दिवाली का त्योहार धन की देवी लक्ष्मी जी के आह्वान पर आधारित होता है, दिवाली की रात घरों में देवी लक्ष्मी (जिन्हें समृद्धि की देवी माना जाता है) की प्रार्थना की जाती है और क्योंकि दिवाली हिंदू नववर्ष को चिह्नित करती है, भारत के अधिकांश व्यापारिक समुदाय के लिए, यह नए वित्तीय वर्ष का भी प्रतीक है। नतीजतन मुख्य रूप से दिवाली समृद्धि और धन का एक रूप है, इस दिन को नई संपत्ति लेने और नए निवेश करने और यहां तक कि खरीददारी करने और जुआ खेलने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ब्राह्मण ग्रंथों द्वारा इंगित वेदों के शुरुआती भाग में, गायों, घोड़ों, अनाज, सोना, बच्चों के रूप में धन अर्जित करने और जश्न मनाने के बारे में भजन और अनुष्ठान मौजूद हैं और उसमें धन को खुशी के रूप में इंगित किया गया है।
अरण्यक और उपनिषद ग्रंथों से संकेतित वेदों के उत्तरार्ध में, धन के साथ एक बड़ी व्यथा को पाया गया है। धन को कुछ ऐसी चीज़ों के रूप में दिखाया गया है जो अपने साथ बहुत बड़ी अनहोनी को भी अंजाम देती है, जैसे पड़ोसियों से ईर्ष्या, दोस्तों का नुकसान, परिवार के भीतर झगड़े आदि। धन की प्रकृति पर प्रारंभिक और बाद के वैदिक काल के बीच विचार में यह बदलाव इंद्र की स्थिति को दर्शाती है। साथ ही धन को केवल इसलिए त्याग देना क्योंकि उसके आने से दुःख भी साथ आता है एक उच्च विचार नहीं है, यदि हम वेदांत में देखें तो उसमें मन और संपत्ति के बीच संबंधों के बारे में कई पौराणिक कथाओं के माध्यम से बताया गया है।
पूरे पाँच दिन के इस त्यौहार में धनतेरस भी शामिल है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन कीमती धातु खरीदने से धन की प्राप्ति होती है और कई भारतीय इस दिन सोना, चांदी, गहने या धातु की वस्तु खरीदते हैं। बैंक (Bank), गोल्ड डीलर (Gold Dealer) और ज्वैलर्स (Jewelers) देशभर में इस अवसर के लिए आकर्षक सौदे पेश करते हैं। जबकि दिवाली में महंगी वस्तुओं की खरीददारी करना भी काफी शुभ माना जाता है जैसे गाड़ी, मशीनरी (Machinery), इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) आदि। वर्तमान समय में मोबाइल फोन काफी लोकप्रिय हो चुका है और सालाना इसकी नई श्रृंखला आने और दिवाली में कंपनियों द्वारा आकर्षक प्रस्ताव देने की वजह से यह भी एक विशेष रूप से काफी प्रचलित खरीद बन गया है। वहीं भारत के त्योहारी महीने के दौरान ऑनलाइन (Online) खुदरा खर्च में साल-दर-साल 34% की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है। कॉमर्स साइट (E-Commerce Site) अमेज़न (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) दिवाली के आसपास भारी बिक्री के लिए भारी छूट और प्रस्ताव के साथ तैयार हो जाते हैं।
भारत में ऑनलाइन खुदरा व्यापारी को इस साल के त्योहारी महीने (15 अक्टूबर से 15 नवंबर) के दौरान लगभग 6.5 बिलियन डॉलर ($6.5 billion) की बिक्री की उम्मीद है, जिसमें लगभग 55 मिलियन से 60 मिलियन ऑनलाइन खरीदार भाग लेंगे। इनमें से लगभग 75% बिक्री 15 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक होगी, जिस अवधि में फ्लिपकार्ट द्वारा बिग बिलियन डेज़ इवेंट (Big Billion Days) आयोजित किया जाएगा, जबकि अमेज़न का ग्रेट इंडियन फेस्टिवल इवेंट (Great Indian Festival) 17 अक्टूबर से शुरू होगा। इस साल के त्योहारी अवधि के लिए अन्य मुख्य आकर्षण में निम्नलिखित शामिल हैं:
• गतिशीलता के रुझान आर्थिक गतिविधियों की धीमी गति का संकेत देते हैं: गूगल (Google) की गतिशीलता विवरण बताती है कि कोविद -19 (Covid-19) और लॉकडाउन (Lockdown) का प्रभाव जनसंख्या आंदोलन पर कितना विघटनकारी रहा है। अप्रैल के महीने के लिए मेट्रो क्षेत्रों में खुदरा और मनोरंजन से संबंधित गतिशीलता में 90% की गिरावट आई है।
• खरीदारी के व्यवहार में एक मौलिक बदलाव देखा जा सकता है: वर्तमान संकट ने खरीद व्यवहार को बदल दिया है, उपभोक्ताओं द्वारा अब अधिकान्स खरीदारी ऑनलाइन माध्यम से ही करी जा रही है।
