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अपशिष्ट प्रबंधन प्रमाणन हेतु सभी संगठनों, फिर चाहे वे निजी हों या सार्वजनिक, के लिए एक विश्वव्यापी मानक ‘आईएसओ 14001’ (ISO 14001) मौजूद है। 2004 में शुरू होने के बाद से इस मानक को संशोधित और अद्यतन किया गया है, हालांकि भारत के लगभग 9000 शहरों में से 768 जिला मुख्यालय शहरों की बहुत कम नगरपालिकाएं वास्तव में इस मानक द्वारा औपचारिक रूप से प्रमाणित हैं। इस मानक द्वारा भारत में प्रमाणित होने वाला भारत का पहला शहर तमिलनाडु में राज्य का नमक्कल शहर था, जिसे 2005 में आईएसओ 14001 द्वारा प्रमाणित किया गया था। किंतु हमारे राज्य उत्तर प्रदेश के नगर निगम शहरों को अभी तक यह प्रमाणीकरण प्राप्त नहीं हुआ है। अपने वातावरण को हरित और पर्यावरण के अनुकूल बनाए रखने के लिए हमारे शहर रामपुर को यह प्रमाणीकरण बहुत जल्द प्राप्त करना होगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पहले से ही आईएसओ 14001 के रूप में प्रमाणित है। क्या हमारा शहर भी आईएसओ 14001 का अनुपालन करने वाली उत्तर प्रदेश की पहली नगर पालिका बनने का लक्ष्य रख सकता है?
अपशिष्ट के उत्पादन से लेकर उसके अंतिम निपटान तक के प्रबंधन हेतु आवश्यक गतिविधियों और कार्यों को अपशिष्ट प्रबंधन कहा जाता है। इस प्रक्रिया में अपशिष्ट संग्रह, परिवहन, उपचार और निपटान के साथ-साथ अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रिया की निगरानी और नियंत्रण शामिल है। कई उद्योगों के दौरान अक्सर खतरनाक उत्पादों का उत्पादनहोता है, जिन्हें अगर खराब तरीके से प्रबंधित किया जाता है, तो यह मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरे में डाल सकता है। फ्लोरोसेंट लैंप (Fluorescent lamps), इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और कुछ बैटरी, साथ ही तेल और विलायक जैसे पदार्थ इसके कुछ उदाहरण हैं। इसलिए , अपशिष्ट प्रबंधन अधिकांश व्यवसायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और एक उचित 'पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली’, अपशिष्ट को कम करने और कंपनी की दक्षता में सुधार करने के साथ-साथ कचरे और समग्र पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने का एक उपकरण होती है जिसके लिए कंपनियों को आईएसओ 14001 प्रमाणन द्वारा निर्धारित ईएमएस मानकों को लागू करने के लिए आगे आना चाहिए।
आईएसओ 14001 मानक, जो पर्यावरण प्रबंधन प्रणालियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक है, सर्वोत्तम संभव 'पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली’ की स्थापना के लिए एक नींव या ढांचे की भांति कार्य करता है। साथ ही, आईएसओ 14001 प्रमुख प्रबंधन प्रणाली मानक है जो विश्व स्तर पर 'पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली’ के विकास और रखरखाव के लिए मानक निर्धारित करता है। यह मानक पर्यावरण प्रबंधन को बनाए रखने, नकारात्मक प्रभावों को कम करने और कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने में भी सहायता करता है। पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के लिए सिद्धांतों, प्रणालियों और सहायक तकनीकों हेतु सामान्य दिशानिर्देश भी आईएसओ 14001 प्रमाणन के अंतर्गत आते हैं। इस प्रकार, आईएसओ 14001 प्रमाणन और मानक कई अन्य लाभों के साथ-साथ पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के विकास, संचालन, प्रबंधन और उन्नयन को भी आवरित करता है। आईएसओ 14001 प्रमाणन के अनेकों लाभ हैं, जिन्हें हम निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं-
1.पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली की दक्षता में वृद्धि सहित आईएसओ 14001 प्रमाणन के कई वित्तीय लाभ हैं, जिसके परिणामस्वरूप, कॉर्पोरेट प्रदर्शन बेहतर होता है। यह अपशिष्ट प्रबंधन पर लगने वाली लागत को भी कम करता है तथा बिजली और पानी का संरक्षण करता है।
2.आईएसओ 14001 प्रमाणन मौजूदा कानून के पालन का आश्वासन देता है तथा विनियामक उल्लंघनों से बचने में सहायता करता है। इस प्रकार कंपनी के दंडित होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
3.यह कंपनी की छवि में सुधार कर कंपनी की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है, क्योंकि इसके द्वारा प्रमाणित कंपनियां अपशिष्ट में कमी के लिए बनाए गए नियमों का उचित रूप से पालन करती है तथा पर्यावरण संरक्षण में योगदान देती है।
4.आईएसओ 14001 प्रमाणन इस बात को बढ़ावा देता है कि कचरे को अन्य उद्देश्यों के लिए फिर से उपयोग लायक बनाया जाए। इसके अलावा यह इस बात पर भी जोर देता है कि कचरे को बायोडिग्रेडेबल (Biodegradable) और अन्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाए और कचरे से ऊर्जा को पुनः प्राप्त किया जाए। यह पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करके कंपनियों को लाभान्वित करता है और पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली को लागू करने के लिए प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है।
आईएसओ 14001 कचरे को प्रबंधित करने के लिए एक ढांचा और एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करता है। पर्यावरणीय पहलुओं की पहचान और मूल्यांकन के दौरान, इसके द्वारा प्रमाणित संस्थान यह निर्धारित करने में सक्षम होते हैं कि किस प्रक्रिया में कौन से अपशिष्ट उभर रहे हैं, जिससे वे परिचालन नियंत्रणों के साथ इस कचरे के उचित उपचार कर पाते हैं।
अपशिष्ट प्रबंधन कचरे के उपचार की प्रक्रिया है, और यह कई वस्तुओं के पुनर्चक्रण के लिए कई प्रकार के समाधान प्रदान करता है। आईएसओ 14001, अपशिष्ट प्रबंधन के चरणों को निर्धारित नहीं करता है, और प्रत्येक कंपनी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इन चरणों का अनुपालन करती है। इस प्रक्रिया के कुछ सामान्य चरणों में कचरे का मूल्यांकन करना, उसका संग्रहण करना, कचरे को लेबल करना, कचरे का ठीक तरह से परिवहन और निपटान करना, आपात स्थिति के लिए योजना बनाना, कर्मियों को तैयार करना, अभिलेख बनाना आदि शामिल हैं।
संदर्भ:
https://rb.gy/jwlw7
https://rb.gy/h9xhb
https://rb.gy/rnzfc
https://rb.gy/noa80
चित्र संदर्भ
1. रामपुर के मछली भवन और आईएसओ 14001 प्रमाणीकरण
को दर्शाता एक चित्रण (prarang, wikimedia)
2. आईएसओ 14001 प्रमाणीकरण दस्तावेज को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. आईएसओ 14001 प्रमाणीकरण के लोगो को दर्शाता चित्रण (youtube)
4. एक साफ़ भारतीय सड़क को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. एक महिला सफाईकर्मी को दर्शाता चित्रण (PixaHive)
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