Post Viewership from Post Date to 06-Oct-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2494 448 2942

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

समर्पित कृष्ण भक्तों ने अपनी रचनाओं में किया हैं, श्री कृष्ण का महिमा मंडन

रामपुर

 06-09-2023 11:03 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की! आपको कृष्ण जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाएं, रामपुर! श्री कृष्ण न सिर्फ एक प्रिय देवता हैं, बल्कि जीवन को जीने की कला सिखाने वाले एक पथ प्रदर्शक भी हैं। उन्हें भगवान श्री विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। इसलिए, भगवान के रूप में उनकी भी पूजा की जाती है। “कृष्ण” सुरक्षा, करुणा, कोमलता और प्रेम के देवता हैं। इस बात में शायद ही किसी को आपत्ति हो कि, वह हिंदू धर्म के देवताओं में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से पूजनीय है। वह महाभारत, भागवत पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण तथा भगवद गीता के एक केंद्रीय पात्र हैं। साथ ही कई हिंदू दार्शनिक, धार्मिक और पौराणिक ग्रंथों में भी हमें श्री कृष्ण का उल्लेख मिलता है। प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण का जन्मोत्सव, चंद्र-सौर हिंदू कैलेंडर के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar) के अगस्त महीने के अंत या सितंबर महीने की शुरुआत में आता है। आप कृष्ण लीलाओं के बारे में तो जानते ही होंगे। श्री कृष्ण के जीवन की घटनाओं और कहानियों को आम तौर पर कृष्ण लीला कहा जाता है। विभिन्न परिप्रेक्ष्यों में श्री कृष्ण को एक ईश्वर, एक शरारती बालक, एक आदर्श प्रेमी, एक दिव्य नायक और सर्वोच्च देवता के रूप में चित्रित किया गया है। उनका यह चित्रण, किंवदंतियों को दर्शाते हुए, उन्हें उनके जीवन के विभिन्न चरणों में वर्णित करता है। जैसे कि, एक शिशु मक्खन खाता है, एक युवा लड़का खेलता है, बांसुरी बजाता है, राधा के साथ या गोपियों से घिरा हुआ एक युवा लड़का या फिर अर्जुन को सलाह देता एक मित्रवत सारथी, आदि स्वरूपों में उनका चित्रण हमें ज्ञात ही है।
सदियों से कई महान कवि एवं विभिन्न धर्मों के लोग कृष्ण की भक्ति प्रेम में पड़े हुए हैं। आइए, आज कुछ समर्पित कृष्ण अनुयायियों के बारे में जानते हैं, जो कृष्ण की कहानियों की सुंदरता और उनकी भावनाओं की शक्ति को प्रतिबिंबित करते हैं। 1.संत मीराबाई संत मीराबाई 16वीं सदी में प्रख्यात, एक हिंदू रहस्यवादी कवयित्री और कृष्ण भक्त थीं। वह विशेष रूप से, उत्तर भारतीय हिंदू परंपरा में एक प्रसिद्ध भक्ति संत भी रही हैं। भारतीय परंपरा में श्री कृष्ण की भावपूर्ण प्रशंसा में लिखे गए लाखों भक्ति भजनों का श्रेय मीराबाई को जाता है। हमारे देश में आज भी, मीराबाई की कई रचनाएं भक्ति गीत या भजन के रूप में गाई जाती हैं।
2.सूरदास: सूरदास 16वीं सदी में एक हिंदू भक्ति कवि और गायक थे। उन्हें उनके कृष्ण की प्रशंसा में लिखे गए लेखों के लिए जाना जाता है। वह भगवान कृष्ण के एक वैष्णव भक्त होने के साथ ही एक श्रद्धेय कवि और गायक भी थे। उनकी अधिकांश कविताएं ब्रज भाषा में लिखी गई हैं, जबकि, कुछ कविताएं मध्यकालीन हिंदी भाषा की अन्य बोलियों, जैसे कि, अवधी में भी लिखी गई हैं। सूरदास जी को उनकी रचना ‘सूर सागर’ के लिए जाना जाता है। सूर सागर के 16वीं शताब्दी में लिखित स्वरूप में, कृष्ण और राधा को दो प्रेमियों के रूप में वर्णित किया गया है। 3.चैतन्य महाप्रभु : चैतन्य महाप्रभु 15वीं सदी में एक भारतीय संत थे, जिन्हें उनके शिष्यों और विभिन्न ग्रंथों द्वारा राधा और कृष्ण का संयुक्त अवतार माना जाता है। चैतन्य महाप्रभु की भजन–कीर्तन एवं नृत्य के साथ कृष्ण की पूजा करने की पद्धति का बंगाल में वैष्णववाद पर गहरा प्रभाव पड़ा था। वह ‘अचिंत्य, भेद, अभेद तत्व’ के वेदांत दर्शन के मुख्य प्रस्तावक भी थे। महाप्रभु ने गौड़ीय वैष्णव धर्म की स्थापना भी की थी। उन्होंने भक्ति योग की व्याख्या की थी तथा “हरे कृष्ण” इस महा-मंत्र के जाप को लोकप्रिय भी बनाया था। अपनी बाल अवस्था से ही श्री कृष्ण के नामों के जाप और गायन के प्रति चैतन्य महाप्रभु के स्पष्ट आकर्षण से जुड़ी कई कहानियां मौजूद हैं। वर्ष 1515 में, चैतन्य महाप्रभु ने कृष्ण की उत्कृष्ट लीलाओं से जुड़े तथा खोए हुए पवित्र स्थानों का पता लगाने के उद्देश्य से वृंदावन शहर का दौरा किया था।
4.श्रीमंत शंकरदेव : श्रीमंत शंकरदेव 15वीं-16वीं शताब्दी के दौरान एक असमिया बहुश्रुत थे। शंकरदेव एक संत-विद्वान, कवि, नाटककार, नर्तक, अभिनेता, संगीतकार, कलाकार सामाजिक-धार्मिक सुधारक और असम राज्य तथा भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उन्होंने भी अपनी रचनाओं में श्री कृष्ण की भक्ति को स्थापित किया था। 5. रसखान : कई मुस्लिम संतों, विशेषकर सूफी संतों ने, श्रीकृष्ण के बारे में गीत और कविताएं लिखी हैं। रसखान उनमें से ही एक कवि थे, जो मुस्लिम होने के बावजूद भी भगवान कृष्ण के अनुयायी (भक्त) थे। उनका वास्तविक नाम सैय्यद इब्राहिम था और माना जाता है कि, वह अमरोहा में रहते थे। रसखान यह उनका उपनाम था। अपने जीवन के दौरान, वह भगवान कृष्ण के अनुयायी बन गए और गोस्वामी विट्ठलनाथ से उन्होंने हिंदू धर्म के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। बाद में, वह वृंदावन में ही बस गए। उनके अनुसार, भगवान कृष्ण सबसे शक्तिशाली और महान देवता थे।

संदर्भ
https://tinyurl.com/3mj4448t
https://tinyurl.com/5n7v25k3
https://tinyurl.com/bdzzt998
https://tinyurl.com/yaej6c57
https://tinyurl.com/2p9f3ks8
https://tinyurl.com/bdd4wa94

चित्र संदर्भ 
1. कृष्ण भक्त मंडली को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. कृष्ण लीला के दृश्यों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. मीराबाई को दर्शाता एक चित्रण (Store norske leksikon)
4. चैतन्य महाप्रभु को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. रसखान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id