City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2168 | 215 | 2383 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
करोड़ों वर्ष पूर्व “प्रारंभिक पौधों” की शुरुआती प्रजातियाँ, सबसे पहले समुद्र में विकसित हुई थी। पौधों का रंग शुरुआत से ही हरा था, जिसका श्रेय इनमें मौजूद “क्लोरोफिल (Chlorophyll)” नामक वर्णक या रंगद्रव्य को दिया जाता है। पौधे सूर्य के प्रकाश, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) का उपयोग करके अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। पौधों में भोजन बनाने की इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण “Photosynthesis” कहा जाता है। यह पूरी प्रक्रिया, क्लोरोफिल नामक इस हरे रंगद्रव्य के कारण ही संभव हो पाती है। वर्णक एक रंगीन अणु है जो विभिन्न तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को सोख सकता है। प्रकृति में कई रंगद्रव्य हैं, लेकिन क्लोरोफिल विशेष है क्योंकि यह पौधों को बढ़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा को अवशोषित करने में मदद करता है।
क्लोरोफिल, पौधों के भीतर क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) में पाया जाता है। क्लोरोप्लास्ट पौधों की कोशिकाओं के अंदर मौजूद, छोटी-छोटी संरचनाएँ होती हैं। क्लोरोप्लास्ट में विभिन्न प्रकार के अन्य अणु भी होते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक होते हैं, जिनमें एंजाइम और वाहक प्रोटीन (Enzymes And Carrier Proteins) भी शामिल हैं।
क्लोरोफिल, सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है और इस प्राप्त ऊर्जा का उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड तथा पानी को ग्लूकोज (Glucose) में परिवर्तित करने के लिए करता है। ग्लूकोज, पौधों का मुख्य भोजन होता है, जिसका उपयोग पौधे पनपने और विकसित होने के लिए करते हैं। इसका उपयोग पौधों के नए ऊतकों के निर्माण के लिए भी किया जाता है। प्रकाश संश्लेषण से ऑक्सीजन भी उत्पन्न होती है, जिसे पौधे हवा में छोड़ते हैं, और हमारे वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि हमें पत्तियों का रंग भी हरा इसलिए दिखाई देता है, क्यों कि पत्तियों में मौजूद यही क्लोरोफिल, हरे प्रकाश को परावर्तित करता है। दरसल क्लोरोफिल लाल और नीले प्रकाश को तो अवशोषित करता है। लेकिन “क्लोरोफिल हरी रोशनी को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, इसीलिए हरी रोशनी पौधे से टकराकर सीधे हमारी आँखों में आती है, जिससे हमें पौधा हरा दिखाई देता है।”
चलिए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्यों क्लोरोफिल हरी रोशनी को प्रतिबिंबित करता है? एक संभावना यह है कि “पौधे को क्षति से बचाने के लिए क्लोरोफिल हरे प्रकाश को परावर्तित करता है।” दरसल हरे प्रकाश में बहुत अधिक ऊर्जा होती है और इसकी बहुत अधिक मात्रा क्लोरोफिल के अणुओं को नुकसान पहुंचा सकती है। हरी रोशनी को प्रतिबिंबित करके क्लोरोफिल, पौधे को नुकसान पहुंचने से रोक देता हैं।”
यह भी संभव है कि क्लोरोफिल हरी रोशनी को अवशोषित करने में बहुत अच्छा नहीं है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि क्लोरोफिल, लाल और नीली रोशनी को बहुत अच्छे से अवशोषित कर लेता है।
दरअसल पृथ्वी के शुरुआती दौर में जब जीव समुन्द्र के नीचे पनपना प्रारम्भ कर रहे थे, तभी से यह विशाल और गहरे समुन्द्र, नीले और लाल रंग को ही सबसे आसानी से अवशोषित कर लेते थे, और हरी रोशनी अधिकतर प्रतिबिंबित हो जाया करती थी। आज दिखाई देने वाले सभी पौधों का प्राकृतिक विकास भी इस प्रारंभिक काल और उस दौर की विशेषताओं से जुड़ा हुआ है।
वास्तव में “यदि पौधे सभी रंगों को समान रूप से अवशोषित कर लें, तो वे हमारी आँखों को काले दिखाई देंगे।” हाल के एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मॉडल विकसित किया है जो हमें समझा सकता है कि पौधे हरी रोशनी को अवशोषित क्यों नहीं करते हैं। अपने नतीजों में उन्होंने पाया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पौधों को अपने प्रकाश संश्लेषण तंत्र या प्रक्रिया के दौरान "शोर" को कम करने की आवश्यकता होती है। प्रकाश संश्लेषण के संदर्भ में "शोर", ऊर्जा प्रवाह के हो रहे उतार-चढ़ाव को कहा जाता है जो पौधे की प्रकाश संश्लेषक मशीनरी को नुकसान पहुंचा सकता है। पौधों पर पड़ने वाली रोशनी की तीव्रता में तेजी से बदलाव आने पर शोर बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, जब पौधे पर छाया पड़ती है, तो उस समय रोशनी की तीव्रता कम हो जाती है।
कोशिका के लिए उचित यही होता है कि उसे दिन भर में विद्युत ऊर्जा की एक स्थिर आपूर्ति होती रहे ताकि वह एक स्थिर रासायनिक ऊर्जा का उत्पादन कर सके। लेकिन यदि पौधे के रिएक्शन सेंटर (Reaction Center) में बहुत कम इलेक्ट्रॉन पहुंचते हैं, तो इससे ऊर्जा की कमी आ सकती है। वहीं दूसरी ओर, यदि इसमें बहुत अधिक ऊर्जा पहुंचती है, तो इससे मुक्त कण पैदा हो सकते हैं और ऊतकों को नुकसान हो सकता है। चूंकि “शोर” प्रकाश संश्लेषण में ऊर्जा के सुचारू प्रवाह को बाधित कर सकता है, इसलिए पौधे तरंग दैर्ध्य पर प्रकाश को अवशोषित करके, अपनी प्रणाली में शोर को कम करने के लिए विकसित हो गए हैं जहां इससे नुकसान होने की संभावना कम से कम होती है। अध्ययन के निष्कर्षों से यह भी पता चलता है कि पौधों का रंग हरा होना महज एक संयोग नहीं है, बल्कि यह प्रकाश संश्लेषक प्रणाली में शोर को कम करने के विकासवादी दबाव का ही परिणाम है।
संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/4yanzup2
Https://Tinyurl.Com/2xza5fdf
चित्र संदर्भ
1. हरे पौंधे और क्लोरोफिल को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr, pexels)
2. क्लोरोफिल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. अलग-अलग मात्रा में क्लोरोफिल को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. पत्तों पर पड़ रही सूर्य की रौशनी को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
5. प्रकाश संश्लेषण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
© - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.