रामपुर के लोगों, क्या आप जानते हैं कि, आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा पर, भारत का सार्वजनिक व्यय, वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.1% और वित्त वर्ष 22 में 2.2% तक पहुंचा था। जबकि, वित्त वर्ष 2021 में, यह केवल 1.6% था। भारत के 2024-25 के बजट में, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए ₹ 90,958.63 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। तो आइए, आज इन निधियों के वर्तमान आवंटन और विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, संगठनों और अनुसंधान केंद्रों के बीच, उनके वितरण के बारे में विस्तार से जानें। इसके अलावा, हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि, क्या आवंटित धन पर्याप्त है, या पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए, अधिक धन की आवश्यकता है। अंत में, हम अपने देश की अर्थव्यवस्था में, स्वास्थ्य सेवा उद्योग के योगदान पर कुछ प्रकाश डालेंगे।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए, भारत के 2024-25 बजट में धन का वर्तमान आवंटन:
वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण द्वारा, 23 जुलाई को घोषित 2024-2025 बजट में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को, ₹ 90,958.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह 2023-24 में स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधित अनुमान, ₹ 80,517.62 करोड़ रुपये से, 12.9% की वृद्धि है। इसमें से 87,656.90 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को और 3,301.73 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आवंटित किए गए हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के लिए आवंटन – 4,278 करोड़ रुपये से बढ़ाकर, 4,523 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
सरकार ने, तीन कैंसर उपचार दवाओं – ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन(Trastuzumab Deruxtecan), ओसिमर्टिनिब(Osimertinib) और ड्यूरवालुमैब(Durvalumab), पर सीमा शुल्क छूट की भी घोषणा की है।
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए आवंटन, ₹ 65 करोड़ रुपये से बढ़ाकर, ₹ 90 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, एक्स-रे ट्यूब(X-ray tubes) और फ़्लैट पैनल डिटेक्टरों(Flat panel detectors) पर, सीमा शुल्क कम करने से डायग्नोस्टिक इमेजिंग(Diagnostic imaging) की लागत कम हो जाएगी। इससे, आवश्यक चिकित्सा डायग्नोस्टिक्स तक पहुंच बढ़ जाएगी। कैंसर विकिरण उपकरण, और जीवन रक्षक उपकरणों पर सीमा शुल्क में कटौती महत्वपूर्ण है, और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
भारत के स्वास्थ्य सेवा बजट का वितरण: मंत्रालय का व्यय (करोड़ रुपये में):
मंत्रालय |
बजट अनुमान |
संशोधित अनुमान |
संशोधित अनुमान से लेकर बजट अनुमान तक % परिवर्तन |
मंत्रालय के बजट में हिस्सेदारी |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन |
31,279 |
31,551 |
14.1% |
40% |
स्वायत्त निकाय |
10,073 |
17,251 |
4.4% |
20% |
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना |
6,186 |
6,800 |
7.4% |
8% |
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए मानव संसाधन |
1,975 |
1,520 |
-16.1% |
1% |
केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना |
4,631 |
4,296 |
25.3% |
6% |
प्रधानमंत्री अभिम |
1,542 |
2,300 |
63.3% |
4% |
एड्स एवं एसटीडी नियंत्रण |
2,143 |
2,421 |
26% |
3% |
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद |
2,047 |
2,295 |
19% |
3% |
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना |
7,518 |
1,900 |
15.8% |
3% |
अन्य |
8,338 |
3,449 |
20.3% |
5% |
कुल |
75,731 |
80,518 |
|
|
क्या वर्तमान बजट, भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए पर्याप्त है?
एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और पब्लिक हेल्थ ऑफ़ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर – के. श्रीनाथ रेड्डी के अनुसार, वर्तमान बजट, फ़ाउंडेशन इस धारणा को मिटाना चाहता है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था या स्वास्थ्य प्रणाली, लंबे समय से कोविड से पीड़ित है।
वास्तविक रूप में, जब इस बजट को मुद्रास्फ़ीति के लिए समायोजित किया जाता है, तो कुल मिलाकर, स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट के साथ-साथ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना कार्यक्रमों के लिए, आवंटन में गिरावट आई है। हमें 2024-25 के बजट अनुमान की तुलना, 2023-24 के बजट अनुमान से करने की ज़रुरत है। इस वित्तीय वर्ष के लिए, बजट अनुमान की तुलना, पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान से करना गलत होगा, क्योंकि संशोधित अनुमान, आवंटित धन खर्च करने में, स्वास्थ्य प्रणाली की अक्षमता को दर्शाता है। यह कार्यक्रम की ज़रूरतों में कमी को हालांकि, नहीं दर्शाता है। हमें विभिन्न स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने वाले उपायों के माध्यम से, अवशोषण और उपयोग की दक्षता में सुधार करते हुए, कार्यक्रम की ज़रूरतों के अनुसार, धन आवंटित करना चाहिए।
वित्त मंत्री का मुख्य बजट भाषण, स्वास्थ्य पर आश्चर्यजनक रूप से मौन था, जिसमें बुनियादी ढांचा और रोज़गार, विकासशील भारत के लिए प्रमुख क्षेत्र थे।
राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में भारत के स्वास्थ्य सेवा उद्योग का योगदान:
भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग ने, 2023 में अपनी स्वस्थ वृद्धि जारी रखी। इस प्रकार, यह निजी क्षेत्र और सरकार दोनों द्वारा संचालित, 372 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य तक पहुंच गया। 2024 में, भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, भारत के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, क्योंकि इसमें कुल 7.5 मिलियन लोग कार्यरत हैं।
2023 में, भारत के अस्पताल बाज़ार का मूल्य, 98.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसके, 2024 से 2032 तक, 8.0% की सी ए जी आर(CAGR) से बढ़ने का अनुमान है। यह आंकड़ा, 2032 तक 193.59 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित मूल्य तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा, देश में अर्जित कुल सकल लिखित प्रीमियम में, स्वास्थ्य खंड की हिस्सेदारी 33.33% है।
भारतीय चिकित्सा पर्यटन बाज़ार (medical tourism industry) का मूल्य, 2024 में, 7.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, और 2029 तक, इसके 14.31 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। पर्यटन सांख्यिकी के अनुसार, 2023 में, लगभग 634,561 विदेशी पर्यटक, भारत में चिकित्सा उपचार के लिए आए, जो देश में आने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का लगभग 6.87% थे ।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mpexzk78
https://tinyurl.com/yym2u76j
https://tinyurl.com/cwu4scx2
https://tinyurl.com/2v2n37sw
चित्र संदर्भ
1. ग्रामीण क्षेत्र में मरीज़ को सलाह देती महिला स्वास्थकर्मी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. पहाड़ी क्षेत्र से गुज़र रही एक एम्बुलेंस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)