Post Viewership from Post Date to 02-Dec-2021 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3165 141 3306

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

धन‚ दिवाली और धनतेरस के बीच संबंध तथा त्योहारी बिक्री के भ्रामक प्रलोभनों से बचाव

रामपुर

 03-11-2021 08:43 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

दीपावली या दिवाली‚ भारत का सबसे बड़ा त्योहार है‚ जो हिंदू चंद्र पंचांग के अनुसार अक्टूबर और नवंबर के बीच होता है‚ और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह ‘प्रकाश का त्योहार’ के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा उत्सव है‚ जिसे लोग अपने घरों‚ कार्यालयों तथा सार्वजनिक स्थानों को‚ पारंपरिक मिट्टी के दीपक‚ मोमबत्ती‚ रंगीन कागज की लालटेन‚ मनोहर रोशनियों से सजाकर तथा हाल ही में‚ विस्तृत हुई आतिशबाजी के साथ मनाते हैं। लेकिन यह अपने साथ धन सृजन की दिशा में तैयार की गई गतिविधियों की एक आकर्षक श्रृंखला भी लाता है। दिवाली उत्सव धन की हिंदू देवी लक्ष्मी के मंगलाचरण से जुड़ा है। दिवाली की रात को‚ हिंदू परिवार समृद्धि के साथ आशीर्वाद की उम्मीद में‚ उन्हें अपने घरों में आमंत्रित करने के लिए एक विशेष प्रार्थना समारोह या पूजा करते हैं। दिवाली को हिंदू नव वर्ष का प्रतीक माना जाता है‚ इसलिए भारत के अधिकांश व्यापार और व्यावसायिक समुदाय के लिए‚ यह नए वित्तीय वर्ष का भी प्रतीक है। परिणामस्वरूप‚ ऐसा माना जा सकता है कि दिवाली की कई प्रमुख परंपराएं धन के इर्द-गिर्द केंद्रित हैं। यह संपत्ति के आगमन के लिए‚ नए निवेश करने के लिए तथा यहां तक की खरीदारी करने के लिए भी विशेष रूप से शुभ समय माना जाता है। दिवाली से ठीक पहले धनतेरस आता है‚ ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर कीमती धातुओं को खरीदने से सौभाग्य प्राप्त होता है। कई भारतीय इस दिन सोना‚ चांदी‚ गहने या धातु की वस्तुएं खरीदते हैं‚ देश भर में बैंक‚ स्वर्ण विक्रेता तथा जौहरी विशेष रूप से इस अवसर के लिए आकर्षक प्रस्ताव पेश करते हैं। वास्तव में‚ दिवाली तक का समय‚ कोई भी महंगी वस्तु खरीदने के लिए एक भाग्यशाली समय के रूप में माना जाता है‚ विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो उत्पादकता बढ़ाने के बारे में सोचते हैं‚ जैसे कि कार‚ मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स। मोबाइल फोन विशेष रूप से लोकप्रिय खरीद बन गए हैं। अमेज़ॅन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसी ई-कॉमर्स साइट‚ दिवाली के आसपास बड़ी छूट और प्रस्ताव के साथ खगोलीय बिक्री की तैयारी करते हैं। दिवाली नई शुरुआत से जुड़ी होती है‚ इसलिए परिवार के सभी सदस्य नए कपड़े तथा वस्तुएं खरीदने की इच्छा रखते हैं‚ घरों तथा कार्यालयों की साफ सफाई के साथ नवीनीकरण किए जाते हैं‚ तथा उपहार खरीदे जाते हैं और बहुत उत्साह के साथ आदान-प्रदान किये जाते हैं। क्रिसमस (Christmas) की तरह‚ दिवाली के आसपास का महीना‚ अपने साथ पूरे भारत में दुकानों‚ बाजारों तथा व्यवसायों के लिए बड़ी मात्रा में व्यावसायिक गतिविधि लेकर आता है। दिवाली उत्सव में शेयर बाजार भी हिस्सा लेता है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज‚ अविक्रेय समय के दौरान ‘मुहूर्त’ (Muhurat) नामक एक शुभ समय के विशेष व्यापारिक सत्र के लिए खुले रहते हैं‚ जिसे ज्‍योतिष द्वारा‚ दिवाली की शाम को ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण समय पर निर्धारित किया जाता है। त्योहारी महीने के दौरान बाजार तैयार होते हैं। ई-टेलर्स (E-tailers) सक्रिय रूप से कई मौकों पर बढ़ी हुई ऑनलाइन मांग को संबोधित करते हैं‚ ई-टेलर्स और ऑनलाइन विक्रेता समग्र पूर्ति को चलाने के लिए निचले स्तर के शहरों और महानगरीय क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे‚ कार्यबल और प्रौद्योगिकी को बढ़ाने के लिए बड़े निवेश करते हैं। भारत में ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को इस साल के त्योहारी महीने के दौरान लगभग 6.5 बिलियन डॉलर की बिक्री होने की संभावना है‚ जिसमें लगभग 55 मिलियन से 60 मिलियन ऑनलाइन खरीदार भाग लेंगे। अमेज़ॅन (Amazon) ने 10 नए पूर्ति केंद्र स्थापित किए हैं; इन अतिरिक्त सुविधाओं के साथ‚ देश के 15 राज्यों में इसके 60 पूर्ति केंद्र हैं‚ जो ऑनलाइन विक्रेता आधार के लिए विकास के मामले में भी मजबूत कर्षण देखते हैं। अमेज़ॅन ने पिछले साल की तुलना में ऑनलाइन व्यापारियों के लिए 30% की वृद्धि और फरवरी से नए विक्रेता पंजीकरण में 60-80% की वृद्धि दर्ज की है। इनमें से अधिकांश सूक्ष्म‚ लघु और मध्यम उद्यम होने की संभावना है‚ जो तेजी से बिक्री की अधिक संभावना को दर्शाते हैं‚ क्योंकि महामारी ने लोगों को ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए प्रेरित किया है। आकर्षक फेस्टिव डील और उत्पाद छूट के साथ-साथ सरल भुगतान विकल्प ने उपभोक्ताओं के सामर्थ्य को बढ़ावा दिया है‚ इसलिए यह साल‚ भारत में ई-टेलर्स के लिए एक और सफल उत्सव-वर्ष की अवधि बना रहा है। गतिशीलता के रुझान आर्थिक गतिविधि की धीमी वापसी का संकेत देते हैं। गूगल की मोबिलिटी रिपोर्ट बताती है‚ कि कोविड -19 (Covid-19) महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन का जनसंख्या आंदोलन पर कितना विनाशकारी प्रभाव पड़ा। अप्रैल में मेट्रो क्षेत्रों में खुदरा और मनोरंजन से संबंधित गतिशीलता में 90% की गिरावट आई है। जिसके कारण कई लोगों की नौकरी छूट गई‚ लोग बेरोजगार हो गए और उनकी जीविका के साधनों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे‚ इसलिए गैर-विवेकाधीन खर्च की मांग में तेजी से गिरावट आई। सितंबर में तेजी से आगे बढ़ते हुए एक उल्लेखनीय सुधार देखा गया है‚ जिसमें सभी शहरों के लिए गतिशीलता में कम से कम 40% की वसूली हुई है। यह अभी भी महामारी से पहले के आंदोलन के स्तर से काफी दूर है‚ लेकिन यह निस्संदेह बेहतर है और आर्थिक गतिविधियों में धीमी गति से पुनरुत्थान की ओर इशारा करता है। इस साल ऑनलाइन चैनलों द्वारा अच्छा प्रदर्शन देखा जा सकता है। खरीदारी के व्यवहार में मौलिक बदलाव आए हैं। मौजूदा संकट ने खरीदारी के व्यवहार को बदल दिया है‚ बाहर जाने के लिए सामान्य अनिच्छा के साथ‚ उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन चैनलों को अपनाया है। ऑनलाइन खरीदारी की बाधाएं दूर हो गई हैं‚ और जो परिवर्तन दो साल में होता‚ वह पांच महीने में हुआ है। मजबूत