Post Viewership from Post Date to 02-Apr-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
226 107 333

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भारत में परोपकारिता का पर्याय बन चुका है, रामकृष्ण मिशन

रामपुर

 04-03-2022 09:47 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

आज धर्म, जाति, रंग और भौगोलिक सीमाओं में बंटी हमारी दुनिया जीवन के सच्चे लक्ष्य से भटककर युद्ध और बदले की आग में झुलस रही है। आज हर कोई स्वयं को अधिक शक्तिशाली और क्षमतावान प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है। ऐसी विडंबना में हमें रामकृष्ण परमहंस जैसे सार्वभौमिक मार्गदर्शक अथवा गुरु की आवश्यकता प्रतीत होती है, जो हमें सांसारिक और बाहरी दिखावे से परे जीवन के सार्थक और सच्चे उद्द्येश्यों तथा इन्हें प्राप्त करने के उचित मार्गों से अवगत करा सके! जिनके विचारों की महानता का अंदाजा उनके इस उद्धरण (quote) से लगाया जा सकता है:- “सभी धर्म सत्य हैं। उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं।”
रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं श्रेष्ठ विचारक रहे हैं। उन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे और उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने ईश्वर की प्राप्ति के लिए कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। श्री रामकृष्ण का जन्म 18 फरवरी 1836 को कोलकाता के उत्तर-पश्चिम में लगभग साठ मील की दूरी पर कामारपुकुर गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम क्षुदिराम चट्टोपाध्याय और माता का नाम चंद्रमणि देवी था। उनके बचपन का नाम गदाधर था। वह अपने माता-पिता की चौथी और सबसे छोटी संतान थे। बचपन से ही उन्हें संतों की सेवा करने और उनके प्रवचन सुनना अति प्रिय था। वह अक्सर आध्यात्मिक भावों में लीन रहते थे और इसी कारण मात्र छह साल की उम्र में, उन्होंने पहली परमानंद का अनुभव कर लिया था। वह एक भारतीय हिंदू रहस्यवादी और धार्मिक नेता थे, जो 19वीं सदी के बंगाल में रहते थे।
रामकृष्ण ने छोटी उम्र से ही आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया, और दक्षिणेश्वर काली मंदिर में एक पुजारी के रूप में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। जल्द ही उनके रहस्यमय स्वभाव ने उन्हें एक गुरु के रूप में आम जनता के बीच व्यापक रूप से लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने विभिन्न धार्मिक शिक्षकों, सामाजिक नेताओं, बंगाली अभिजात वर्ग और आम लोगों को समान रूप से आकर्षित किया, जिस दौरान भारत के महान विचारक और धार्मिक नेता स्वामी विवेकानंद भी उन्हें लोकप्रिय शिष्य रहे हैं। उनकी मृत्यु के बाद, उनके मुख्य शिष्य, स्वामी विवेकानंद ने उनके विचारों को लोकप्रिय बनाया और रामकृष्ण मठ एवं मिशन की स्थापना की, जो मठवासियों के लिए आध्यात्मिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। रामकृष्ण मिशन एक हिंदू धार्मिक समाज है, जो भारत में व्यापक शैक्षिक और परोपकारी कार्य करता है और एक आधुनिक संस्करण की व्याख्या करता है। यह और इसके सहयोगी संगठन, रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण आदेश की दो अलग-अलग लेकिन संबंधित शाखाओं का गठन करते हैं। रामकृष्ण मिशन सोसाइटी (Ramakrishna Mission Society) की स्थापना कलकत्ता (अब कोलकाता) के पास 1897 में विवेकानंद द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय कोलकाता के निकट बेलुड़ में स्थित है। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन का प्रचार-प्रसार है। रामकृष्ण मिशन दूसरों की सेवा और परोपकार को कर्म योग मानता है जो कि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। इसका उद्देश्य शिक्षाओं का प्रसार करना तथा भारतीय लोगों की सामाजिक स्थितियों में सुधार करना था। रामकृष्ण, ईसाई धर्म और इस्लाम सहित विभिन्न धार्मिक विषयों के साथ अपने स्वयं के आध्यात्मिक अनुभवों के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में, हिंदू सिद्धांत का पूरी तरह से समर्थन करते थे और कहते थे की सभी धर्मों के एक ही लक्ष्य या मार्ग हैं।
