Post Viewership from Post Date to 18-Sep-2024 (5th) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2384 129 2513

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!

मेरठ

 13-09-2024 09:10 AM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)
आप जब भी मेरठ में किसी किराने की दुकान में गए हों तो आपने देखा होगा कि वहां पर चावल को किलोग्राम में, तेल को लीटर में, और कपड़े या एलुमिनियम की पन्नी (silver foil) को मीटर के हिसाब से बेचा जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि विभिन्न वस्तुओं को अलग-अलग इकाइयों में क्यों और कैसे मापा जाता है? यह तय करने वाला कौन है कि प्रत्येक वस्तु के लिए, कौन सी इकाई उपयोग की जाए ? इसका उत्तर है "अंतर्राष्ट्रीय इकाइयों की प्रणाली" (International System of Units), जिसे सामान्यतः एस आई (SI) कहा जाता है। एसआई सिस्टम, मेट्रिक प्रणाली (Metric System) का आधुनिक संस्करण है। यह दुनिया में सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली माप प्रणाली है। आज, हम इसी माप प्रणाली के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम इसकी उत्पत्ति का पता लगाएंगे, और यह समझने की कोशिश करेंगे कि इसे क्यों विकसित किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (एस आई) क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली, जिसे हम सामान्यतः एस आई के नाम से भी जानते हैं, एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग, वज़न और माप को मानकीकृत करने के लिए किया जाता है। यह प्रणाली मेट्रिक प्रणाली पर आधारित है। इसे 1960 में वज़न और माप पर 11वें जनरल कॉन्फ़्रेंस (CGPM) द्वारा अपनाया गया था। एस आई का संक्षिप्त नाम सभी भाषाओं में समान रूप से उपयोग किया जाता है।
19वीं और 20वीं सदी में विज्ञान और तकनीक में तेज़ी से प्रगति हुई। इस प्रगति के साथ ही मापने के लिए कई अलग-अलग प्रणालियाँ भी विकसित हुईं। ये प्रणालियाँ, वैज्ञानिकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गई थीं। इसी दौर में पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली विकसित की गई, जिसे मीटर-किलोग्राम-सेकंड (MKS) प्रणाली कहा जाता था। एस आई प्रणाली का मूल उद्देश्य किसी भी वस्तु की माप को एक समान और विश्वसनीय बनाना था, ताकि विभिन्न देशों और क्षेत्रों में वैज्ञानिक और तकनीकी कार्यों में एकरूपता बनी रहे।
1948 में, CGPM (अंतर्राष्ट्रीय वज़न और माप सम्मेलन) के दौरान, एम के एस प्रणाली में तीन नई इकाइयाँ जोड़ीं गई।
ये इकाइयाँ हैं:
⦁ ➲ न्यूटन (Newton): इस इकाई का प्रयोग, बल (Force) को मापने के लिए किया जाता है। इसे इस तरह परिभाषित किया जाता है: "एक न्यूटन वह बल है जो एक किलोग्राम (Kilogram) के द्रव्यमान को हर सेकंड, एक मीटर प्रति सेकंड की गति से बढ़ाता है।"
⦁ ➲ जूल (Joule): इस इकाई का प्रयोग, ऊर्जा (Energy) को मापने के लिए किया जाता है। इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है: "एक जूल, वह ऊर्जा है जो तब उत्पन्न होती है जब एक न्यूटन का बल एक मीटर की दूरी पर कार्य करता है।"
⦁ ➲ वॉट (Watt): यह इकाई, शक्ति (Power) को मापने के लिए उपयोग की जाती है। इसे इस तरह परिभाषित किया जाता है: "एक वाट वह शक्ति है जो एक सेकंड में एक जूल ऊर्जा उत्पन्न करती है।"
1960 में में बनाया गया एस आई सिस्टम, एम के एस प्रणाली पर आधारित है और इसमें कुल सात बुनियादी (Base SI Units) इकाइयाँ शामिल हैं।
⦁ ➲ मीटर (m) - लंबाई की इकाई: मीटर को इस तरह से परिभाषित किया जाता है: "मीटर निर्वात में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी है, जो एक सेकंड के 1/299,792,458 भाग में तय होती है।" पहले, मीटर को पृथ्वी की सतह के चारों ओर की दूरी के दस लाखवें हिस्से के रूप में मापा जाता था।
⦁ ➲ किलोग्राम (kg) - द्रव्यमान की इकाई: आज किलोग्राम, प्लैंक स्थिरांक (Planck Constant) पर आधारित है, जिसका मान 6.62607015 × 10^-34 जूल-सेकंड (Joule-Second) है। 2018 से पहले, इसे एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोटाइप के द्रव्यमान के रूप में परिभाषित किया जाता था, जो प्लैटिनम-इरिडियम से बना था। इसे ब्यूरो इंटरनेशनल डेस पॉइड्स ए मेज़र्स (Bureau International des Poids et Mesures) मुख्यालय में रखा गया था। पहले, किलोग्राम को एक लीटर शुद्ध पानी के द्रव्यमान के रूप में मापा जाता था।
