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स्वरोज़गार वाले व्यक्तियों एवं किसानों जैसे असंगठित वर्ग के लिए सेवानिवृत्ति योजनाएं

रामपुर

 22-12-2023 11:02 AM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

सेवानिवृत्ति के बाद शांतिपूर्ण और तनाव मुक्त जीवन का आनंद लेना एक ऐसा सपना होता है जिसका बहुत से लोग इंतजार करते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक रूप से शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए सेवानिवृत्ति योजना का होना आवश्यक है। सर्वोत्तम सेवानिवृत्ति योजना की सहायता से, व्यक्ति को अपने कार्य जीवन के बाद सेवानिवृत्त होने पर वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। सेवानिवृत्ति योजनाएँ ऐसी जीवन बीमा योजनाएँ होती हैं जो आपको अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनी संपत्ति बचाने और बढ़ाने की अनुमति देती हैं। अपनी नौकरी प्रोफ़ाइल और जीवनशैली के आधार पर, आप अपनी सेवानिवृत्ति योजनाओं का चयन कर सकते हैं। हालांकि सामान्य तौर पर, स्व-रोज़गार वाले लोगों के लिए बचत और सेवानिवृत्ति के संदर्भ में योजना बनाने में कई बार चूक हो जाती है।
स्व-रोज़गार वाले लोगों में एक सेवानिवृत्ति योजना न चुनने या गलत योजना बनाने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि स्वरोजगार वाले लोगों का PPF (Public Provident fund) या LTA (Leave Travel Allowance) खाता नहीं होता है। इसलिए उन्हें सेवानिवृत्ति के लिए स्वयं ही नए सिरे से शुरुआत करनी होती है। और आवश्यक ज्ञान की कमी या व्यस्त दिनचर्या के कारण आमतौर पर यह देखा जाता है कि स्व-रोज़गार वाले व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने का कष्ट ही नहीं उठाना चाहते हैं और अपने सुनहरे वर्षों के लिए अपने बच्चों पर निर्भर रहते हैं। हालांकि उचित समय पर सर्वोत्तम सेवानिवृत्ति और पेंशन योजना खरीदने से स्व-रोज़गार पेशेवरों को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। जो लोग नौकरीपेशा हैं उन्हें अपने नियोक्ताओं से जीवन बीमा कवरेज मिलता है या वे इसे स्वयं खरीदते हैं। जबकि स्व-रोज़गार वाले लोग सेवानिवृत्ति या जीवन बीमा योजना खरीदने को वित्तीय बोझ मानते हैं क्योंकि उनकी आय निश्चित नहीं होती है। हमारा यह अनुभाग ऐसे ही अनेक लोगों को समर्पित है। स्व-रोज़गार व्यक्तियों के लिए सेवानिवृत्ति योजना किसी अन्य वेतनभोगी व्यक्ति के लिए सेवानिवृत्ति योजना से बहुत अलग नहीं है, बशर्ते असंगत आय और अचानक बहिर्वाह की विशेष जरूरतों का ध्यान रखा जा सके। आमतौर पर, प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का 20 वर्ष से 50 वर्ष तक की आयु का समय धन अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान धन को अलग रखना और भविष्य की जरूरतों से निपटने के लिए बेहतर परिणाम अर्जित करने के लिए इसे निवेश में लगाना सेवानिवृत्ति योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू है। स्व-रोज़गार व्यक्तियों के लिए, सेवानिवृत्ति योजना में बाधा बनने वाली सबसे बड़ी चुनौती असंगत आय प्रवाह है। चूंकि आय स्थिर नहीं होती है, इसलिए एक स्व-रोज़गार व्यक्ति ज़्यादातर निवेश करने से बचता है। वह किसी भी योजना में एकमुश्त धनराशि को निवेश करना व्यर्थ समझता है और इसके बजाए अपने व्यापार या व्यवसाय में ही धन निवेश करना उचित समझता है। लेकिन यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सेवानिवृत्ति के बाद प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ धन राशि अवश्य होनी चाहिए।
अतः यहाँ हम कुछ ऐसी निवेश योजनाएं लेकर आए हैं जो अन्य निवेश योजनाओं की तुलना में अधिक लचीलापन देती हैं। ऐसी योजनाओं के कुछ उदाहरण हैं:
