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भारतीय संस्कृति में गंगा नदी को पृथ्वी की पवित्र नदियों में सबसे शीर्ष स्थान पर रखा गया है। भारतीय लोगों के मां गंगा के प्रति इस सम्मान और लगाव ने पूरी दुनियां के विभिन्न देशों और संस्कृतियों के खोजकर्ताओं, नाविकों और घुमक्कड़ों को भी आकर्षित किया है। इसी सांस्कृतिक संचरण के कारण, भारत में माँ गंगा की अहमियत से प्रभावित होकर कई लोगों ने अपने देश या क्षेत्रों (भारत के भीतर) की नदियों या जल निकायों का नाम भी "माँ गंगा" के नाम पर ही रख दिया। आज हम ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण नदियों या जल निकायों के बारे में जानेंगे, जिनके नाम "पवित्र गंगा नदी से मिलते-जुलते हैं, भले ही ये भौगोलिक रूप से मूल गंगा नदी से बहुत दूर हैं।
गोदावरी, माँ गंगा के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी मानी जाती है। इस नदी को आमतौर पर दक्षिण गंगा या वृद्ध (पुरानी) गंगा के रूप में भी जाना जाता है। यह नाम कई मायनों में उपयुक्त है, क्योंकि यह नदी गंगा की त्रासदी (Ganges' tragedy) के मार्ग का अनुसरण करती है। गोदावरी नदी अरब सागर से लगभग 380 किमी दूर, महाराष्ट्र में नासिक और मुंबई (पूर्व में बॉम्बे) के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है। इसके बाद यह नदी मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश राज्यों से होते हुए, दक्षिण-मध्य भारत में दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। तट से 80 किमी दूर राजमुंदरी में, नदी दो धाराओं में विभाजित हो जाती है, जिससे एक बहुत उपजाऊ डेल्टा का निर्माण होता है। इसकी कुछ सहायक नदियों में इंद्रावती नदी, मंजीरा, बिन्दुसार और सबरी शामिल हैं। इसके तट पर स्थित कुछ महत्वपूर्ण शहरों में नासिक, भद्राचलम, राजमुंदरी और नरसापुर शामिल हैं।
महावेली नदी को महावली गंगा के नाम से भी जाना जाता है। यह श्रीलंका की सबसे लंबी नदी है, और त्रिंकोमाली से होकर बहती है। श्रीलंका में रहने वाले हिंदुओं के बीच इसे बेहद पवित्र माना जाता है। वे मानते हैं कि यह नदी भारत की माँ गंगा की ही अभिव्यक्ति है। इसीलिए वे लोग इस नदी को “महावेली नदी” के रूप में संबोधित करते हैं। वे इसे भगवान शिव के सन्दर्भ से भी पवित्र मानते हैं। माना जाता है कि जैसे माँ गंगा कैलाश पर्वत से बहती है, उसी तरह भगवान शिव इसे भी अपने मस्तक पर धारण करते हैं।
तीर्थ गंगा बाली, इंडोनेशिया (Indonesia) में स्थित एक जल महल (water palaces) है। इसका निर्माण 1946 में करंगसेम के राजा द्वारा किया गया था, जिन्हें पानी के बगीचों से बहुत प्रेम था। यहाँ तक कि वह स्वयं भी अक्सर अपने मजदूरों के साथ घुटने तक गहरी मिट्टी में काम करते थे। यह जल महल, बगीचे, बड़े पूल, मूर्तियाँ और बहते पानी से सुशोभित है। 1963 में पास के माउंट अगुंग (Mount Agung) के विस्फोट से यह परिसर लगभग नष्ट हो गया था, लेकिन आज फिर से इसकी पहले जैसी भव्यता को बहाल कर दिया गया है, जिसमें ग्यारह-स्तरीय फव्वारा भी शामिल है। तीर्थ गंगा का जल, जिसके नाम का अर्थ ही “गंगा का पवित्र जल” होता है, अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहाँ तक कि इस जल का उपयोग नियमित रूप से धार्मिक मंदिर समारोहों के लिए भी किया जाता है। तीर्थ गंगा के अंदर, मीठे पानी के तालाबों वाला एक बगीचा है, जिसमें हमेशा लगभग 500,000 गैलन पानी भरा होता है। यह पानी मछली और जल पौधों से भरे हुए तीन बड़े पूलों और दो स्विमिंग पूलों से होकर बहता है। यहाँ के पैदल पथ, यहाँ आने वाले आगंतुकों को पूल, मछली, पौधों और उष्णकटिबंधीय हरियाली का आनंद लेते हुए चलने की अनुमति देते हैं। समय के साथ, उद्यान हरा-भरा हो गया है, और जल महल की पत्थर की दीवारें अब हरे पत्तों और फूलों से ढक चुकी हैं।
गंगा तलाओ या गंगा तालाब, मॉरीशस के सवाने जिले (Savane district of Mauritius) में स्थित एक खूबसूरत और रहस्यमयी झील है। इसे मॉरीशस में सबसे पवित्र हिंदू स्थल माना जाता है। इसका इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। ऐसा माना जाता है कि 1887 में यहाँ के एक हिंदू पुजारी ने एक अभूतपूर्व सपना देखा था। अपने सपने में, पुजारी ने देखा कि गंगा तलाओ का पानी जाहन्वी नदी (जो हिंदू देवी, गंगा का ही दूसरा नाम है) से निकलकर मॉरीशस की एक झील में गिर रहा है। पुजारी के स्वप्न और दर्शन की खबर तेजी से मॉरीशस की पूरी हिंदू आबादी में फैल गई और पुजारी को पता चल गया कि उसे उस झील की तलाश में जाने की जरूरत है जो उसने सपने में देखी थी। जब वह अन्य लोगों के एक समूह के साथ ग्रांड बेसिन की क्रेटर झील (Crater Lake of the Grand Basin) के पार पहुंचे तो उन्हें यह पता चला कि यह वही झील है, जिसकी उन्हें तलाश थी, क्योंकी झील हूबहू वैसी ही थी। इस प्रकार हरे-भरे जंगल जैसी वनस्पतियों से घिरे मॉरीशस में गंगा तालाब, उस दिन से हिंदू लोगों के लिए एक अविश्वसनीय रूप से विशेष स्थल बन गया। इस स्थान पर कई हिंदू ध्यान करने, जप करने, प्रसाद चढ़ाने और प्रार्थना करने के लिए भी पधारते हैं। यहाँ पर आप भगवान शिव की 33 मीटर ऊंची मूर्ति को भी देख सकते हैं, जिसका अनावरण 2007 में किया गया था और यह मॉरीशस की सबसे ऊंची प्रतिमा है। भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाये जाने वाले महाशिवरात्रि के दौरान तो इस तीर्थस्थल की महिमा देखते ही बनती है। आपको भी कभी मॉरीशस जाने का अवसर मिले तो गंगा तलाओ जाना मत भूलियेगा।
संदर्भ
http://tinyurl.com/8p4rchj8
http://tinyurl.com/yexuhdvn
http://tinyurl.com/5fjbutc7
http://tinyurl.com/4budnjt6
चित्र संदर्भ
1. बाली के जल महल के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. नदियों के मानचित्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. महावेली नदी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. तीर्थ गंगा बाली को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
5. गंगा तलाओ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. गंगा तलाओं के विस्तृत दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. गंगा तलाओं में भगवान शिव की 33 मीटर ऊंची मूर्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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