Post Viewership from Post Date to 06-Nov-2024 (31st) Day
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आइए, देखें, गुजरात में स्थित, ‘रानी-की-वाव’ के चलचित्र

रामपुर

 06-10-2024 09:18 AM
द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना
भारत के गुजरात के पाटन शहर में स्थित रानी-की-वाव, एक ऐसी बावड़ी है, जिसे बनाने के लिए शिल्पकारों ने अपनी योग्यता का भरपूर उपयोग किया है। मारू-गुर्जर स्थापत्य शैली में बनाई गई इस बावड़ी को बनाने के लिए शिल्पकारों ने जटिल तकनीक के एक सटीक सम्मिश्रण और अनुपात का उपयोग किया, जो इस बावड़ी की महान सुंदरता को दर्शाता है। पानी की पवित्रता को उजागर करने वाले एक उल्टे मंदिर के रूप में डिज़ाइन की गई यह संरचना, उच्च कलात्मक गुणवत्ता की 500 से अधिक  मूर्तियों के साथ बनाई गई है, जो सीढ़ियों के सात स्तरों में विभाजित है। सरस्वती नदी के तट पर स्थित रानी-की-वाव के निर्माण का श्रेय 11वीं शताब्दी के चालुक्य राजा भीम प्रथम की पत्नी उदयमती को दिया जाता है। गाद से भरी इस जगह को 1940 के दशक में फिर से खोजा गया और 1980 के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया। इसे 2014 से, भारत में, यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। मूर्तिकला पैनलों में 500 से अधिक मुख्य मूर्तियाँ और 1000 से अधिक छोटी मूर्तियाँ हैं जो धार्मिक, धर्मनिरपेक्ष और प्रतीकात्मक छवियों को उजागर करती हैं। इस भव्य स्थल को 100 रुपये के नोटों पर दर्शाया गया है। आइए,   आज हम, रानी की वाव को विभिन्न कोणों से देखेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे, कि इसे कैसे और क्यों बनाया गया था। हम यह भी जानेंगे कि इस राजसी स्थल को 100 रुपये के नोटों पर क्यों दिखाया  जाता है।



संदर्भ: 
https://tinyurl.com/bdhv225t
https://tinyurl.com/ywsete67
https://tinyurl.com/ydb5hrrx 
https://tinyurl.com/4bp5886a   





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