भन प्रक्रिया बहुत तीव्र होती है।

सूजन चरण:
सूजन घाव के उपचार का दूसरा चरण है और चोट लगने के ठीक बाद शुरू होता है, इसमें घायल हुई रक्त वाहिकाएं ट्रांसुडेट (Transudate; पानी, नमक और प्रोटीन से बना) का रिसाव करती हैं, जो स्थानीय सूजन का कारण बनता है। सूजन रक्तस्राव को नियंत्रित करता है और संक्रमण को रोकता है। वहीं द्रव की अतिरक्तता कोशिकाओं को उपचार और मरम्मत के लिए घाव तक पहुँचने की अनुमति देता है। सूजन चरण के दौरान, क्षतिग्रस्त कोशिकाओं, रोगजनकों, और जीवाणुओं को घाव के क्षेत्र से हटा दिया जाता है। सूजन घाव के उपचार का एक प्राकृतिक हिस्सा है। लेकिन ये लंबे समय या अत्यधिक होने पर समस्या का कारण बन सकता है।

प्रफलन चरण:
प्रफलन चरण तब शुरू होता है जब घाव को कोलेजन (Collagen) और बाह्य कोशिका मैट्रिक्स (Matrix) से बने नए ऊतक के साथ पुनर्निर्मित किया जाता है। इस चरण में नए ऊतकों के बनने से घाव सिकुड़ने लगता है। मायोफ़ायब्रोब्लास्ट (Myofibroblasts) ही घावों के सिकुड़ने का कारण होता है, जो घावों के किनारों को पकड़कर उन्हें एक साथ खींचता है। वहीं स्वस्थ चरण में कणिकायन ऊतक गुलाबी या लाल और बनावट में असमतल होते हैं। इसके अलावा स्वस्थ ऊतक से खून नहीं बेहता है। गहरे रंग के कणिकायन ऊतक संक्रमण या खराब द्रवनिवेशन का संकेत हो सकता है। परिपक्वता चरण

परिपक्वता चरण को घाव के उपचार का पुनःस्थापित चरण भी कहा जाता है। यह तब शुरू होता है, जब कोलेजन को प्ररूप III से प्ररूप I तक पुनःस्थापित किया जाता है और घाव पूरी तरह से बंद हो जाता है। जिन कोशिकाओं का उपयोग घाव की मरम्मत के लिए किया जाता है, उन्हें आवश्यकता ना होने पर एपोप्टोसिस (Apoptosis) द्वारा हटा दिया जाता है। आम तौर पर, चोट लगने के लगभग 21 दिन बाद पुनःस्थापित चरण की प्रक्रिया शुरू होती है और एक साल या उस से अधिक तक जारी रह सकती है।

घाव के उपचार के साथ-साथ हमारे द्वारा उनकी देख-रेख भी की जानी चाहिए, इसका तात्पर्य घाव को साफ और ढककर रखने से है। यह संक्रमण से रोकने में मदद कर सकता है। कुछ अन्य सावधानियां निम्नवत हैं:

1. मामूली घावों को नम्र साबुन और पानी से साफ करें। साथ ही घाव को पट्टी या अन्य ड्रेसिंग से ढकें।
2. बड़े घावों के लिए चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें।
3. घाव वाले स्थान को खरोंचने से बचाएं। यह घाव के उपचार के चरणों में हस्तक्षेप कर सकता है और वहां निशान भी छोड़ सकता है।
4. जब चोट का निशान रह जाता है तो कुछ लोग ये सोचते हैं कि इन्हें विटामिन ई (Vitamin E) या पेट्रोलियम जेली (Petroleum Jelly) के साथ मालिश करने से कम किया जा सकता है। हालांकि ये उपाय पूरी तरह से कारगर नही हैं। इसलिए बिना चिकित्सक के निर्देश के इसका इस्तेमाल ना करें।
5. कुछ कारक ऐसे भी होते हैं जो घावों को ठीक करने से रोक या धीमा कर सकते हैं, जैसे कि: संक्रमण, मधुमेह, अपर्याप्त रक्त प्रवाह, मोटापा, आयु, शराब का अधिक मात्रा में सेवन, तनाव, अन्य दवाएं और धुम्रपान। इन स्थितियों में चिकित्सक से संपर्क करें।

संदर्भ:

1.https://www.woundsource.com/blog/four-stages-wound-healing
2.https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000741.htm
3.https://www.webmd.com/first-aid/ss/slideshow-how-does-your-wound-heal

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id