यूक्रेन में विदेशी छात्रों का एक चौथाई हिस्सा बनाते हैं, भारतीय छात्र, उन्हें वापस लाने के प्रयास

अवधारणा II - नागरिक की पहचान
06-03-2022 07:29 PM
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यूक्रेन में विदेशी छात्रों का एक चौथाई हिस्सा बनाते हैं, भारतीय छात्र, उन्हें वापस लाने के प्रयास

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हाल ही में रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) पर हमला किया है। इस हमले के कारण यूक्रेन की आर्थिक स्थिति में जहां भारी गिरावट आई है, वहीं बड़ी संख्या में नागरिकों और सैन्य कर्मियों की जानें भी जा रही हैं। इस युद्ध का प्रभाव दुनिया भर के उन अनेकों छात्रों पर भी है, जो यूक्रेन में अध्ययन कर रहे हैं।यूक्रेन (Ukraine) के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार,लगभग 80,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्र यूक्रेन में अध्ययन करते हैं, जिसमें भारतीय कुल विदेशी छात्रों का लगभग एक चौथाई हिस्सा बनाते हैं। तो आइए आज इस लेख के जरिए जानते हैं, कि क्यों भारतीयों द्वारा यूक्रेन को अध्ययन के लिए चुना जाता है या सबसे उपयुक्त माना जाता है?
यूक्रेन में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्र ज्यादातर चिकित्सा अध्ययन से सम्बंधित हैं, और इसके अनेकों कारण हैं। इसका पहला कारण तो यह है, कि यूक्रेन उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। चिकित्सा में स्नातक और स्नातकोत्तर विशेषज्ञताओं की सबसे बड़ी संख्या होने के कारण यूक्रेन कथित तौर पर अपने महाद्वीप में चौथे स्थान पर है।उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने के लिए हर साल अनेकों भारतीय छात्र यूक्रेन पहुंचते हैं। यूक्रेन में चिकित्सा अध्ययन का ट्यूशन शुल्क भारत के कॉलेजों की तुलना में सस्ता है। आम तौर पर जो ट्यूशन शुल्क भारत में चिकित्सा अध्ययन के लिए होता है, वह यूक्रेन में निजी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में अधिक है, जिसके कारण अधिक छात्र यूक्रेन में मौजूद मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेते हैं।यूक्रेन में अध्ययन करने का एक अन्य लाभ यह है कि यहां अनेकों मान्यता प्राप्त कॉलेज मौजूद हैं।यूक्रेन के कॉलेजों को विश्व स्वास्थ्य परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्री भारत में भी मान्य हैं क्योंकि भारतीय चिकित्सा परिषद ने भी उन्हें मान्यता दी है।
यूक्रेनी मेडिकल डिग्री को पाकिस्तान मेडिकल एंड डेंटल काउंसिल (Pakistan Medical and Dental Council), यूरोपियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन (European Council of Medicine) और यूनाइटेड किंगडम की जनरल मेडिकल काउंसिल (General Medical Council of the United Kingdom) द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने का एक अन्य कारण यह भी है, कि यहां मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कोई प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है।भारतीय छात्र यूक्रेन को इसलिए भी चुनते हैं क्योंकि कई प्रसिद्ध मेडिकल स्कूल सीट प्रदान करने के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं लेते हैं, तथा कॉलेजों में सीधा प्रवेश लिया जा सकता है।यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2020 में यूक्रेनी विश्वविद्यालयों में 18,095 भारतीय छात्र थे, जिन्होंने उस देश में मौजूद विदेशी छात्रों का लगभग 24% हिस्सा बनाया। यदि यह मान लिया जाए कि यूक्रेन में 18,095 भारतीय छात्रों का आंकड़ा अभी भी स्थिर बना हुआ है और 2022 की शुरुआत तक नहीं बढ़ा है, तो यूक्रेन में संघर्ष के इस कठिन समय में उन्हें वापस भारत लाने के लिए प्रति उड़ान 250 यात्रियों का वर्तमान औसत मानते हुए 72 उड़ानें भरनी होंगी। भारत सरकार के ऑपरेशन गंगा के तहत भरी गई कुछ उड़ानों (दिन में लगभग दो की दर से)के जरिए 27 फरवरी और 28 फरवरी के बीच लगभग 700 भारतीय छात्रों को वापस लाया गया है।
चल रहे युद्ध के कारण, यूक्रेनी हवाई क्षेत्र को नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है और जो भारतीय छात्र यूक्रेन छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें ऑपरेशन गंगा का लाभ उठाने के लिए निकटतम सीमा तक पहुंचने हेतु जमीनी माध्यम से यात्रा करनी होगी। यदि यह मान लिया जाए कि 27 फरवरी के अंत तक 1,000 छात्रों को यूक्रेन से निकाल लिया गया है, फिर भी 17,000 से अधिक भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, वो भी ऐसे समय में जब युद्ध एक महत्वपूर्ण चरण में है तथा स्थिति और भी खराब होने की उम्मीद है।शेष भारतीय 17,000 छात्रों को वापस लाने के लिए प्रत्येक हजार छात्रों के लिए चार उड़ानों की दर से 68 अन्य उड़ानों की आवश्यकता होगी।सीमावर्ती देशों जैसे रोमानिया (Romania -बुखारेस्ट एयरपोर्ट - Bucharest airport) और हंगरी (Hungary - बुडापेस्ट एयरपोर्ट - Budapest airport)से प्रतिदिन दो से तीन उड़ानों की वर्तमान दर पर इसमें अधिकतम 34 दिन और न्यूनतम 23 दिन लगेंगे।यूक्रेन- पोलैंड (Ukrainian-Poland) की घनी भीड़-भाड़ वाली सीमा पर पहले यूक्रेनी महिलाओं और उनके बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है।
उग्र संघर्ष के दौरान बैंक बंद रहने के कारण छात्रों को एटीएम से पैसे निकालने में भी कठिनाई हो रही है। इसके अलावा बर्फीले दिनों के साथ यूक्रेन की कड़ाके की ठंड छात्रों के लिए एक अन्य समस्या बनी हुई है।यूक्रेन में भारतीय छात्रों के लिए घर पहुंचना एक कठिन चुनौती बन गया है। अत्यंत खराब स्थिति के चलते छात्रों को गंदे बंकरों में रहना पड़ रहा है, जहां उचित भोजन और पानी भी उपलब्ध नहीं है।अनुमानित 12,000 भारतीय छात्र अभी भी यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) और देश के अन्य क्षेत्रों में फंसे हुए हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3HHwuI7
https://bit.ly/3trzPGh
https://bit.ly/3sG6jNV

चित्र संदर्भ   
1. छात्रों के साथ भारतीय विमान को दर्शाता एक चित्रण (Open Magaziner)
2. मेडिकल छात्रों को दर्शाता चित्रण (News by careers360)
3. यूक्रेन से वापस आते भारतीय छात्रों को दर्शाता चित्रण (flickr)
4. युद्ध के शरणार्थियों को दर्शाता एक चित्रण (TheWeek)