दिवाली खरीदारी एक और संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित हो रही है। दिवाली से पहले‚ खुदरा विक्रेताओं ने ऑनलाइन बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 55% की उछाल के साथ 4.1 बिलियन डॉलर की छलांग लगाई है। यह डेटा अक्टूबर के दौरान नए वाहन पंजीकरण में वृद्धि को भी दर्शाता है। त्योहारों पर मिलने वाले आकर्षक छूट‚ बिक्री तथा अविश्वसनीय कीमत भ्रम पैदा करती हैं। यह वर्ष का वह समय है‚ जब हम खरीददारी की होड़ में लग जाते हैं‚ तथा जो कुछ भी हम चाहते हैं या नहीं चाहते हैं‚ वह हमें ‘अविश्वसनीय’ कीमतों पर प्राप्त होता है। इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर कारों तथा घर सजाने की वस्तुओं तक‚ मिलने वाले आकर्षक ऑफर के कारण‚ हमें अपने पसंदीदा उत्पादों को खरीदने के लिए‚ हो रहे आग्रह का विरोध करना मुश्किल लगता है। पैसे खत्म हो जाने पर हम आसानी से यह भी स्वीकार कर लेते हैं कि हम ‘खरीदारी के शौकीन’ हैं। हालाँकि‚ यह पूरी तरह से सच नहीं है‚ हो सकता है कि हम खरीदारी के शौकीन न हों‚ लेकिन ध्यानपूर्वक नियोजित विपणन तथा विज्ञापन के प्रभाव में आ गए हों। त्योहारी सीजन में ज्यादा खर्च न करने व आकर्षक विज्ञापनों या ऑफर से बचने के लिए कुछ तरकीबों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अपनी इच्छाओं और जरूरतों के बीच अंतर करना सीखें तथा अपने बजट को एक मील से अधिक न बढ़ाएं। अपनी खरीदारी स्थगित करें: यदि आप कुछ महंगा खरीदना चाहते हैं‚ तो खरीदारी को कुछ समय के लिए स्थगित करें दें तथा इस बारे में सोचें कि क्या आपको वास्तव में उस उत्पाद की आवश्यकता है या नहीं। यदि वास्तव में वह वस्तु आवश्यक नहीं थी तो इस प्रकार आप आग्रह पर काबू पाना सीख लेंगे। साथियों के दबाव का विरोध करें: बहुत से युवा बेकार की खरीदारी पर खर्च करते हैं क्योंकि उनके आसपास के सभी लोग भी ऐसा कर रहे हैं। सिर्फ इसलिए खर्च न करें क्योंकि दूसरे खर्च कर रहे हैं। तनाव कम करने के लिए खरीदारी न करें: कुछ लोगों के लिए‚ खरीदारी एक ऐसी थेरेपी है‚ जो उन्हें तनावपूर्ण दिन के बाद आराम करने में मदद करती है। लेकिन इस थेरेपी के खराब असर भी हैं‚ जो मामले को और बिगाड़ सकते हैं। हालांकि कुछ छूट वास्तविक हो सकती हैं‚ अगर आपको वास्तव में या भविष्य में वस्तु की आवश्यकता है‚ तो उस वस्तु को खरीदने के लिए‚ ऑफ़र पर उत्पाद की कीमत और गुणवत्ता के बारे में‚ पहले से ही अपना बाज़ार अन्वेषण करना भी ‘वास्तविक’ छूट को पहचानने और उसका लाभ उठाने में सक्षम होने के लिए महत्वपूर्ण है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3GNMj0Q
https://bit.ly/3nQkk7T
https://bit.ly/3GOuWg6
https://bit.ly/3mGZUz4
https://bit.ly/3GJqO19
https://bit.ly/3mH03m6
https://bit.ly/3k27ceS
https://bit.ly/2J9oIeL
https://bit.ly/2J7LnYU

चित्र संदर्भ
1. ऑनलाइन खरीदारी को संदर्भित करता एक चित्रण (istockl)
2  धनतेरस पर सोने की खरीदारी को दर्शाता एक चित्रण (growmudra)
3. बर्तन खरीदती महिला का एक चित्रण (Inews)
4. ऑनलाइन प्रलोभन का एक चित्रण (static.vecteezy)
5. ऑनलाइन खरीदारी का एक चित्रण (unsplash)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id