सौंदर्य की अपनी एक अलग ही महत्ता होती है। सौन्दर्य रंग पर आधारित नहीं अपितु शारीरिक संरचना के आधार पर होता है। यदि सौंदर्य को देखा जाये तो प्राचीन भारतीय मूर्तियाँ इसका प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। दीदारगंज यक्षी, शालभंजिका आदि सौन्दर्य के प्रतिमान हैं। वर्तमान काल में पतले शरीर सौन्दर्य के रूप में देखे जाते हैं पर क्या ये वास्तविकता में सौन्दर्य है? समाज विभिन्न अनेकताओं से भरा हुआ है। यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग शारीरिक संरचना वाला है। सबके शारीरिक प्रतिमान बिलकुल भिन्न होते हैं। परन्तु यदि वर्तमान की बात की जाये तो यह अत्यंत सोचनीय है कि क्या वास्तव में सौंदर्य प्रतिभागी जो विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेती हैं जैसे कि मिस इंडिया, वर्ल्ड या अन्य, सभी लोगों के समान हैं? यहाँ पर यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण बिंदु है क्यूंकि जिस प्रकार की शारीरिक संरचनाएँ हमें देखने को मिलती हैं और जिन्हें हम सुन्दरता कहते हैं वो वास्तविकता में शरीर के साथ खिलवाड़ साबित होता है। प्राकृतिक रूप से प्रदत्त शरीर और उसकी देख भाल करना अलग है लेकिन शरीर को कष्ट देकर उसमें सम्पूर्ण आहार की पूर्ती न कर के बनाया गया शरीर वास्तविकता में प्राकृतिक नहीं होता।
शरीर को भरपूर आहार की पूर्ती ना मिलने के कारण कई प्रकार की बीमारियाँ भी हो जाती हैं ये बीमारियाँ मनुष्य को और पतला कर देती हैं जिससे व्यक्ति अस्वस्थ दिखने लगता है। शरीर को पतला रखने की धारणा बार्बी गुडियों से भी प्रेरित है। इन गुड़ियों के प्रचलन और शारीरिक संरचना को सौंदर्य का प्रतिमान मान लिया जाता है। अमेरिका व अन्य देशों में इस विषय में अध्ययन किया गया जिसमें यह साबित हुआ है कि यह एक प्रकार से बीमारी है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर को एक प्रयोगशाला के रूप में प्रयोग करता है। भारत में सौन्दर्य की परिभाषा हमेशा से अलग ही रही है जिसका प्रमाण हमें विभिन्न धर्म ग्रंथों में वर्णित मूर्ती विज्ञान व ताल मान के विवरणों से हो जाता है। हाल ही में जौनपुर में मिस उत्तर प्रदेश की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें कई प्रतिभागियों ने भाग लिया था। प्रतिभा का प्रदर्शन सर्वथा जरूरी है परन्तु शरीर को दी गयी चिंता सर्वथा अनुचित है क्यूंकि जिस प्रकार से सौंदर्य को हम देखते हैं और शरीर को उस अनुसार बदलते हैं उसके कारण शरीर कई समस्याओं से घिर जाता है जो कि वास्तविकता में अत्यंत भयावह है।
1.https://www.bartleby.com/essay/The-Negative-Impact-of-Beauty-Contests-and-P3CCJ4LZVJ 2.https://www.ultius.com/ultius-blog/entry/the-negative-effects-of-beauty-pageants.html 3.https://www.theguardian.com/books/2005/jan/29/history.highereducation 4.https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/jaunpur/story-allahabads-tanu-priya-became-miss-up-1919755.html© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.