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ट्रांसफरवेयर(Transferware) की कहानी, यूरोप के तटीय क्षेत्रों से लेकर पूरे विश्व में फैली हुई है। साथ ही, हमारे देश भारत की जीवंत और विविध चित्रकारी को यह सुदूर देशों और संस्कृतियों तक पहुंचाती है। ट्रांसफरवेयर में भारतीय प्रभाव, सजावटी सिरैमिक(Ceramics) के इतिहास में एक आकर्षक अध्याय का प्रतिनिधित्व करता है, जो पूर्व और पश्चिम के बीच, विचारों, रूपांकनों और सौंदर्यशास्त्र के गतिशील आदान-प्रदान को दर्शाता है। इसलिए, आज हम ट्रांसफरवेयर में भारत की भूमिका, ट्रांसफरवेयर के विभिन्न प्रकार और इसको खरीदने या संग्रहित करने आदि तथ्यों के बारे में जानेंगे। साथ ही, हम इसके कुछ उदाहरण भी देखेंगे।
उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में, ‘ट्रांसफरवेयर’ ने यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी बाज़ारों में काफी लोकप्रियता हासिल की थी। दरअसल, ट्रांसफरवेयर सिरैमिक(Ceramic) अथवा मिट्टी के बर्तन होते हैं, जिनकी सतह पर लोकप्रिय पर्यटन या विदेशी दृश्यों की नक्काशी की जाती हैं। साथ ही, उन्हें कोबाल्ट नीले रंग से रंगा जाता है। इसके साथ ही, भारतीय दृश्यावली भी, जो अक्सर ‘ओरिएंटल सीनरी(Oriental Scenery)’ या ‘एशियाई सीनरी(Asiatic Scenery)’ के अंतर्गत आती है, ऐसे ‘ट्रांसफरवेयर’ का बहुत लोकप्रिय विषय बन गई। ये ट्रांसफरवेयर इंग्लॅण्ड के स्पोड(Spode), रोजर्स(Rogers), डेवनपोर्ट(Davenport) और कोपलैंड(Copeland) जैसे निर्माताओं या कुम्हारों द्वारा निर्मित है।
ट्रांसफरवेयर पर दृश्यों की प्रेरणा मुख्य रूप से भारत में अंग्रेज़ों के जलीय चित्रण (Watercolors) और रेखाचित्रों (Sketches) से मिली है, जैसे कि, प्रसिद्द ब्रिटिश चित्रकारों, थॉमस(Thomas) और विलियम डेनियल(William Daniell) द्वारा ‘ओरिएंटल सीनरी’ (Oriental Scenery) चित्र संग्रह से, या फिर चार्ल्स रैमस फॉरेस्ट(Charles Ramus Forrest) द्वारा चित्रित ‘ए पिक्चुरेस्क टूर अलॉन्ग द रिवर गैंजेज़ एंड जमना इन इंडिया(A Picturesque Tour along the River Ganges and Jumna in India)’। दूसरी ओर, विदेशी वनस्पतियों और जीवों को दर्शाने वाली कुछ ट्रांसफरवेयर छवियां नीले और सफेद रंग के अलावा लाल और भूरे रंग में भी बनाई गई थीं, जो काफी सुंदरता और कलात्मक उत्कृष्टता का काम प्रस्तुत करती हैं।
विभिन्न प्रकार के ट्रांसफरवेयर के बारे में बहुत सारे रोचक तथ्य हैं। आइए, आज इसके प्रकारों के बारे में जानते हैं।
निम्नलिखित अधिक सामान्य ट्रांसफरवेयर श्रेणियां हैं:
नील विलो(Blue Willow): यह ट्रांसफरवेयर का सबसे लोकप्रिय प्रकार है, और क्लासिक कोबाल्ट नीले रंग से लेकर गुलाबी, भूरा, काला, बैंगनी, हरा और पीले रंगों में उपलब्ध होता है। नीचे प्रस्तुत चित्र में, पैडेन सिटी पॉटरी(Paden City Pottery) द्वारा निर्मित एक उभरा हुआ प्रकार भी दिखाया गया है।
फ़्लो ब्लू(Flow Blue):ट्रांसफरवेयर में, इस प्रकार का अत्यधिक संग्रह किया जाता है। कोबाल्ट फ़्लो ब्लू, अधिक बैंगनी शेड वाले मलबेरी(Mulberry) रंग में भी पाया जा सकता है।
19वीं- शुरुआती 20वीं सदी के ट्रांसफरवेयर: 1890 से 1915 के आसपास विभिन्न कुम्हारों द्वारा निर्मित ट्रांसफरवेयर। इन सबसे प्रसिद्ध कुम्हारों में, वेजवुड(Wedgwood), स्पोड, जॉनसन ब्रदर्स(Johnson Brothers) और विलेरॉय एंड बौख (Villeroy & Boch) शामिल हैं।
20वीं सदी का स्टैफ़र्डशायर ट्रांसफरवेयर(Staffordshire transferware): यह ट्रांसफरवेयर का सबसे सस्ता प्रकार है।
क्या यह सब पढ़ कर ट्रांसफरवेयर के बारे में आपके मन में भी, दिलचस्पी बढ़ रही हैं? तो हम आपको बता दें कि, ट्रांसफरवेयर का आज भी उत्पादन किया जा रहा हैं। इन्हें अक्सर ही, पुरानी शिल्पकृतियों के समान पैटर्न में मुद्रित किया जा रहा है। 18वीं से 19वीं सदी के मूल ट्रांसफरवेयर बेहद महंगे हैं, और इन्हें ढूंढना मुश्किल है। लेकिन 20वीं सदी के शुरुआती ट्रांसफरवेयर बहुत संग्रहणीय और मूल्यवान हैं।
ऐसी वस्तुओं को खरीदते समय, या उनका संग्रह करते समय आपको हालांकि, निम्न बातों पर गौर करना होगा:
१. ऐंटीक (Antique) ट्रांसफरवेयर बर्तनों पर खरोंचें होना और उनमें हल्की सी सतह चिटकन सामान्य है। बल्कि एक छोटी सी टूट भी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए । लेकिन, एक बड़ी टूट उस बर्तन के मूल्य को आधे या अधिक तक कम कर सकती है!
