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हमारे देश के ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय’ द्वारा ‘2021 में भारत में हुई सड़क दुर्घटनाएं’ इस विषय पर एक वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। यह रिपोर्ट वर्ष 2021 के दौरान देश में हुईं सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्रदान करती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के दौरान भारत में कुल 4,12,432 दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,53,972 लोगों ने अपनी जान गवां दी, जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए। क्या यह आंकड़े दुखद नहीं हैं? हालांकि इसके पहले वर्ष 2020 के दौरान, देश में दुर्घटनाओं, मौतों और जख्मी लोगों की संख्या में अभूतपूर्व कमी देखी गई थी। हालांकि यह कोविड-19 (Covid–19) महामारी के असामान्य प्रकोप और इसके परिणामस्वरूप, विशेष रूप से मार्च-अप्रैल 2020, के दौरान देश में लगे कड़े लॉकडाउन (Lockdown) के कारण हुआ था।
सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित प्रमुख संकेतकों ने 2019 की तुलना में 2021 में बेहतर प्रदर्शन किया था। 2019 की तुलना में 2021 में जख्मी लोगों की संख्या में 14.8% की कमी के साथ सड़क दुर्घटनाओं में 8.1% की कमी देखी गई । हालांकि, 2019 की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 1.9% की वृद्धि हुई
भारत सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। चूंकि सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण होते हैं; इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा, सभी संस्थाओं के ठोस प्रयासों के माध्यम से समस्याओं को कम करने के लिए बहु-आयामी उपायों की आवश्यकता है। सरकार द्वारा संबंधित संगठनों और हितधारकों के साथ शिक्षा, सड़क और वाहन इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की गई है।
इस दिशा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ‘सड़क सुरक्षा के संदर्भ में की गई कार्यवाही के लिए वित्तीय सहायता का अनुदान तथा सड़क सुरक्षा क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार’ (Grant of Financial Assistance for Administering Road Safely Advocacy and Awards for the Outstanding Work Done in the Field of Road Safety) नामक एक योजना भी लागू की है। सड़क सुरक्षा के लिए कुशल उपाय करने में वाहन इंजीनियरिंग या वाहनों की बनावट की उन्नति एक प्रमुख भूमिका निभाती है। इसलिए, वाहनों के दुर्घटना सुरक्षा मानदंड को भी संशोधित किया गया है। वाहन चालकों की क्षमता में सुधार के लिए ड्राइवर लाइसेंसिंग (Driver licensing) और प्रशिक्षण की प्रणाली को मजबूत करने के लिए, ‘वाहन संचालन प्रशिक्षण और अनुसंधान’ (Institutes of Driving Training and Research (IDTR) केंद्रों के मॉडल संस्थानों को भी स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा, मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019, के प्रवर्तन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने की उम्मीद है। सड़क सुरक्षा मानदंड और दिशानिर्देश, समाज में नागरिक सुविधा और पारदर्शिता लाते हैं। ये सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से और मध्यवर्ती संस्थाओं को हटाकर भ्रष्टाचार को कम करते हैं। साथ ही, देश में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की रिपोर्टिंग, प्रबंधन, दावा प्रसंस्करण और विश्लेषण के लिए मंत्रालय द्वारा एक ‘केंद्रीय एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस’ (Central Integrated Road Accident Database) प्रणाली विकसित की गई है।