⦁ ➲ सेकेंड (s) - समय की इकाई: सेकेंड को सीज़ियम-133 परमाणु के विकिरण के 9,192,631,770 चक्र पूरे करने में लगने वाले समय के रूप में परिभाषित किया गया है। यह प्रकाश को निर्वात में लगभग 299,792,458 मीटर की यात्रा करने में लगने वाले समय के बराबर भी है।
⦁ ➲ केल्विन (K) - तापमान की इकाई: केल्विन तापमान को बोल्ट्ज़मैन स्थिरांक (Boltzmann Constant) पर आधारित किया जाता है, जो ऊर्जा के छोटे स्तर पर कार्य करने के तरीके को समझने में मदद करता है। 2018 से पहले, इसे उस तापमान के 1/273.16 के रूप में परिभाषित किया जाता था, जिस पर शुद्ध पानी जम जाता है।
⦁ ➲ एम्पीयर (A) - विद्युत धारा की इकाई: एम्पीयर विद्युत (electric current) धारा को मापने की इकाई है, जिसे प्राथमिक आवेश के उपयोग से परिभाषित किया जाता है। 2018 से पहले, इसे शुद्ध पानी के त्रिगुण बिंदु के थर्मोडायनामिक तापमान के 1/273.16 के रूप में परिभाषित किया जाता था।
⦁ ➲ कैंडेला (cd) - चमकदार तीव्रता की इकाई: कैंडेला (Candela) को 540 × 10¹⁴ हर्ट्ज़ की आवृत्ति पर मोनोक्रोमैटिक विकिरण की चमकदार प्रभावकारिता के आधार पर परिभाषित किया जाता है, जो 683 लुमेन प्रति वाट (lm/W) है।
⦁ ➲ मोल (mol) - पदार्थ की मात्रा की इकाई: मोल को एवोगैड्रो स्थिरांक (Avogadro Constant) के आधार पर परिभाषित किया गया है। एवोगैड्रो स्थिरांक का मान 6.02214076 x 10²³ mol⁻¹ है। एक मोल में ठीक 6.022169 x 10²³ प्राथमिक तत्व होते हैं।
इन इकाइयों का उपयोग, विज्ञान और तकनीक में माप को मानकीकृत करने के लिए किया जाता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में एकरूपता बनी रहती है।
आइये अब पूरक एसआई इकाइयों के बारे में जानते हैं:
⦁ ➲ रेडियन (rad) - समतल कोण की इकाई
: रेडियन (unit of angle) एक ऐसी इकाई होती है, जो समतल स्थान में कोण को मापती है। इसे इस तरह परिभाषित किया गया है: "एक रेडियन वह कोण है जो एक वृत्त के चाप द्वारा बनाया जाता है, जिसकी लंबाई उस वृत्त की त्रिज्या के बराबर होती है।"
⦁ ➲ स्टेरेडियन (sr) - ठोस कोण की इकाई: स्टेरेडियन (unit of solid angle) एक ऐसी इकाई है जो त्रि-आयामी स्थान में कोण को मापती है। इसे गोले के केंद्र पर बनाए गए कोण के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह कोण गोले की सतह पर एक क्षेत्र को कवर करता है, जिसका क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर होता है।
व्युत्पन्न एस आई इकाइयाँ (Derived SI Units):
व्युत्पन्न इकाइयाँ उन इकाइयों को कहा जाता है, जो विभिन्न आधार इकाइयों के गुणनफल के रूप में परिभाषित की जाती हैं। एस आई प्रणाली में, बाईस व्युत्पन्न इकाइयों के विशेष नाम होते हैं। कुछ उदाहरण हैं:
⦁ ➲ न्यूटन (N): बल की इकाई।
⦁ ➲ पास्कल (Pa): दबाव की इकाई।
⦁ ➲ जूल (J): ऊर्जा की इकाई।
⦁ ➲ कूलम्ब (C): विद्युत आवेश की इकाई।
⦁ ➲ वोल्ट (V): विद्युत विभव की इकाई।
⦁ ➲ ओम (Ω): प्रतिरोध की इकाई।
ये व्युत्पन्न इकाइयाँ, सात आधार इकाइयों के साथ मिलकर एस आई इकाइयों का मुख्य समूह बनाती हैं। अन्य सभी एस आई इकाइयाँ, इन बाईस व्युत्पन्न इकाइयों के संयोजन से बनती हैं।
नीचे दी गई सूची में व्युत्पन्न इकाइयों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जिनके विशेष नाम नहीं हैं:
मात्रा इकाई का नाम इकाई का प्रतीक
क्षेत्रफल वर्ग मीटर
आयतन घन मीटर
गति, वेग मीटर प्रति सेकंड m/s
त्वरण मीटर प्रति सेकंड वर्ग m/s²
तरंग संख्या प्रतिकूल मीटर m⁻¹
घनत्व, द्रव्यमान घनत्व किलोग्राम प्रति घन मीटर kg/m³
सतही घनत्व किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर kg/m²
विशिष्ट आयतन घन मीटर प्रति किलोग्राम m³/kg
धारा घनत्व एंपियर प्रति वर्ग मीटर A/m²
चुंबकीय क्षेत्र की ताकत एंपियर प्रति मीटर A/m
पदार्थ की मात्रा का सांद्रण मोल प्रति घन मीटर mol/m³
द्रव्यमान सांद्रण किलोग्राम प्रति घन मीटर kg/m³
प्रकाशता कैंडेला प्रति वर्ग मीटर cd/m²

संदर्भ
https://tinyurl.com/yboacsbx
https://tinyurl.com/yboacsbx
https://tinyurl.com/28ow3e3x
https://tinyurl.com/2aoxuyxj
https://tinyurl.com/2yzoz8v2

चित्र संदर्भ

1. एक दुकान में बिक रहे सामान और एस आई मानकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (International System of Units (SI)) के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक न्यूटन के बल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. फ़ीते को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM


  • पेट्रोलियम के महत्वपूर्ण स्रोत हैं नमक के गुंबद
    खनिज

     09-09-2024 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id