1.मासिक आय योजना (MIS): यह एक एकमुश्त निवेश योजना है, जो विभिन्न बैंकों और डाकघर द्वारा आकर्षक ब्याज दर के साथ निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पेश की जाती है। पांच साल की अवधि के लिए ब्याज दर आम तौर पर 15 लाख तक के लिए 7.5-9 प्रतिशत तक होती है। हालांकि यह योजना 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के समय पर अलग अलग ब्याज दरों पर उपलब्ध है। इस योजना के तहत ब्याज सीधे मासिक आधार पर निवेशकों के बचत खाते में जमा किया जाता है।
2.सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) योजना: सार्वजनिक भविष्य निधि योजना निवेशकों को 8.8 प्रतिशत प्रति वर्ष की आकर्षक ब्याज दर प्रदान करती है। PPF योजना के तहत 15 साल के लिए राशि जमा की जाती है, जिसकी न्यूनतम सीमा 500 रुपये और अधिकतम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष है। ब्याज वार्षिक रूप से संयोजित होता है और परिपक्वता पर देय होता है।
3.राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (National Savings Certificates): राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र दो रूपों NSC VIII अंक (5 वर्ष) और NSC IX अंक में उपलब्ध हैं। 5-वर्षीय योजना में प्रति वर्ष 8.6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है, जबकि 10-वर्षीय योजना में 8.9 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है। यहां स्व-रोज़गार व्यक्तियों के लिए लाभ यह है कि जब भी उनके पास अधिशेष हो, वे एक बार में प्रमाणपत्र खरीद सकते हैं।
4.म्यूचुअल फंड (Mutual Funds (MF): गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां निवेशकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के फंड की पेशकश करती हैं। म्यूचुअल फंड हमारी योगदान राशि को सीधे ऋण और इक्विटी में निवेश करते हैं।
5. स्टॉक में निवेश: आप लंबी अवधि के निवेश के लिए ब्लू-चिप कंपनियों में निवेश कर सकते हैं। ब्लू-चिप कंपनियां आम तौर पर लंबी अवधि, जैसे 10 साल या उसके आसपास अच्छा रिटर्न देती हैं।
6.गोल्ड फंड (Gold Funds): समय के साथ, न्यूनतम गारंटीड रिटर्न के साथ सोना किसी के लिए भी निवेश विकल्पों में सबसे सुरक्षित माना जाता है। गोल्ड फंडों से प्रति वर्ष लगभग 10-12 प्रतिशत के औसत रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।
8. सेवानिवृत्ति या पेंशन निधि: कई बीमा कंपनियाँ दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति या पेंशन योजनाएं पेश करती हैं। ये योजनाएं जीवन बीमा कवर के साथ आती हैं और इनका मुख्य उद्देश्य सेवानिवृत्ति लाभों के लिए एक विशाल सेवानिवृत्ति कॉर्पस फंड बनाना होता है। ये योजनाएं मूल रूप से दो प्रकार की होती हैं, एक पूरी तरह से पारंपरिक, अर्थात, निर्दिष्ट रिटर्न निश्चित होता है। अन्य प्रकार की योजना यूनिट-लिंक्ड (unit linked) होती है, अर्थात कुल पैसा इक्विटी (equity) और डेट (debt) फंड दोनों में निवेश किया जाता है। सेवानिवृत्ति योजनाएँ बीमा योजना तैयार करने में मदद करती हैं और चिंता मुक्त सेवानिवृत्त जीवन जीने में सहायक होती हैं । भारत सरकार द्वारा भी व्यापारियों और स्व-रोज़गार व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme (NPS)-व्यापारी) 2019 शुरू की गई है जो निम्न प्रकार है: यह योजना 1.5 करोड़ रुपये तक सीमित वार्षिक कारोबार वाले खुदरा व्यापारियों/दुकानदारों और स्व-रोज़गार व्यक्तियों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है। ये खुदरा व्यापारी/दुकानदार और स्व-रोज़गार व्यक्ति ज्यादातर दुकान मालिकों, खुदरा व्यापारियों, चावल मिल मालिकों, तेल मिल मालिकों, कार्यशाला मालिकों, कमीशन एजेंटों, रियल एस्टेट के दलालों, छोटे होटलों, रेस्तरां और अन्य लघु व्यापारियों के मालिकों के रूप में कार्य करते हैं।
योजना के लिए पात्रता मापदंड:
➲ योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को खुदरा व्यापारी/दुकानदार या स्व-रोज़गार व्यक्ति होना चाहिए।
➲ व्यक्ति की योजना में प्रवेश आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
➲ व्यक्ति का वार्षिक कारोबार टर्नओवर रु. 1.5 करोड़ या उससे कम होना चाहिए।
➲ लाभार्थी को संगठित क्षेत्र में कार्यरत नहीं होना चाहिए।
