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कार्बन की मात्रा कोयले की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करती है?

रामपुर

 17-01-2024 09:24 AM
खनिज

कोयला हमारी पृथ्वी पर मौजूद कार्बन के प्रमुख रूपों में से एक है। कार्बन को “कोयले की रीढ़” माना जाता है, और इसके मजबूत बंधन (bond) ही कोयले को उच्च स्तर के दहन के लिए एक आदर्श विकल्प और एक कठोर तत्व बनाते हैं। कार्बन हमारी पृथ्वी में पाया जाने वाला सत्रहवाँ सबसे प्रचुर तत्व है। यह एक ऐसा तत्व है जो पौधों, जानवरों सहित सभी जीवित जीवों और कई निर्जीव चीजों के भीतर भी मौजूद होता है। यहाँ तक कि कार्बन हवा में भी Co2 के रूप में उपस्थित होता है। कार्बन के यौगिकों के अध्ययन को रसायन विज्ञान (Chemistry) की एक अलग शाखा, कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) के तहत किया जाता है। हीरा, ग्रेफाइट और कोयला कार्बन के प्रमुख मुक्त रूप हैं। कार्बन में एक अद्वितीय गुण होता है कि, जो अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ जुड़कर कार्बन-कार्बन बंधन (Carbon-Carbon Bonds) बना सकता है। इसके परिणामस्वरूप लंबी श्रृंखला वाले यौगिकों का निर्माण हो सकता है।
कार्बन एक बहुमुखी तत्व है, जो कई अलग-अलग रूप ले सकता है, जिन्हें एलोट्रोप (Allotrope) कहा जाता है। कार्बन के कुछ सबसे प्रसिद्ध, अपरूप हीरा और ग्रेफाइट हैं। अपरूप एक ही तत्त्व के विभिन्न संरचनात्मक रूप(conformation) होते हैं जो काफी अलग भौतिक गुण और रासायनिक व्यवहार प्रदर्शित कर सकते हैं। हालाँकि, वैज्ञानिकों ने हाल के वर्षों में कार्बन के कई और एलोट्रोपों की खोज की है, जिनमें बकमिनस्टरफुलरीन (Buckminsterfullerene) जिसमे अणुओं की सरंचना गेंद के अकार में होती है और ग्राफीन (Graphene) जिसमे अणुओं की सरंचना शीट के अकार में होती है । कार्बन नैनोट्यूब (Nanotubes), नैनोबड्स (Nanobuds) और नैनोरिबन्स (Nanoribbons) जैसी बड़ी संरचनाएं भी बना सकता है। बहुत उच्च तापमान या अत्यधिक दबाव पर, कार्बन और भी अधिक असामान्य रूप धारण कर सकता है।
कार्बन के कई अलग-अलग रूपों यानी एलोट्रोप में रासायनिक गुण समान होते हैं, लेकिन इन सभी के भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं। ये एलोट्रोप दो रूपों में मौजूद होते हैं:
1. क्रिस्टलीय (Crystalline)
2. अनाकार (Amorphous)
कोयला कार्बन का एक अनाकार अपरूप है। यह एक गैर-नवीकरणीय जीवाश्म ईंधन है, जो दहनशील होता है और इसमें हाइड्रोजन, सल्फर, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन की परिवर्तनीय मात्रा होती है। कोयला कार्बन के सबसे महत्वपूर्ण अपरूपों में से एक है। यह दहनशील है, जिसका अर्थ है कि इसे गर्मी और ऊर्जा पैदा करने के लिए जलाया जा सकता है। हालाँकि कोयला, कालिख और कार्बन ब्लैक (Carbon Black) को अक्सर अनाकार कार्बन (Amorphous Carbon) कहा जाता है, लेकिन वे वास्तविक अनाकार कार्बन नहीं हैं। वास्तव में इनका उत्पादन पायरोलिसिस (Pyrolysis) नामक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसके तहत किसी पदार्थ को तोड़ने के लिए उसे उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में, पायरोलिसिस प्रक्रिया में अनाकार कार्बन का उत्पादन नहीं होता है। कोयले की संरचना को परिभाषित करना कठिन है, क्योंकि यह प्रोटीन जैसी दोहराई जाने वाली इकाइयों (monomers) से नहीं बनता है। वास्तव में कोयला कई अलग-अलग अणुओं का मिश्रण होता है, जिससे इसे एक विशिष्ट संरचना में निर्दिष्ट करना कठिन हो जाता है। हालाँकि, वैज्ञानिक कोयले का वर्णन उसके संरचनात्मक मापदंडों के आधार पर कर सकते हैं। वैन क्रेवेलन के कोयला (Van Crevelen's Coal (1961) नामक पुस्तक के अनुसार, कोयला उच्च आणविक भार और गैर-समान संरचना वाला पदार्थ है। समग्र रूप से कोयला अत्यधिक सुगंधित होता है, और इसकी सुगंध रैंक के साथ कम या ज्यादा लगातार बढ़ती है। कोयले की एक बहुलक संरचना होती है।
कोयला मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है।इनमें से प्रत्येक में अलग-अलग स्तर पर कार्बनिक पदार्थ मौजूद होता है। 1. एन्थ्रेसाइट (Anthracite): इसमें कार्बन की सांद्रता सबसे अधिक होती है और यह उच्चतम श्रेणी का कोयला होता है। यह कठोर, भंगुर और काला चमकदार होता है। इसमें 92-98% कार्बन और कम प्रतिशत वाष्पशील पदार्थ होता है। 2. बिटुमिनस कोयला (Bituminous Coal): इस कोयले में 70 - 90% कार्बन होता है और इसका उपयोग मुख्य रूप से भाप-विद्युत ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है। इसका गलनांक (melting point) भी अधिक होता है, यह कोयला चमकदार और चिकना होता है। 3. उप बिटुमिनस कोयला (Sub Bituminous Coal): यह कोयला रंग में काला और दिखने में फीका होता है। इसमें 35-45% कार्बन होता है और इसका उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन में किया जाता है। 4. लिग्नाइट (Lignite): इसमें 25-35% कार्बनिक पदार्थ होता है और इसे कोयले के सभी प्रकारों में सबसे निम्न श्रेणी माना जाता है। इस प्रकार हमे ये जानकारी मिलती है कि कोयले की गुणवत्ता उसकी कार्बनिक पदार्थ पर निर्भर करती है। उच्च कार्बनिक पदार्थ वाले कोयले में ऊर्जा की मात्रा अधिक होती है और यह अधिक कुशलता से जलता है।

संदर्भ
http://tinyurl.com/a256xrz8
http://tinyurl.com/mw6nu7d9
http://tinyurl.com/mfdkv42r
http://tinyurl.com/4kb7w8sb

चित्र संदर्भ
1. हाथ में रखे कोयले को संदर्भित करता एक चित्रण (rawpixel)
2. कार्बन के अणु को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. ग्रेफाइट (बाएं) और हीरा (दाएं), कार्बन के दो अपरूपों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. रंगीन कोयले को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
5. एन्थ्रेसाइट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. बिटुमिनस कोयले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. उप बिटुमिनस कोयले को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
8. लिग्नाइट को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)



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