लखनऊ के बागों से जुड़े रोचक किस्से

पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें
24-03-2022 08:01 AM
Post Viewership from Post Date to 29- Mar-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2887 213 3100
लखनऊ के बागों से जुड़े रोचक किस्से

नवाबों का शहर होने के साथ ही साथ हमारा लखनऊ शहर बागों का शहर भी हैं। यहां सड़कों के किनारे और शांत क्षेत्रों में भी बागों (उद्यानों) की भरमार है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आखिर अन्य शहरों की तुलना में लखनऊ में उद्यानों की संख्या अधिक क्यों है? आगे हम आप से लखनऊ के मशहूर बागों से जुड़े कुछ रोचक किस्से साझा करने जा रहे हैं। 1.सिकंदर बाग: कहा जाता है की नवाब वाजिद अली शाह को सिकंदर बेगम नाम की एक महिला से प्रेम हो गया, किन्तु शीघ्र ही एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित होकर बेगम की मृत्यु हो गई। जिसके पश्चात नवाब ने बेगम की याद में एक महल, एक मस्जिद और उद्यान मंडप का निर्माण किया और उसे नाम दिया "सिकंदर बाग़" जो अब राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के पास है। 2.मूसा बाग: हरदोई रोड के पास स्थित क्षेत्र में नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा बनाए गए विशाल उद्यान मौजूद थे। किवदंतियों के अनुसार नवाब ने यहां एक चूहे (मुशिक) को मार डाला, इसलिए इसका नाम मूसा बाग़ पड़ा। कुछ लोगों का यह भी मानना ​​है कि इसका नाम लॉर्ड मार्टिन (Lord Martin) के काल में फ्रांसीसी शब्द महाशय से लिया गया था। 3.आलमबाग: इस उद्यान का नाम नवाब वाजिद अली शाह की पहली पत्नी आलम आरा के नाम पर रखा गया था। माना जाता है की इस प्रेमी जोड़े को गजलों से अत्यधिक प्रेम था और दोनों इस बगीचे में बैठकर दोहे और गजलों की रचना करते थे। 4.चारबाग: नवाब आसफ-उद-दौला के दौर में यहां चार विशाल मुगल शैली के बगीचे थे जिस कारण इस क्षेत्र को चार बाग़ नाम मिला। साथ ही वहां नवाब के चाचा और कश्मीर के राज्यपाल शेर जंग, के नाम पर एक उद्यान का नाम भी रखा गया था, यह वहां मौजूद था, जहां अब सिटी स्टेशन खड़ा है। 5.कैसर बाग: नवाब वाजिद अली शाह द्वारा स्थापित, केसर बाग़ में एक विशाल परिसर था, जिसमें छोटे-छोटे बगीचे शामिल थे। इसका नाम उर्दू शब्द कैसर से मिला है जिसका अर्थ राजा होता है, अतः इसका नाम हुआ कैसर का बाग। साथ ही इससे जुडी "एक और कहानी यह भी है कि नवाब को एक सुंदर महिला से प्रेम हो गया था, जिसे कैसर पसंद (राजा की पसंद) के रूप में जाना जाता था। नवाब ने उसके लिए एक बगीचा बनाया जिसे नाम दिया "कैसरबाग"। 6.बादशाह बाग: नवाब नसीर-उद-दीन हैदर द्वारा अपनी पत्नी कुदसिया बेगम के लिए निर्मित किया गया यह उद्यान महिलाओं को समर्पित था, जहां माली भी महिलाएं ही थीं। 7.विलायती बाग: इतिहासकारों का मानना ​​है कि वर्तमान छावनी क्षेत्र में दिलकुशा उद्यान के पास स्थित इस उद्यान का नाम नवाब गाजी-उददीन हैदर की दो विदेशी पत्नियों के कारण पड़ा, जिनमें से एक एक ईसाई और दूसरी अर्मेनियाई (विलायती बेगम) थी । एक अन्य कहानी के अनुसार, यहां लगाए गए फूलों की किस्में विदेशी मूल की थीं, इसलिए भी इसे विलायती बाग कहा जाता है।
जितने रोचक किस्से हमारे लखनऊ शहर में स्थित बागों के हैं, उतना ही रोचक इतिहास हमारे घरों में उगाये जाने वाले घरेलू पोंधों अर्थात "हाउसप्लांट" ("houseplants") का भी रहा है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका (Encyclopedia Britannica) के अनुसार, कमरों के पौधों के साथइनडोर बागवानी की प्रथा का पता शुरुआती यूनानियों और रोमनों ने शुरू की। प्राचीन मिस्र, भारत और चीन जैसी पुरानी सभ्यताओं में भी गमलों के पौधों (potted plants) का उपयोग किया, लेकिन उन्हें आमतौर पर बाहरी स्थानों और आंगनों में उगाया जाता था। जहां बर्तनों (गमलों) के लिए, टेराकोटा का प्रयोग किया जाता था। हालांकि प्राचीन रोमनों ने संगमरमर के पात्रों का प्रयोग करना शुरू कर दिया था।
1920 के दशक के उत्तरार्ध में, पॉटेड हाउसप्लांट पहली बार बाजार में उपलब्ध हुए। बाजार में पॉटेड हाउसप्लांट की पेशकश करने वाली पहली नर्सरी दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित थी। आज जापानी, वियतनामी और चीनी संस्कृतियों में सजावटी उद्देश्यों के लिए बौने पेड़ों की अनूठी परंपराएं हैं, जिन्हें होन नॉन बो, पेनजिंग और बोन्साई (hon non bo, penjing and bonsai) के रूप में जाना जाता है। इन पौधों को प्रकृति में पूरी तरह से विकसित पेड़ों के रूप को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, और अक्सर प्राकृतिक परिदृश्य को अनुकरण करने के लिए सजावटी चट्टानों की विशेषताओं के साथ होते थे।

संदर्भ
https://bit.ly/3D2zE8S
https://bit.ly/3qJKcov

चित्र सन्दर्भ
1. सिकंदर बाग़ लखनऊ और शाही जोड़े को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. सिकंदर बाग़ को दर्शाता एक चित्रण (Picryl)
3. मूसा बाग, लखनऊ के पश्चिमी छोर पर स्थित एक महान ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। जिसका एक चित्रण (wikimedia)
4. आलमबाग लखनऊ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. लखनऊ चारबाग़ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. कैसर बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. नासिर अल-दीन हैदर की गौचे पेंटिंग (औध के राजा 18 27-37) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. विलायती बाग में कब्रिस्तान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.