२.यदि उस बर्तन पर “इंग्लैंड(England)” या “मेड इन इंग्लैंड(Made in England)” अंकित है, तो वह 100 वर्ष या उससे अधिक पुराना है।
३.पूरे बर्तन में ग्लेज़िंग(Glazing)अर्थात पॉलिश की तलाश करें। ग्लेज़िंग से मुद्रण का धुंधलापन कम होता है।
४.बर्तनों के हैंडल और अन्य अटैचमेंट की जांच करें। वे मज़बूत होने चाहिए।
५.ट्रांसफरवेयर बर्तनों पर निर्माताओं के निशानों या चिन्हों की जांच ज़रूर करें। पुराने चिन्ह छोटे होते हैं, और यहां हम आपको बता दें कि 1950 के दशक से पहले, कोई कॉपीराइट या ट्रेडमार्क नहीं थे।
६.‘शाही हथियार(Royal arms)’ और “विक्टोरिया(Victoria)” नाम वाली प्लेटों से सावधान रहें। इन निशानों के लिए, अभी तक कोई दस्तावेज़ नहीं मिला है, अर्थात यह प्लेटें फ़र्ज़ी भी हो सकती हैं ।
आइए, अब ऐसे ही कुछ शानदार ट्रांसफरवेयर के उदाहरण देखते हैं। ‘टू पैरट पेकिंग फ्रूट(Two Parrot Pecking Fruit)’ पैटर्न वाला यह मग, लगभग 1780 में एक स्ट्रैप हैंडल(Strap handle) के साथ अंडर ग्लेज़(Underglaze) नीले रंग में मुद्रित है।
दूसरे उदाहरण के तौर पर, यहां थॉमस(Thomas) और बेंजामिन गॉडविन(Benjamin Godwin) द्वारा भारतीय दृश्य का एक प्राचीन ब्रिटिश जॉर्जियाई नीला और सफेद ट्रांसफरवेयर दिखाया गया है। “दिल्ली, हिंदोस्तान(Delhi, Hindoostan)” के नामांकित दृश्य के साथ मुद्रित, यह औपनिवेशक काल के चित्रकार रॉबर्ट इलियट के चित्र संग्रह "व्यूज़ इन द ईस्ट' (Views in the East) से लिया गया है ।
संदर्भ
https://tinyurl.com/48p3b568
https://tinyurl.com/3bns3k6m
https://tinyurl.com/yx563ema
https://tinyurl.com/ynawb54d
चित्र संदर्भ
1. ट्रांसफरवेयर सिरैमिक के एक उदाहरण के रूप में लगभग 1920 के दशक में निर्मित टुनस्टाल एक्विला पैटर्न ग्रेवी बोट को संदर्भित करता एक चित्रण (carters)
2. 1840-1860 में निर्मित ट्रांसफरवेयर सिरैमिक पात्र को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
3. ट्रांसफरवेयर सिरैमिक के एक उदाहरण के रूप में लिवरपूल बर्ड्स पैटर्न वाली प्लेट (1770-1775) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. नील विलो ट्रांसफरवेयर का सबसे लोकप्रिय प्रकार है, और क्लासिक कोबाल्ट नीले रंग से लेकर गुलाबी, भूरा, काला, बैंगनी, हरा और पीले रंगों में उपलब्ध होता है। को संदर्भित करता एक चित्रण (janvierroad)
5. टू पैरट पेकिंग फ्रूट(Two Parrot Pecking Fruit)’ पैटर्न वाला यह मग, लगभग 1780 में एक स्ट्रैप हैंडल(Strap handle) के साथ अंडर ग्लेज़(Underglaze) नीले रंग में मुद्रित है। को संदर्भित करता एक चित्रण (carters)
6. थॉमस और बेंजामिन गॉडविन(Benjamin Godwin) द्वारा भारतीय दृश्य का एक प्राचीन ब्रिटिश जॉर्जियाई नीले और सफेद ट्रांसफरवेयर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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