Post Viewership from Post Date to 03-Dec-2021 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2743 99 2842

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

मुनाफे के चक्कर में ओवरफिशिंग का शिकार होती समुद्री मछलियाँ

रामपुर

 04-11-2021 08:27 PM
समुद्री संसाधन

आपने सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी अवश्य सुनी होगी। कहानी के अनुसार किसी किसान के घर में एक मुर्गी, हर रोज़ सोने का एक अंडा देती थी, जिसे बेचकर वह किसान अपना जीवन यापन करता था। एक दिन किसान के मन में यह विचार आया की "यदि मुर्गी हर दिन एक अंडा दे सकती हैं तो न जाने इसके भीतर कितने सोने के अंडे होंगे" उसने सोचा यदि वह मुर्गी को मारकर सारे अंडे एक साथ बेचे तो निश्चित रूप से भारी मुनाफा कमा सकता है! अतः अंत में लालच में आकर उसने मुर्गी की हत्या कर दी और आगे की कहानी का अंदाज़ा आप लगा सकते हैं! दरसल आज इंसानों की हालत भी उस किसान की भांति हो गई है,जो समुद्र से सीमित मात्रा में निकलने वाली मछलियों से संतुष्ट नहीं हैं, अथवा भारी मुनाफे के चक्कर में वह बेहिसाब मछलियों का शिकार करने लगा है। भारत में, अनुमानित 14 मिलियन लोग मछली पकड़ने के क्षेत्र में कार्यरत हैं, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1% और कृषि सकल घरेलू उत्पाद का 5% योगदान देता है। जानकार मानते हैं की बहुत अधिक मछली पकड़ने से मछली का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो सकता है। कई तटीय राज्यों, विशेष रूप से केरल और कर्नाटक में सार्डिन मछली (sardine fish) मुख्य आहार का हिस्सा हैं, इसलिए किसानों ने 2010 की शुरुआत में मछली की रिकॉर्ड मात्रा को पकड़ा और बेचा। उदाहरण के लिए, केरल के लोगों ने अकेले 2012 में 390,000 मीट्रिक टन सार्डिन पकड़ा; हालाँकि, केवल चार साल बाद, उनकी पकड़ घटकर 45,000 टन रह गई। सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Marine Fisheries Research Institute (CMFRI) के वैज्ञानिकों के अनुसार इसका प्रमुख कारण ओवरफिशिंग (overfishing) अर्थात आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ना रहा है। कई मछुआरों ने लाभ कमाने के लिए सार्डिन की क्षमता से समझौता करते हुए किशोर मछली भी पकड़ी थी। भारत के 41 समुद्री मत्स्य संसाधनों के 223 मछली स्टॉक पर किए गए बायोमास डायनेमिक्स मॉडलिंग (Biomass Dynamics Modeling) अध्ययन से ज्ञात हुआ है की लगभग 79 मछली स्टॉक पूरी तरह खत्म हो गए हैं। ओवरफिशिंग की इस श्रेणी में, पकड़ी गई मुख्य समुद्री प्रजातियों में इंडियन ऑयल सार्डिन, मैकेरल, एंकोवी ब्लैक पॉमफ्रेट, कैटफ़िश, केकड़े, फ्रिगेट और बुलेट ट्यूना, पेनाइड प्रॉन, थ्रेडफिन ब्रीम्स, वुल्फ हेरिंग आदि शामिल हैं, जो सभी समुद्री क्षेत्रों में आम हैं। हालांकि, कहीं और के विपरीत, हमारे पानी में, हमारे पास प्रजातियों में एक विशाल विविधता है।
आईसीईएस जर्नल ऑफ मरीन साइंस (ICES Journal of Marine Science) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार समुद्री मत्स्य संसाधनों में नौ विभिन्न श्रेणियों की मछली पकड़ने के कुल वार्षिक मछली पकड़ने के घंटे को कम करना आवश्यक है। सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) के शोधकर्ताओं ने लैंडिंग, फिशिंग गियर और टोटल लैंडिंग प्रजातियों के समय का उपयोग करके विश्लेषण किया। जिनके परिणामों से संकेत मिलता है कि भारत में 34.1% मछली स्टॉक स्थाई हैं (एक स्थायी मछली का शिकार संतुलित मात्रा में शिकार किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मछली पकड़ने के तरीकों या प्रथाओं के परिणामस्वरूप मछली की आबादी समय के साथ कम न हो।), 36.3% अधिक मछली पकड़ी जा रही हैं, 26.5% उभर रहे हैं, और 3.1% अधिक मछली पकड़ने की स्थिति में हैं। स्थाई मछली स्टॉक का उच्चतम प्रतिशत गोवा (63.6), पश्चिम बंगाल (52.6) और केरल (52%) में था, अत्यधिक मछली स्टॉक का उच्चतम प्रतिशत पुडुचेरी (71.4%), गुजरात और दमन दीव (65%) में था और ( 46.4%), और मछली स्टॉक की वसूली का उच्चतम प्रतिशत आंध्र प्रदेश (50%), ओडिशा (40.7%) और महाराष्ट्र में था। दुनिया भर की सरकारें मछली पकड़ने की सब्सिडी पर सालाना 35 अरब डॉलर (2.66 लाख करोड़ रुपये) खर्च करती हैं। पिछले साल प्रकाशित जर्नल मरीन पॉलिसी (journal Marine Policy) में एक अध्ययन के अनुसार, इस क्षेत्र में भारत में 277 मिलियन डॉलर (2,110 करोड़ रुपये) का योगदान था, जिसमें से 174 मिलियन डॉलर (1,325.5 करोड़ रुपये) योगदान विनाशकारी स्तर तक मछली पकड़ने को माना जाता है।

क्या मछली के शिकार को सीमित करने का कोई उपाय है?
“2012 के दौरान केरल में, भारतीय आयल सार्डिन (oil sardine) "एक मछली " की संख्या में भारी कमी आई थी, तब सरकार ने किशोर मछली को पकड़ने से रोकने के लिए पकड़ी जाने वाली मछलियों के आकार को निर्दिष्ट करने वाले कुछ नियम पेश किए थे। जिसमे जाल का आकार भी सरकार द्वारा निर्धारित किया गया था। इसके परिणाम भी सकरात्मक आये थे। मछली पकड़ने के जाल के आकार को विनियमित करना एक अन्य उपाय हो सकता है, जिससे अक्सर किशोर मछली (juvenile fish) को नियंत्रित करने का सुझाव दिया जाता है।

संदर्भ
https://bit.ly/3BLGKvU
https://bit.ly/3nY9xZj
https://bit.ly/3BQhZPy

चित्र संदर्भ
1. मृत पड़ी मछलियों का एक चित्रण (ourfish)
2  वैश्विक मत्स्य पालन और जलीय कृषि उत्पादन 1950 - 2015 को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. भारतीय आयल सार्डिन (oil sardine) का एक चित्रण (wikimedia)
4. जाल में फसी मछलियों को दर्शाता एक चित्रण (fnatickhighwebdesign)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए देखें, दक्षिण कोरियाई सर्वाइवल ड्रामा फ़िल्म, ‘टनल’ को
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:15 AM


  • कानपुर छावनी की स्थापना से समझें, भारत में छावनियां बनाने की आवश्यकता को
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:24 AM


  • जानिए, भारतीय शादियों में डिज़ाइनर लहंगों के महत्त्व और इनकी बढ़ती मांग के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:20 AM


  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id