क्योंकि दिवाली नई शुरुआत से जुड़ी हुई है, इस दिन घरों में परिवार के सभी सदस्य नए कपड़े खरीदते हैं, घरों और दफ्तरों में नवीकरण का कार्य करवाते हैं और बहुत ही उत्साह के साथ एक दूसरे को उपहार देते हैं। जैसा की हमने पहले ही बताया है कि दिवाली के आसपास का महीना भारत भर में दुकानों, बाज़ारों और व्यवसायों के लिए बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक गतिविधि लाता है। इस दिन शेयर बाज़ार (Share Bazar) भी भारी मात्रा में तेज़ी पकड़ता है। दीपावली की शाम को ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण समय पर निर्धारित मुहूर्त के लिए भारतीय शेयर बाज़ार बंद होने के बावजूद भी कुछ समय के लिए खुले रहते हैं। हालांकि भारत में जुआ पूरी तरह से गैरकानूनी है लेकिन फिर भी दिवाली के दिन ताश पत्ते खेले जाते हैं। तीन पत्ती सबसे लोकप्रिय खेल है, लेकिन फ्लश (Flush), रम्मी (Rummy) और पोकर (Poker) भी खेला जाता है।
आमतौर पर धनतेरस के दिन सोने की बिक्री में काफी तेजी देखी जाती है लेकिन विगत वर्ष से सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से सोने की खरीद कम हो सकती है। वैसे प्रत्येक वर्ष सोने की बिक्री लगभग 40 टन होती है, लेकिन पिछले वर्ष सोने की कीमतों में वृद्धि होने के कारण सोने की मांग में गिरावट देखी गई थी। पिछले वर्ष ऊंची कीमतों और आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण सोने का आयात भी कम हुआ था। भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में केवल 26 टन सोने का आयात किया है, जो 2018 में 81.71 टन था।
इस अवधि में अगर आप अपने बजट से ज्यादा नहीं खर्च करना चाहते हैं तो निम्न उपायों को अपना सकते हैं :-
• त्यौहार अवधि के दौरान “ये खरीद का अंतिम दिन है...स्टॉक सीमित है...अभी खरीदें...!” इस तरह की लाइनें केवल एक जाल बिछाने के लिए उपयोग की जाती हैं। ऐसे ऑफर हर सीज़न में आते और जाते रहते हैं तो ज्यादा अफरातफरी में खरीददारी न करें।
• यह तो हम सब जानते ही हैं कि आज कल कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता है, लेकिन कई बार हमें मुफ्त के ऑफर से लुभाया जाता है। जैसे कि 5 के साथ 1 मुफ्त, लेकिन वास्तव में मुफ्त वाले में वे हमें सबसे सस्ता माल प्रदान करते हैं।
• बिक्री बढ़ाने के लिए खुदरा व्यापारी अक्सर ग्राहकों को आकर्षक प्रस्ताव गंवा देने का डर दिखाते हैं। लेकिन क्या वास्तव में यह सच है? उदाहरण से समझते हैं, मान लेते हैं कि दिवाली पर कार डीलर (Car Dealer) सीमित अवधि के ऑफर के तौर पर मुफ्त इंश्योरेंस (Insurance) की पेशकश करता है, लेकिन आपके द्वारा कार खरीदने का यह कारण नहीं होना चाहिए। यहां तक कि यदि इस दौरान आप कार नहीं खरीदते हैं या इससे पहले कार खरीदते हैं तो भी आप नुकसान में नहीं रहेंगे। इस सीमित प्रस्ताव के बाद वही डीलर आपको इंश्योरेंस की कीमत के बराबर मुफ्त एक्सेसरीज़ (Accessories) की पेशकश करेगा।
• त्यौहार अवधि के दौरान कई छूट की पेशकश भी की जाती है। लेकिन, कोई भी खरीद सोच-विचार के बाद करनी चाहिए। मान लेते हैं कि एक सेल (Sale) चल रही है, जिसमें 30% छूट दी जा रही है। लेकिन, इस छूट पर एक सितारा (*) बना हुआ है। यह सितारा विभिन्न शर्तों को बताता है जैसे कि कम से कम 6,000 रुपये की खरीद पर ही 30% की छूट मिलेगी।
अब समझते हैं कैसे इन लुभावी प्रस्ताव से आकर्षित होने से बचे:
प्राथमिकता: अपनी इच्छाओं और जरूरतों के बीच अंतर करना सीखें और अपने बजट से अधिक न खरीदें।
अपनी खरीदारी स्थगित करें: यदि आप कुछ महंगा खरीदना चाहते हैं, तो एक महीने के लिए उस चीज की खरीदारी को स्थगित कर दें। इस बात पर विचार करें कि क्या आपको वास्तव में उस उत्पाद की आवश्यकता है या क्या आपको इसके बिना अपने नियमित कार्यों को पूरा करना मुश्किल होगा।
दूसरों की देखा देखी न खर्च करें: बहुत सारे युवा अन्यथा बेकार खरीदारी पर खर्च कर देते हैं क्योंकि उनके आसपास के लोग उस चीज को खरीद रहे होते हैं, इसलिए ऐसा करने से बचें।
तनाव को कम करने के लिए खरीदारी न करें: कुछ लोग अपने तनावपूर्ण दिन के बाद तनाव को कम करने के लिए खरीदारी करना पसंद करते हैं, तो ध्यान रखें की व्यर्थ की चीजों में पैसे न खर्च करें।
जहां तक संभव हो अपने बजट को देखते हुए खरीदारी करें, लेकिन कई बार विक्रेता द्वारा वास्तविक छूट भी प्रदान की जाती है। यदि आप पहले से ही किसी चीज की आवश्यकता है या उसे खरीदने का आप विचार बना रहे थे तो आपके लिए यह आकर्षक प्रस्ताव का लाभ उठाने का समय है। आप “2 खरीदो 1 मुफ्त पाओ” के प्रस्ताव के बजाए उस वस्तु के वास्तविक मूल्य पर छूट पाने की कोशिश करें।
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