City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2803 | 555 | 3358 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
आज के दिन, योग को लोकप्रिय बनाने और योग सप्ताह में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए, हमारी राज्य सरकार ने खिलाड़ियों, मशहूर हस्तियों, योग गुरुओं और प्रभावशाली व्यक्तियों को अपने योग समारोहों में शामिल करने का फैसला किया है। क्योंकि, आज, अर्थात 21 जून को हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। इस दिवस के उपलक्ष्य में राज्य के सभी 58,000 ग्राम पंचायतों, 762 नगरीय निकायों और 14,000 वार्डों में योग शिविर और सत्र आयोजित किए गए हैं। राज्य में स्वयंसेवी संगठन, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, धार्मिक और सामाजिक संगठन तथा योग संस्थान भी अपने स्वयं के योग शिविर आयोजित करेंगे। हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में, अपने संयुक्त राष्ट्र संबोधन में 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था, क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और दुनिया के कई हिस्सों में विशेष महत्व रखता है।
प्राचीन काल से ही, आत्मज्ञान, स्वयं की खोज आदि के लिए ध्यान का प्रयोग होता आ रहा है। ध्यान दुख से छुटकारा पाने का,समस्याओं के पार जाने का एक उपाय है।ध्यान से किसी की क्षमताओं में सुधार किया जा सकता है। तनाव भी हमें ध्यान करने हेतु प्रेरित करता हैं। आपके जीवन में जितनी अधिक जिम्मेदारी है, ध्यान की उतनी ही अधिक आवश्यकता है। ध्यान न केवल हमें तनाव और दबाव से दूर रखता है, बल्कि यह हमारी चुनौतियों का सामना करने की क्षमता को भी बढ़ाता है।यह हमें बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है। ध्यान आत्मा का भोजन है। यह दिमाग की शक्ति बढ़ाता है। यह शरीर के लिए संजीवनी है। यह हमारे शरीर को सही आकार में रखता है। ध्यान हमारे तंत्रिका तंत्र के सही परिचालन के लिए भी आवश्यक होता है।ध्यान हमारे दिमाग, सतर्कता, धारणा में सुधार करता है और हमें खुद को ठीक से व्यक्त करने में भी मदद करता है।अगर आप खुश और स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको ध्यान करने की आवश्यकता है!
हाल ही में, मेडिटेशन और माइंडफुलनेसऐप (Meditation and Mindfulness app) थिंकराइट.मी(ThinkRight.me) द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया था।सर्वेक्षण में पाया गया है कि, अधिकांश भारतीय लोग सुख, शांति और व्यक्तिगत विकास के लिए ध्यान करते है। ध्यान विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को अलग-अलग प्रकार से मदद करता है।लगभग सभी आयुवर्ग के लोग शांति और खुशी का अनुभव पाने के लिए ध्यान करते हैं।18–25 वर्ष के 20% लोग, 26-35 वर्ष के 42% लोग, 36-45 वर्ष के 49% लोग और 46-55 वर्ष तथा वरिष्ठ नागरिक समूह के 41% लोग यही कहते है। इसके अलावा, 18-25 वर्ष और 46-55 वर्ष के आयु वर्ग के लोग शांति और खुशी के साथ ही, बेहतर नींद, व्यक्तिगत विकास और तनाव प्रबंधन के लिए भी ध्यान करते है।यह साक्षात्कार मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और पुणे के 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु वर्ग के 1,000 व्यक्तियों द्वारा दिया गया था।
18-25 आयु वर्ग में, 16% लोगों ने बेहतर नींद के लिए; 15% लोगों ने व्यक्तिगत विकास के लिए; 10% लोगों ने तनाव से निपटने के लिए ध्यान किया था।वरिष्ठ नागरिकों में, यह प्रवृत्ति व्यक्तिगत विकास (16%), नींद (12%) और तनाव (18%) के लिए थी।शहर-विशिष्ट विश्लेषण के अनुसार, पुणे और बेंगलुरु में लोग शांति और खुशी की तलाश में हैं। जबकि, दिल्ली के लोग बेहतर नींद और तनाव प्रबंधन के लिए ध्यान का प्रयोग करते हैं।
एक अन्य सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 44% भारतीयों ने तनाव और चिंता को कम करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान ध्यान करना शुरू किया है।हाल के वर्षों में योग, ध्यान, और सकारात्मक विचार जैसे कल्याणकारी उपायों के साथ सचेत रहने की आवश्यकता आज तक सबसे उच्च स्तर पर रही है।सर्वेक्षण में कहा गया है कि, निजी क्षेत्र में काम करने वाले और स्वयं नियोजित लोगों को योग और ध्यान के अभ्यास में सबसे अधिक सक्रिय देखा गया।66% लोगों ने तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करना शुरू किया है।इन लोगों में से 46% ने ध्यान के कारण शांति और आत्मविश्वास का अनुभव किया है। दूसरी तरफ, 32% लोगों ने बेहतर नींद और उत्पादकता के लिए ध्यान का रास्ता अपनाया।
ध्यान के साथ ही,सचेतना पर भी कई लोगों द्वारा काम किया जाता है।सचेतना प्राचीन काल में लगभग 2500 साल पहले से ही,पूर्वी और बौद्ध दर्शन से उत्पन्न हुई है।सचेतना को अंग्रेजी में माइंडफुलनेस(Mindfulness)कहा जाता है।यह अवधारणा कई लोगों से प्रेरित है,और मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय(University of Massachusetts) के जॉन काबट-ज़िन(Jon Kabat-Zinn) और उनके सहयोगियों ने इसे पश्चिमी दुनिया में प्रचलित किया था।
सचेतना को विभिन्न तरीकों से परिभाषित किया जाता है। सचेतना वर्तमान क्षण में,गैर-न्यायिक रूप से प्रत्येक क्षण के अनुभव को प्रकट करने हेतु,उद्देश्य पर ध्यान देते हुए उभरी जागरूकता होती है। जिज्ञासा और स्वीकृति के दृष्टिकोण के साथ सचेत होकर वर्तमान क्षण के अनुभवों पर ध्यान देना भी सचेतना है।यह हमारे शरीर,दिमाग और वर्तमान क्षण, फिर चाहे वह सकारात्मक हो, नकारात्मक हो या निष्पक्ष हो, के अनुभव में रहने का भी एक तरीका है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/zpdmh96c
https://tinyurl.com/yc673zzp
https://tinyurl.com/27s2vnw8
https://tinyurl.com/3e4jf57k
चित्र संदर्भ
1. ऋषिकेश में योग करते लोगों को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
2. ध्यान-योग करते बुजुर्ग को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. योग मुद्रा में बैठे व्यक्ति को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
4. योग करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
© - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.