भारत में आज भी तीज-त्योहारों या विशेष तौर पर अक्षय तृतीया और धन तेरस के पावन अवसर पर,
आभूषणों और बर्तनों की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है! लोग इन विशेष अवसरों पर छोटी-मोटी
खरीदारी तो जरूर करते ही हैं। हालांकि पिछले 2-3 वर्षो के दौरान, विश्वभर में फैली महामारी के कारण,
लोग, इन अवसरों पर भी खरीदारी करने से वंचित रह गए थे! किंतु महामारी का प्रकोप कम होते ही,
स्थगित शादियों और त्योहारों के कारण, हाल ही में गहनों की बिक्री में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है।
दो साल के लंबे अंतराल के बाद, देश भर में सोने और चांदी की मांग बहुत बढ़ गई है। पिछले दो सालों के
दौरान देशभर में, अक्षय तृतीया पर, सराफा दुकानें (bullion shops) कोई खास कारोबार नहीं कर पाईं थी।
2019 में, अक्षय तृतीया के अवसर पर देशभर में 10,000 करोड़ रुपये का सोना बिका था। कन्फेडरेशन
ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders (CAIT) के अनुसार, कोविड-प्रेरित
लॉकडाउन के दो साल बाद, अक्षय तृतीया पर 15,000 करोड़ रुपये का आभूषण व्यवसाय दर्ज किया गया।
दो वर्षों से कोविड संकट के कारण भारी मंदी देखने के बाद, आखिरकार 2021 में देश भर के सराफा बाजार
में लोगों की, भारी भीड़ उमड़ पड़ी, और अनुमान लगाया गया कि, अक्षय तृतीया पर 15,000 करोड़ रुपये के
आभूषण का कारोबार हुआ, जो बड़े व्यापारियों के चेहरों पर मुस्कान लेकर आया। अक्षय तृतीया पर ग्राहकों
को लुभाने के अपने प्रयास में, सुनारों ने हल्के गहने बनाए थे, जिनकी अच्छी बिक्री हुई और उनकी मांग भी
बहुत अधिक थी।
”कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा (CAIT, National
General Secretary Praveen Khandelwal and National President Pankaj Arora) ने बताया
कि तीन साल पहले, 2019 में अक्षय तृतीया के दौरान सोने का भाव 32,700 रुपये प्रति 10 ग्राम, और चांदी
का भाव 38,350 रुपये प्रति किलो था। वहीं, इस साल सोना 53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम, और चांदी
66,600 रुपये प्रति किलो के आसपास रहने का अनुमान है।
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया (BC Bhartia) के अनुसार, 2021 की पहली तिमाही के दौरान,
भारत में सोने की छड़ों और सिक्कों (gold bars and coins) के रूप में, 39.3 टन सोना आयात किया गया,
जबकि 2022 की पहली तिमाही में यह मात्रा बढ़कर 41.3 टन हो गई। 2021 की पहली तिमाही में सोने के
आभूषणों का आयात 126.5 टन था, जो 2022 की पहली तिमाही (first quarter) में केवल, 94.2 टन ही रह
गया, जो सोने के आभूषणों के बजाय, सोने की छड़ों और सिक्कों के रूप में निवेश करने वाले लोगों की बढ़ती
प्रवृत्ति को दर्शाता है।
2019 में अक्षय तृतीया पर देश भर में 10,000 करोड़ रुपये का सोना बिका। लेकिन, 2020 में मई महीने में
अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन (lockdown) के चलते, सोने की बिक्री महज 5 फीसदी, यानी करीब 500
करोड़ रुपये ही रही थी।
अक्षय तृतीया को सोना और आभूषण खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। हालांकि, पिछले दो वर्षों में,
COVID-19 महामारी के कारण, बिक्री में बड़ी गिरावट देखी गई थी। मार्च-अप्रैल में उच्च स्तर को छूने के
बाद, सोने की कीमतों में भी लगभग 5,000 रुपये की गिरावट आई है, जिससे बिक्री में तेजी देखी गई है।
गर्मियों में शादी की भीड़ और टियर-2 तथा टियर-3 शहरों (Tier-2 and Tier-3 cities) में ज्वेलरी बढती
हुई मांग, ज्वेलरी रिटेल (Jewelry Retail) में और अधिक चमक ला रही है।
आभूषण विपणक (Jewelry Marketers) के अनुसार, 2020 और 2021 की महामारी के कारण, स्थगित
शादियों ने आभूषणों की मांग को बढ़ा दिया है, जिससे अक्षय तृतीया और धनतेरस की खरीद में भारी
इजाफा होने की उम्मीद है। ज्वैलर्स एंड डायमंड के अध्यक्ष (President of Jewelers & Diamonds),
जयंतीलाल चालानी के अनुसार, "महानगरों की तुलना में टियर -2 और टियर -3 शहरों में, अधिक बचत
करने की प्रवृत्ति दिखाई देती है, जहां लोगों के पास पैसा खर्च करने के अधिक विकल्प मौजूद हैं।"
ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ मद्रास (Traders Association of Madras) पिछले दो वर्षों की तुलना में, इस वर्ष
कम से कम 25% -30% अधिक बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। गर्मियों में होने वाली शादियों की भीड़ इस
मांग के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
“अप्रैल-जुलाई शादियों का मौसम होता है, और 2 साल की खामोशी के बाद इस अवधि में अनुमानित 40
लाख शादियां होने की उम्मीद जताई जा रही हैं। शादियां, आभूषणों की बिक्री का एक बड़ा चालक हैं, और
इस गर्मी में छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से भी इनकी मांग बढ़ रही है। चूंकि शुभ अवधि अप्रैल के मध्य से
शुरू हो गई है, इसलिए इस साल, अक्षय तृतीया पर शादी की बहुत सारी खरीदारी होगी! यहां तक कि
ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं (online retailers) में भी हीरे के आभूषणों में एक तेज उछाल देखी जा रही है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (world gold council) में भारत के क्षेत्रीय सीईओ (CEO), सोमसुंदरम पीआर ने
कहा कि, “अक्टूबर-दिसंबर 2021 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद, जनवरी-मार्च 2022 में भारत की सोने
के आभूषणों की मांग 26% गिरकर 94 टन हो गई।” साथ ही "सोने की कीमतों में तेज उछाल के साथ कम
शुभ दिनों का मतलब कम शादियां और खुदरा मांग में ठहराव भी है।" नतीजतन अक्षय तृतीया सोने कीमांग बढ़ाने वाला पहला बड़ा अवसर बन गया है।
संदर्भ
https://bit.ly/3NFu1RU
https://bit.ly/3wQWMo0
https://bit.ly/3t7Ev4D
चित्र संदर्भ
1. सोने के आभूषणों के साथ महिलाओं को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
2. सोने के आभूषणों के बाजार को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
3. सोने के भाव को दर्शाता एक चित्रण (google)
4. सोने की प्रतिमाओं को दर्शाता एक चित्रण (maxpixe)
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