Post Viewership from Post Date to 09-Dec-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2935 189 3124

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

जब नीम करोली बाबा से मिले बल्गेरियाई दार्शनिक, ओमराम मिखाइल एइवानहोव

रामपुर

 08-11-2023 10:06 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

क्या आपने उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम के बाबा नीम करौली महाराज के बारे में सुना है, जिनके व्यक्तित्व से एप्पल और फेसबुक (Apple And Facebook) जैसी विश्व की दिग्गज कंपनियों के संस्थापक भी प्रभावित हैं? 1959 में, बल्गेरियाई दार्शनिक ओमराम मिखाइल एइवानहोव (Omraam Mikhaël Aïvanhov) ने भारत की यात्रा की, और यहां उनकी भी मुलाकात संत नीम करोली बाबा से होती है। इस मुलाकात का एइवानहोव के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा, जिसके बाद उन्होंने अपने नए गुरु के सम्मान में अपना नाम ही बदल लिया। ओमराम मिखाइल एइवानहोव (1900-1986) एक बल्गेरियाई दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री, रहस्यवादी और गूढ़विद् थे। वह 20वीं सदी में यूरोप में पश्चिमी गूढवाद के एक अग्रणी शिक्षक और यूनिवर्सल व्हाइट ब्रदरहुड (Universal White Brotherhood) के संस्थापक पीटर ड्यूनोव (Peter Deunov) के शिष्य भी रहे थे। जब वह मात्र सात वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनका पालन-पोषण बहुत गरीबी में हुआ। 1912 में, एइवानहोव ने आध्यात्मिकता से जुडी किताबें पढ़ना शुरू कर दिया, जिनमें बाइबिल, बौद्ध और हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ तथा स्टाइनर (Steiner), ब्लावात्सकी (Blavatsky), स्पिनोज़ा (Spinoza), पेरासेल्सस (Paracelsus) जैसी हस्तियों की रचनाएँ भी शामिल थीं। 1917 में, एइवानहोव की मुलाकात बल्गेरिया में व्हाइट ब्रदरहुड के संस्थापक पीटर ड्यूनोव (Peter Deunov) से हुई। वह बीस वर्षों तक ड्यूनोव के शिष्य बने रहे, इस दौरान उन्होंने अपने गुरु की शिक्षा का अध्ययन किया और अपनी शिक्षाओं को मजबूत किया। ऐवानहोव ने अपने शिष्यत्व के प्रारंभिक वर्ष गरीबी में, पहाड़ों में अध्ययन और ध्यान करते हुए बिताए। एइवानहोव ने 1923 और 1931 के बीच मनोविज्ञान, शिक्षा दर्शन, गणित, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान और चिकित्सा का अध्ययन करते हुए सोफिया विश्वविद्यालय (Sofia University) में पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया। 1932 से 1937 के आसपास, उन्होंने एक स्कूल शिक्षक और फिर एक हाई स्कूल प्रिंसिपल (High School Principal) के रूप में काम किया। 1937 में, ड्यूनोव ने पश्चिम में अपनी शिक्षा फैलाने के लिए एइवानहोव को फ्रांस भेजा। ड्यूनोव ने 40,000 अन्य छात्रों में से केवल ऐवानहोव को चुना।
एइवानहोव भी बिना पैसे और बिना फ्रेंच भाषा के ज्ञान के फ्रांस पहुंच गए। हालाँकि, उन्होंने जल्दी ही यहां की भाषा सीख ली और सार्वजनिक भाषण देना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने जीवनकाल में 5000 से अधिक व्याख्यान दिए और उनकी शिक्षाएं 44 पॉकेटबुक (Pocketbook) और 32 संपूर्ण कार्यों में प्रकाशित हुईं।
1959 में, ऐवानहोव ने भारत की यात्रा की, जहां उनकी मुलाकात संत नीम करोली बाबा से हुई। इससे पहले बाबा राम दास/रिचर्ड अल्पर्त (Richard Alpert) ने बाबाजी को उत्तरी अमेरिका में प्रसिद्ध बना दिया था। भारत आकर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में, ओमराम की मुलाकात दो दिव्य लोगों, गोविंदा और उनकी पत्नी से हुई, जो उनके करीबी दोस्त बन गए। 17 जून, 1959 को उनकी मुलाकात नीम करोली बाबाजी से हुई, जो एक महान संत थे, जिनसे ओमराम लंबे समय से मिलना भी चाहते थे। ओमराम ने बाबाजी से टेलीपैथिक (Telepathic) तरीके से बातचीत की थी और बाबाजी ने उसका जवाब अल्मोड़ा में उनसे मिलकर दिया था। ओमराम ने बाबाजी के साथ कुछ समय अकेले बिताया। इस दौरान बाबाजी ने उन्हें "फ्रांसीसी साधु" की उपाधि भी प्रदान की। बाबाजी एक रहस्यमय व्यक्ति थे। कहा जाता है कि वह सैकड़ों वर्षों से जीवित थे और अपनी इच्छा अनुसार प्रकट होने और गायब होने की क्षमता रखते थे। ऐसा कहा जाता है कि उनके पास कई अन्य असाधारण शक्तियां (जैसे कि घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता, दूर से लोगों को देखने और सुनने की क्षमता, और एक साथ कई स्थानों पर मौजूद रहने की क्षमता) भी थीं।
ओमराम को ओमराम नाम तीन ऋषियों द्वारा दिया गया था, जो भारत में ध्यान करते समय उनके पास आए थे। ओमराम का दर्शन सिखाता है कि हर कोई, पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया बनाने में मदद कर सकता है। ऐसा व्यक्तिगत परिवर्तन, या परमात्मा के साथ पूर्णता और सामंजस्य में वृद्धि के माध्यम से किया जाता है। ओमराम ने लोगो को प्रारंभिक विज्ञान के प्राचीन सिद्धांतों के बारे में भी सिखाया, जो ब्रह्मांड और मानव को नियंत्रित करने वाले ब्रह्मांडीय कानूनों का वर्णन करते हैं। उनका मानना था कि इस ज्ञान ने सदियों से अलग-अलग रूप धारण किए हैं, और यह विभिन्न धर्मों के माध्यम से व्यक्त किया गया "बारहमासी ज्ञान" है। ओमराम के अनुसार, प्रारंभिक विज्ञान का परम सत्य यही है कि “सभी चीजें जुड़ी हुई हैं”। अपनी मृत्यु से ठीक पहले उन्हें फ्रांसीसी नागरिकता प्राप्त हुई। 25 दिसंबर 1986 को फ़्रेजुस, फ़्रांस (Frejus, France) में उनकी मृत्यु हो गई।

संदर्भ
https://tinyurl.com/56j8jm4c
https://tinyurl.com/ytxc9u93
https://tinyurl.com/ysdr65vh
https://tinyurl.com/yc6rdu49
https://tinyurl.com/5m4ytxx2

चित्र संदर्भ
1. करोली बाबा एवं बल्गेरियाई दार्शनिक, ओमराम मिखाइल एइवानहोव को दर्शाता एक चित्रण (flickr,amazon)
2. ओमराम मिखाइल एइवानहोव को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. व्हाइट ब्रदरहुड के संस्थापक पीटर ड्यूनोव को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
4. कैंची धाम आश्रम को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. राम दास पुस्तकालय में नीम करोली बाबा की मूर्ति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id