काफी भव्य रूप से निकाली जाती है लखनऊ में गणतंत्र दिवस की परेड

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26-01-2022 10:43 AM
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काफी भव्य रूप से निकाली जाती है लखनऊ में गणतंत्र दिवस की परेड

लखनऊ में गणतंत्र दिवस परेड की जानकारीलगभग सभी को है।गणतंत्र दिवस के दिन लखनऊ की हर सड़क से भीड़ हजरतगंज की तरफ बढ़तीहुई नजर आती है। परेडदेखने के लिएसर्वोत्कृष्ट स्थानको ढूँढने के लिए लखनऊ वासीसुबह सात बजेनिकल जाते हैं। हजरतगंज चौराहे से लेकर केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक सड़क के दोनों ओर भीड़को देखा जा सकता है। बच्चे से लेकर बड़े तक सभी इस परेड को देखने के लिए आते हैं।चारों तरफदेश भक्ति से जुड़े गीत सुनाई देते हैं तथा हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाती है। विधान भवन के सामने मुख्य प्रलोभन होता है जिसमें राज्यपाल परेड की सलामी लेंगे तो मुख्यमंत्री समेत सभी विशिष्ट लोग वहां परेड का नजारा देखने के लिए उपस्थित रहते हैं।वहीं अतीत में यह परेड सेना के पोलो ग्राउंड (Polo ground) तक ही सीमित थी और परेड को देखने के लिए कुछ लोग ही जा पाते थे।परेड का आनंद हर कोई ले सकें, इसे सड़क पर आयोजित करने की योजना तैयार की गई। वर्ष 1979 में कुछ विभागों ने मिलकर सड़क पर परेड आयोजित करने की रणनीति तैयार की और 26 जनवरी 1979 को पहली बार लखनऊ की सड़क पर गणतंत्र दिवस की परेड नजर आई। सूचना विभाग, शिक्षा विभाग, गृह विभाग और शहर के कुछ लोगों ने परेड में भाग लिया था।उस समय परेड को शोभा यात्रा का नाम दिया गया था। तथा पहली बार शोभा यात्रा में देश की संस्कृति और गौरवशाली इतिहास की झलक दिखाई गई थी। वहीं देश की राजधानी दिल्ली मेंगणतंत्र दिवस परेड भारत में गणतंत्र दिवस समारोह को चिह्नित करने वाली सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण परेड है।यह भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्यआकर्षण है, जो तीन दिनों तक चलता है।परेड राष्ट्रपति भवन से राजपथ के साथ इंडिया गेट तक जाती है और वहां से लाल किले तक जाती है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ इसका उद्घाटन किया जाता है।इसके बाद थल सेना, नौसेना और वायु सेना की कई सेना दलअपने बैंड (Band) के साथ मार्च (March)करते हैं।भारत के राष्ट्रपति जो भारतीय सशस्त्र बलों के प्रधान सेनापति हैं, सलामी लेते हैं।इस परेड में भारत के विभिन्न अर्धसैनिक बलों और अन्य नागरिक बलों के बारह दल भी भाग लेते हैं।परेड में सबसे अनोखा एक ऊंट घुड़सवार सीमा सुरक्षा बल दल है, जो दुनिया में एकमात्र ऊंट घुड़सवार सैन्य बल है।साथ ही परेड में एन.सी.सी.सैनिक छात्र और राजधानी के विभिन्न स्कूलों के स्कूली छात्र परेड में भाग लेने पर काफी उत्साहित रहते हैं। वे आयोजन की तैयारी में कई दिन बिताते हैं और उनके अभ्यास से लेकर आवश्यक सामग्री और उनकी वर्दी तक हर विवरण का ध्यान रखा जाता है।
साथ ही परेड में विभिन्न राज्यों से उनकी संस्कृतियों को दर्शाने वाली झांकियों को प्रदर्शित किया जाता है।भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संस्कृतियों को प्रदर्शित करने वाली 22 से 30 झांकियां, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य उद्यमों की झांकियां शामिल हैं। झांकी की चयन प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है, जिसमें कई दिशा-निर्देश शामिल होते हैं।मंत्रालय अनुशंसा करता है कि झांकी एक ऐतिहासिक घटना, विरासत, संस्कृति, विकास कार्यक्रमों और पर्यावरण का प्रतिनिधित्व करें।झांकी में कोई लोगो (Logo) नहीं होना चाहिए और कुछ सजीवता और ध्वनि होनी चाहिए।भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों और भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एक निश्चित समय सीमा के भीतर प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं।कला क्षेत्रों के विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा प्रस्तावों की जांच की जाती है। जांच प्रक्रिया में 2 दौरा शामिल हैं। पहले दौरे में रेखाचित्रों और डिजाइनों के मूल्यांकन के बाद संशोधनों के लिए सुझाव दिए जाते हैं।दूसरेदौरे में त्रि-आयामी प्रतिरूप का मूल्यांकन किया जाता है, जिसके बाद समिति द्वारा अंतिम निर्णय पारित किया जाता है।परेड को बीटिंग रिट्रीट (Beating retreat) समारोह के साथ समाप्त किया जाता है। यह गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन 29 जनवरी की शाम को आयोजित किया जाता है। इस दिनथल सेना, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के तीन प्रभाग के बैंड द्वारा प्रदर्शन किया जाता है।
सर्वप्रथम गणतंत्र दिवसकी परेड 26 जनवरी 1950 को हुई थी, इस दौरान इंडोनेशिया (Indonesia) के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे। उस परेड के विमान परेड में हार्वर्ड (Harvard), कंसोलिडेटेड बी-24 लिबरेटर्स (Consolidated B-24 Liberators), डकोटा (Dakota), हॉकर टेम्पेस्ट (Hawker Tempest), स्पिटफायर (Spitfires) और जेट प्लेन (Jet planes) जैसे विमान शामिल थे,साथ ही इसमें कुल सौ से अधिक विमान शामिल थे।2016 में, फ्रांसीसी सेना के सैनिकों और एक फ्रांसीसी सेना बैंड ने 67वें गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया। 1950 में परेड की शुरुआत के बाद यह पहली बार हुआ कि गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक विदेशी सेना के सैन्य दल ने राजपथ पर मार्च किया।अधिकतर, गणतंत्र दिवस समारोह के बाद स्कूलों और कॉलेजों में 27 जनवरी को अवकाश रखा जाता है।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3qTR9DE
https://bit.ly/3FUVBXe
https://bit.ly/33G1Ktl
https://bit.ly/3IwPp9n

चित्र संदर्भ   
1. गणतंत्र दिवस के अवसर पर लखनऊ, हजरतगंज चौराहे में आयोजित परेड को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. इंडिया गेट पर गणतंत्र परेड झांकी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक ही दृश्य में गणतंत्र दिवस के विभिन्न समारोहों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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