➲ उसे एक आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
➲ व्यक्ति के पास आधार कार्ड,आईएफएससी (IFSC) के साथ बचत बैंक खाता/जनधन खाता संख्या होना चाहिए।
योजना की विशेषता: यह योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसके तहत ग्राहक को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह 3000/- रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्राप्त होती है और यदि ग्राहक की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन का 50%, पारिवारिक पेंशन के रूप में लाभार्थी के जीवनसाथी को प्राप्त होता है। इस योजना में योजना में शामिल होने की तारीख से 60 वर्ष की आयु तक खुदरा व्यापारियों/दुकानदारों और स्व-रोज़गार व्यक्तियों द्वारा जमा धनराशि के बराबर केंद्र सरकार भी उनके पेंशन खाते में योगदान देती है।
खुदरा व्यापारी/दुकानदार और स्व-रोज़गार व्यक्ति निकटतम सामान्य सेवा केंद्र (Common Services Centre (CSC) पर जाकर और स्व-प्रमाणन के आधार पर आधार कार्ड और बचत बैंक/जन-धन खाता संख्या का उपयोग करके NPS_व्यापारी खाते लिए नामांकन कर सकते हैं। जिसके बाद अगले महीने से पहली सदस्यता का भुगतान नकद और ऑटो डेबिट रूप में किया जाता है। राज्य और केंद्र सरकार के सभी श्रम कार्यालय, LIC के सभी शाखा कार्यालय, ESIC/EPFO के कार्यालय खुदरा व्यापारियों/दुकानदारों और स्व-रोजगार व्यक्तियों को योजना, इसके लाभों और पालन की जाने वाली प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। एक बार जब लाभार्थी 18-40 वर्ष की प्रवेश आयु में योजना में शामिल हो जाता है, तो लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु तक योगदान करना होता है। 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर, ग्राहक को पारिवारिक पेंशन के लाभ के साथ 3000/- रुपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन DBT द्वारा प्राप्त होती है। यह तो बात हो गई खुदरा व्यापारियों/दुकानदारों और स्व-रोजगार व्यक्तियों जैसे असंगठित वर्गों की। किंतु एक ऐसा ही असंगठित वर्ग किसानों का भी है जिनके लिए भी सेवानिवृत्ति योजनाओं में निवेश करना आवश्यक होता है। सरकार द्वारा किसानों के लिए ऐसी ही एक योजना चलाई जाती है जिसका विवरण निम्न प्रकार है:
सरकार ने सभी भूमि धारक छोटे और सीमांत किसानों के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना को पेश किया है। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना एक सरकारी योजना है जो छोटे और सीमांत किसानों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है। 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले सभी छोटे और सीमांत किसान, जो 1 अगस्त, 2019 तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के भूमि रिकॉर्ड में नामित हैं, योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
इस योजना के तहत, किसानों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह ₹ 3000/- की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्राप्त होगी और यदि किसान की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में लाभार्थी के जीवनसाथी को प्राप्त होता है। इस योजना में 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के आवेदकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक प्रति माह ₹ 55 से ₹ ​​200 के बीच मासिक योगदान करना होता है।

संदर्भ
https://shorturl.at/ctwS7
https://shorturl.at/lptu1
https://shorturl.at/jptN9
https://rb.gy/y794zn
http://tinyurl.com/wjppdfvm

चित्र संदर्भ
1. खेत में काम करते किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. एक महिला किसान को दर्शाता एक चित्रण (The Borgen Project)
3. सामान्य सेवा केंद्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक प्रसन्न किसान को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)



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