आज दुनिया में स्वचालित वाहनों का दौर चल रहा है। कुछ ही वर्षों बाद, सड़कों पर स्वचालित वाहन दिखना आम बात हो जाएगी। इसी को लेकर यह अनुमान है कि स्वचालित वाहन सड़क दुर्घटनाओं को व्यापक तौर पर कम कर सकते हैं। किंतु ऐसा नहीं भी है तो स्वचालित वाहनों के दौर में, सड़क दुर्घटनाओं का परिदृश्य अवश्य ही थोड़ा अलग तो होगा ही । 2020 में, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की सड़कों पर 12.6% दुर्घटनाएं बड़े ट्रकों के कारण हुईं थी। अतः कई सुरक्षा अधिवक्ताओं द्वारा सड़कों पर इन वाहनों के बढ़ते प्रचलन के बारे में प्रश्न और चिंताएँ जताई गई हैं। जुलाई 2021 से मई 2022 तक, राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन द्वारा कम से कम आंशिक स्वचालित नियंत्रण प्रणाली वाले वाहनों से संबंधित या उनके कारण होने वाली 400 अलग-अलग दुर्घटनाओं की सूचना दी गई ।
स्वचालित वाहनों के बारे में चिंताओं के बावजूद, वाहन निर्माता अपनी सुरक्षा का प्रयास और प्रदर्शन करना जारी रखे हुए हैं। कैलिफोर्निया (California) राज्य में 2014 के बाद से, चालक रहित या स्वचालित वाहनों से जुड़ी 88 दुर्घटनाओं की सूचना दर्ज हुई है। इन घटनाओं में से 81 दुर्घटनाएं सामने वाले दूसरे वाहनों के कारण हुईं। 88 वाहनों में से 62 वाहन पूरी तरह से संपूर्ण स्वचालन तरीके से चल रहे थे। एक प्रश्न यह भी उठता है कि यदि कोई चालक बिना चालक के वाहन से टकरा जाता है तो आखिर इसका दोष कौन लेगा? क्या इसका दोष वाहन का मालिक लेगा? या उस वाहन को बेचने वाला निर्माता, जो उपभोक्ता की सुरक्षा नहीं कर सका?शायद इस मामले में, स्वचालित वाहन में बैठा यात्री ही इसकी जिम्मेदारी लेगा!
स्वचालित वाहन मानव चालक के द्वारा की जाने वाली गलतियों की वजह से होने वाली कई प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम हैं। स्वचालित गाड़ियों के साथ, व्यावहारिक रूप से मानव चालक के द्वारा होने वाली गलतियों के कारण दुर्घटनाओं की संभावना काफी कम हो जाती है।
किंतु यह भी प्रश्न उपस्थित होता हैं कि कंप्यूटर या स्वचालित गाड़ियों के सिस्टम में त्रुटियां होने की संभावना कम हो सकती है, लेकिन कुछ गलत हो जाने पर स्वयं को ठीक करने में या उचित प्रतिक्रिया देने में मनुष्य की तुलना में कंप्यूटर कम सक्षम भी हो सकता है। वास्तव में, समस्या समाधानकर्ता के रूप में, मनुष्य कई तरीकों से कंप्यूटर से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में आपात स्थिति या किसी अन्य समस्या में वहां कौन और कैसे निर्णय लेगा? हालांकि, लिडार लेज़रों (Lidar lasers) और सहायक संचालन तकनीकों के उपयोग से स्वचालन सिस्टम की क्षमता में सुधार किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन जैसी संस्थाओं द्वारा नए मूल्यांकन कार्यक्रम भी इन नए वाहनों को सड़क पर सुरक्षित बनाने के लिए, स्वचालित वाहन सुरक्षा को संबोधित करते हैं। साथ ही हम, यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों के बीच अंतर करते हुए, स्वचालित वाहनों के लिए सुरक्षा मुद्दों को हल करने के लिए शीर्ष स्तरीय सुरक्षा समाधान बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ऐसा होने पर स्वचालित वाहन और भी सुविधाजनक होंगे।
संदर्भ
https://bit.ly/40UwMFQ
https://bit.ly/3zlA6ho
https://bit.ly/40QQ7r7
चित्र संदर्भ
1. एक सड़क हादसे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. 2016 से 2021 के दौरान हुई सड़क दुर्घटनाओं को दर्शाता एक चित्रण (morth.nic.in)
3. एक खतरनाक सड़क को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक अत्याधुनिक स्वचालित कार को संदर्भित करता एक चित्रण (NDLA)
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