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जंगली मशरूम के प्रति उतनी ही सतर्कता बरतें, जितनी आप सांप को देख कर बरतते हैं!

रामपुर

 14-06-2023 09:21 AM
फंफूद, कुकुरमुत्ता

आमतौर पर सांप को देखते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हालांकि, लोग यह भी जानते हैं कि सभी सांप जहरीले नहीं होते, लेकिन फिर भी वे इनसे डरते हैं। किंतु जिस प्रकार सांप की कुछ प्रजातियां बहुत जहरीली होती हैं, इसलिए लोग बेवजह खतरा मोल लेने से डरते हैं। ठीक उसी प्रकार मशरूम की कुछ किस्में बहुत जहरीली होती हैं, इसलिए भोजन हेतु मशरूम का चुनाव करते समय भी हमें उतना ही सतर्क होना चाहिए, जितना कि हम सांप को देखकर हो जाते हैं। आज हम जानेंगे कि जहरीले मशरूम को खाने का परिणाम कितना भयानक हो सकता है?
भारत में, मशरूम कई जातीय जनजातियों के आहार का एक महत्वपूर्ण अंग है। इन जनजातियों द्वारा दुनिया भर में पाई जाने वाली मशरूम की 2,000 जंगली प्रजातियों में से लगभग 283 प्रजातियों का सेवन किया जाता है। हालांकि, ये जनजातियाँ आमतौर पर जहरीले और खाने योग्य मशरूम के बीच अंतर पहचानने में माहिर होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये भी गलती कर जाती हैं, और आकस्मिक रूप से विषैले मशरूम खा लेती हैं। मशरूम के जहरीलेपन को मायसेटिज्म (Mycetism) अर्थात मशरूम विषाक्तता के रूप में भी जाना जाता है, और यह प्राचीन काल से ही मनुष्यों को प्रभावित कर रही है। ‘ऋग्वेद’ और ‘अथर्ववेद’ जैसे प्राचीन सनातनी ग्रंथों में भी मशरूम की विषाक्तता का उल्लेख मिलता है। भारत की विभिन्न संस्कृतियों में लंबे समय से मशरूम का आहार और व्यापार किया जा रहा है। लेकिन व्यस्तता के कारण कई लोग गलती से जहरीले जंगली मशरूम का सेवन कर लेते हैं। मीडिया (Media) को इनमें से कुछ गिने चुने मामलों की ही भनक लग पाती है। हालांकि मानसून के दौरान, मशरूम विषाक्तता से होने वाली मृत्यु की संख्या बढ़ जाती है। सितंबर-2011 में एक ऐसी ही दुखदाई घटना, हिमाचल प्रदेश के एक गाँव में भी घटित हुई, जहां एक पहाड़ी परिवार ने पहाड़ों से खोजी गई जंगली मशरूम का सेवन कर लिया। भोजन करने के 4-6 घंटे के भीतर ही, परिवार के चारों सदस्यों को पेट में दर्द, उल्टी और खूनी दस्त होने लगे। इसके बाद उन्हें एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उन्हें अंतःशिरा (IV) तरल पदार्थ (intravenous (IV) fluids) और एंटीमेटिक्स (Antiemetics) दिए गए। तकरीबन 24 से 36 घंटों के बाद उनकी सेहत में कुछ सुधार हुआ। दुर्भाग्य से, बीमारी के चौथे दिन उस परिवार के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, और शेष तीन रोगियों को भी उनकी बिगड़ती हालत के कारण, उत्तर भारत के तृतीयक देखभाल अस्पताल (Tertiary Care Hospital) में रेफर (Refer) कर दिया गया। प्रवेश के समय, तीनों रोगियों में पीलिया और उनकी चेतना में गड़बड़ी जैसे लक्षण दिखाई दिए। बहुत कोशिशों के बावजूद भी मां और बेटे का, दिल की धड़कन रुकने (Cardiac Arrest) के कारण देहांत हो गया। इसके 24 घंटे के बाद, बेटी का भी ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कम हो गया, और उसे दौरे पड़ने लगे, लेकिन दूसरी बार आए कार्डियक अरेस्ट का सामना वह भी नहीं कर सकी, और उसने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
जहरीले मशरूम के प्रकोप से जुड़ी एक खबर, भारत के असम राज्य से भी आई, जहां जहरीले मशरूम खाने से असम के मेरापानी में दो लोगों की मौत हो गई और दस अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। दरसल मेरापानी में गलती से एक साथ पाँच परिवारों के तेरह लोगों ने जहरीले मशरूम खा लिए और वे बीमार पड़ गए। घटना के पता चलने तक मशरूम खाने वाली महिलाओं में से एक की मौत हो गई थी। पीड़ितों में से एक व्यक्ति की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। जहरीले मशरूम खाना बहुत अधिक खतरनाक और जानलेवा भी हो सकता है। मशरूम का सेवन करते समय सावधानी बरतना जरूरी है, खासकर उन मशरूमों से जो जंगलों में पाए जाते हैं।
आमतौर पर मशरूम की विषाक्तता को लाइलाज माना जाता था, लेकिन आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि हाल ही में वैज्ञानिकों ने घातक डेथ कैप मशरूम (Death Cap Mushroom) के संभावित समाधान की खोज कर ली है। हाल के एक अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने मानव कोशिकाओं को इन मशरूमों में पाए जाने वाले अल्फा-एमैनिटिन (Alpha-Amanitin) नामक जहरीले पदार्थ के प्रति प्रतिरोधी बनाने के लिए CRISPR (Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats) नामक जीनोम एडिटिंग तकनीक (Genome Editing Technology) का उपयोग किया। उन्होंने पाया कि मानव कोशिकाएं STT3B नामक विशिष्ट प्रोटीन के अभाव में इन मशरूमों के विष के हानिकारक प्रभावों का मजबूती से सामना कर सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने यह भी पाया कि आमतौर पर मेडिकल इमेजिंग (Medical Imaging) के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला इंडोसायनिन ग्रीन (Indocyanine Green) नामक डाई इस प्रोटीन को ब्लॉक (block) कर सकता है। विषाक्तता के 4 घंटे बाद दिए जाने पर, यह जीवित रहने की दर में वृद्धि करता है, और जिगर (liver) की क्षति को रोकता है। यह रोमांचक खोज मशरूम विषाक्तता के संभावित उपचार की उम्मीद जगा रही है।

संदर्भ

https://tinyurl.com/2yznjfae
https://shorturl.at/cdkr3
http://surl.li/hugrx

 चित्र संदर्भ
1. मशरूम और छोटी बच्ची को दर्शाता एक चित्रण (Pxfuel, wikimedia)
2. साइलोसाइबिन मशरूम के नजदीक एक बच्चे को दर्शाता चित्रण (Flickr)
3. बिक्री हेतु रखी गई मशरूमों को दर्शाता चित्रण (PickPik)
4. अमनिता फैलोइड्स दुनिया में सबसे घातक मशरूमो में से एक मानी जाती है, को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. अल्फा-एमैनिटिन (Alpha-Amanitin) नामक जहरीले पदार्थ के रासायनिक सूत्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. मशरूम का सेवन करते एक भारतीय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



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