Post Viewership from Post Date to 01-Jan-1970 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1314 1314

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

आज आपके सोलर ऊर्जा के उत्पादन से जुड़े सभी संदेह दूर हो जाएंगे

रामपुर

 26-11-2022 10:58 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता काफी बड़ी है। सौर प्रौद्योगिकी ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति देखी है। आज देश की कुल ऊर्जा खपत में से 10.61% ऊर्जा, अकेले सौर क्षेत्र से ली जा रही है। बिजली के भारी भरकम बिलों को देखकर आपका मन भी अपने घर में सौर पैनल लगाने का जरूर किया होगा, लेकिन क्या आपको पता है की इन सोलर पैनलों की ऊर्जा उत्पादन क्षमता, मौसम से अनुसार अलग-अलग हो सकती है? ठंड वाले मौसम में भी, सौर पैनल सूर्य के प्रकाश को बिजली में बदल देते हैं। ऐसा इसलिए हो पाता है, क्योंकि सौर पैनल सूर्य की गर्मी के बजाय, प्रकाश से ऊर्जा को अवशोषित करते हैं। ठंडी जलवायु वास्तव में सौर पैनल की दक्षता के लिए इष्टतम अर्थात आदर्श होती है। जब तक सूरज की रोशनी सौर पैनल से टकराती है, तब तक यह बिजली अवश्य उत्पन्न करेगी।
सौर पैनल कैसे काम करते हैं?
जब सूर्य के प्रकाश के फोटॉन कण (Photon Particle), सौर पैनल फोटोवोल्टिक (Solar Panel Photovoltaic) कोशिकाओं से टकराते हैं, तो सिलिकॉन के भीतर इलेक्ट्रॉन गति में आ जाते हैं। यह एक विद्युत प्रवाह बनाता है, जिसे आपके आवश्यक उपकरणों को बिजली देने के लिए सूरज से प्राप्त उर्जा को आपके घर के विद्युत वितरण बॉक्स में भेजा जाता है। एक रिचार्जेबल सौर बैटरी (Rechargeable Solar Battery) इस बिजली को स्टोर करने में मदद कर सकती है, ताकि आप रात में भी सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकें। ठंडे तापमान में इलेक्ट्रॉन आराम (कम ऊर्जा) पर होते हैं। जब इन इलेक्ट्रॉनों को सूरज की रोशनी (उच्च ऊर्जा) बढ़ाकर सक्रिय किया जाता है, तो सौर पैनल द्वारा वोल्टेज में अधिक अंतर प्राप्त होता है, जिससे अधिक ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए जब ठंड होती है तो सौर सेल अधिक कुशलता से बिजली का उत्पादन कर पाते हैं। सर्दियों में, सौर पैनलों के अपने चरम तापमान, या चरम शक्ति तक पहुंचने की भी संभावना कम होती है। साथ ही शोध बताते हैं कि पैनल 77ºF.1 के आसपास दक्षता खोना शुरू कर देते हैं।
हालांकि सौर पैनल सीधे सूर्य के प्रकाश में सबसे अधिक उत्पादक होते हैं, फिर भी वे ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विसरित या अप्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश (विकिरण) का उपयोग कर सकते हैं। यद्यपि तेजी से घने बादलों के आवरण के साथ ऊर्जा उत्पादन घटता है, लेकिन इसके बावजूद पैनल उम्मीद से अधिक क्षमता से काम करते हैं। बारिश पैनलों पर धूल को धोने में भी मदद करती है ताकि उन्हें कुशलता से संचालित किया जा सके। बर्फ से ढके होने पर भी सौर पैनल बिजली पैदा कर सकते हैं। वास्तव में, ठंडे, साफ दिनों में, बर्फ आपके सौर पैनलों पर दर्पण की तरह अतिरिक्त धूप को प्रतिबिंबित कर सकती है। यह "अल्बेडो प्रभाव (Albedo Effect)" पैनलों को ठंड में और भी अधिक बिजली पैदा करने में सक्षम बनाता है।
सौर पैनल आमतौर पर जुलाई और अगस्त के महीनों की तुलना में दिसंबर और जनवरी के महीनों में लगभग 40-60% कम ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। इसका मतलब यह है कि सर्दियों के दौरान गर्मियों की तुलना में सौर ऊर्जा का उत्पादन काफी कम होता है। औसतन, हमारे स्थानीय सौर मंडल के वार्षिक ऊर्जा उत्पादन का 65% प्रत्येक वर्ष 21 मार्च से 21 सितंबर के बीच उत्पन्न होता है। सर्दियों के दौरान सोलर पैनल कम ऊर्जा क्यों पैदा करते हैं?
इस भिन्नता में तीन कारक शामिल हैं:
1. छोटे दिन - गर्मी के दिनों की तुलना में सर्दियों में दिन काफी छोटे होते हैं। इसका अर्थ यह है कि सौर प्रणाली भी प्रत्येक दिन कम समय के लिए चलती है और इसलिए प्रति दिन कम औसत ऊर्जा का उत्पादन करती है।
2. सूर्य का कोण - सर्दियों में सूर्य का कोण भी नाटकीय रूप से बदल जाता है। यहां तक ​​कि सर्दियों के महीनों के दौरान दोपहर के आसपास भी सूर्य आसमान में बहुत कम होता है। इसका मतलब है कि सूर्य की किरणें गर्मी के महीनों की तुलना में सीधे सौर पैनलों पर कम पड़ती हैं। इससे सिस्टम का बिजली उत्पादन कम होगा जिसका सीधा असर ऊर्जा उत्पादन पर भी पड़ता है।
3. वायुमंडलीय स्थितियां- बल्कि तूफान के बाद पैनलों पर बर्फ के आवरण का प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। बर्फ के एक पतले आवरण के बावजूद सिस्टम अभी भी थोड़ी मात्रा में ऊर्जा चालू और उत्पादन करने में सक्षम होता है। क्या सौर पैनल बादलों के बावजूद काम करते हैं? यह धारणा असत्य है कि जब बादल छाए रहते हैं तो सौर प्रणाली काम नहीं कर सकती। बादल वाले दिनों में भी सौर पैनल ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। हालांकि, ऐसे दिनों में उत्पादित ऊर्जा की मात्रा एक स्पष्ट दिन / नीले आसमान की तुलना में कम प्रतिशत पर होती है। बादल छाए रहने पर सौर पैनल आमतौर पर अपने मानक ऊर्जा उत्पादन का लगभग 10-25% उत्पन्न कर सकते हैं। यह प्रतिशत इस आधार पर भी भिन्न हो सकता है कि मौसम वास्तव में कितना बादलदार है।
भारत वर्तमान में कुल सौर ऊर्जा परिनियोजन में विश्व स्तर पर पांचवें स्थान पर है। देश में बिजली उत्पादन के लिए 749 गीगावाट (GW) की विशाल सौर क्षमता भी है, जो मुख्य रूप से सनबेल्ट (Sunbelt) में अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण है, जो कि भूमध्य रेखा के आसपास 35 डिग्री के भीतर का क्षेत्र है। भारत ने अक्टूबर में गुजरात के मोढेरा में अपने पहले 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा संचालित गांव की घोषणा की थी। 9 अक्टूबर, 2022 को, भारत ने पश्चिमी राज्य गुजरात के मोढेरा गाँव को देश का पहला 24×7 सौर ऊर्जा संचालित गाँव घोषित किया गया। मोढेरा के निवासी इस कदम से अपने बिजली के बिल में लगभग 60-100 प्रतिशत की बचत कर सकते हैं।
मोढेरा गांव में ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांटइंडिया (Ground Mounted Solar Power Plant) है। साथ ही बिजली पैदा करने के लिए घरों में एक किलोवाट क्षमता वाले 1,300 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) लगाए गए हैं। आवासीय और सरकारी भवनों पर इन रूफटॉप सौर प्रणालियों को बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) के साथ भी एकीकृत किया गया है। सौर ऊर्जा से 280 गीगावॉट (60 प्रतिशत से अधिक) की उम्मीद के साथ, भारत की 2030 तक स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के 450 गीगावॉट तक पहुंचने की योजना है। राज्य सरकार ने सौर नीति-2022 के तहत अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस निति के अंतर्गत सौर पार्कों की स्थापना के माध्यम से 14,000 मेगावाट, आवासीय क्षेत्रों में रूफटॉप सौर परियोजनाओं के माध्यम से 4,500 मेगावाट, गैर-आवासीय रूफटॉप परियोजनाओं के माध्यम से 1,500 मेगावाट और पीएम कुसुम योजना के माध्यम से 2,000 मेगावाट शामिल होंगे। केंद्र द्वारा वित्तीय सहायता के अलावा, राज्य सरकार के 15,000 रुपये प्रति किलोवाट, अधिकतम 30,000 रुपये प्रति उपभोक्ता तक के योगदान को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत सरकारी भवनों और सभी शिक्षण संस्थानों को नेट मीटरिंग सिस्टम (Net Metering System) पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने की अनुमति दी गई है।

संदर्भ
https://bit.ly/2kMKhsu
https://bit.ly/3F2oC69
https://bit.ly/3gwFyYZ
https://bit.ly/3tXTOgl

चित्र संदर्भ
1. खेतों में सोलर प्लांट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. सोलर पैनल की कार्यप्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (pintrest)
3. सर्दियों में सोलर पैनल को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
4. सोलर पैनल इंस्टालेशन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. घने बादलों और सोलर पैनल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. भारत के तेलंगाना राज्य में सौर ऊर्जा संयंत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id