युवा नरेंद्रनाथ दत्त (जिन्होंने बाद में विवेकानंद नाम लिया) को रामकृष्ण ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना था। 1953 में कलकत्ता में शुरू हुआ श्री शारदा मठ, विवेकानंद की पूर्व की इच्छा के बाद, 1959 में एक पूरी तरह से अलग संगठन बना दिया गया था। अपनी बहन संगठन के साथ,रामकृष्ण शारदा मिशन, यह भारत के विभिन्न हिस्सों में कई केंद्र संचालित करता है। विशेष रूप से महिलाओं की सेवा करने वाले कई रामकृष्ण मिशन केंद्रों को रामकृष्ण शारदा मिशन में बदल दिया गया। न्यूयॉर्क शहर की वेदांत सोसाइटी, जिसे 1898 में स्थापित किया गया था, संयुक्त राज्य अमेरिका में रामकृष्ण मिशन की सबसे पुरानी शाखा है।
21वीं सदी की शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका में 20 से अधिक शाखाएँ चल रही हैं। साथ ही अर्जेंटीना , ऑस्ट्रेलिया , बांग्लादेश , ब्राजील , कनाडा , फिजी , फ्रांस , जर्मनी , जापान, मलेशिया, मॉरीशस, नीदरलैंड, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका , श्रीलंका , स्विट्जरलैंड और यूनाइटेड किंगडम में भी केंद्र स्थपित हैं। भारत में मिशन केंद्र चिकित्सा सेवा, शैक्षिक कार्य, प्रकाशन और राहत कार्य सहित विभिन्न परोपकारी गतिविधियों को आयोजित करते हैं। रामकृष्ण मिशन का ध्येयवाक्य “आत्मनो मोक्षार्थं जगद् हिताय च (अपने मोक्ष और संसार के हित के लिये)” है। रामकृष्ण मिशन के प्रतीक चिन्ह को विवेकानंद द्वारा डिजाइन किया गया और अपने शब्दों में उसकी व्याख्या की गई। जहाँ चित्र में लहराता पानी कर्म का प्रतीक है; कमल, भक्ति का; और उगता हुआ सूरज, ज्ञान का प्रतीक माना गया है। घेरा हुआ सर्प योग और जागृत कुंडलिनी शक्ति का सूचक है, जबकि चित्र में हंस परमात्मा (सर्वोच्च स्व)के लिए चिन्ह है। इसलिए चित्र का विचार यह है कि कर्म, ज्ञान, भक्ति और योग के मिलन से परमात्मा की दृष्टि प्राप्त होती है।
रामकृष्ण मिशन के प्रमुख कार्यकर्ता भिक्षु हैं। मिशन की गतिविधियों में निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं,
1. शिक्षा
2.स्वास्थ्य देखभाल
3.सांस्कृति गतिविधियां
4.ग्रामीण उत्थान
5.आदिवासी कल्याण
6.युवा आंदोलन, आध्यात्मिक शिक्षा, आदि।
मिशन के अपने अस्पताल, धर्मार्थ औषधालय, प्रसूति क्लीनिक, तपेदिक क्लीनिक और मोबाइल औषधालय हैं। यह नर्सों के लिए प्रशिक्षण केंद्र भी प्रदान करता है। ग्रामीण और आदिवासी कल्याण कार्यों के साथ-साथ बुजुर्गों के लिए अनाथालय और घरों को भी मिशन की गतिविधियों के क्षेत्र में शामिल किया गया है। रामकृष्ण मिशन के अंतर्गत भारत में कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की गई है , जिनमें अपने स्वयं के विश्वविद्यालय, कॉलेज, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, उच्च विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय, शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थान और साथ ही दृष्टिबाधित स्कूल भी शामिल हैं। यह अकाल, महामारी, आग, बाढ़, भूकंप, चक्रवात और सांप्रदायिक अशांति के दौरान आपदा राहत कार्यों में भी शामिल रहा है।
रामकृष्ण आश्रम की धार्मिक गतिविधियों में सत्संग और आरती भी शामिल हैं। सत्संग में सांप्रदायिक प्रार्थना, गीत, अनुष्ठान, प्रवचन, पढ़ना और ध्यान शामिल हैं। रामकृष्ण आश्रम महाशिवरात्रि , राम नवमी , कृष्ण अष्टमी और दुर्गा पूजा सहित प्रमुख हिंदू त्योहारों को मनाते हैं। वे रामकृष्ण के जन्मदिन को भी विशेष स्थान देते हैं। मठ और मिशन को उनकी धार्मिक सहिष्णुता और अन्य धर्मों के प्रति सम्मान के लिए जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद द्वारा उनके लिए निर्धारित शुरुआती नियमों में से एक था, " सभी धर्मों, सभी उपदेशकों और सभी धर्मों में पूजे जाने वाले देवताओं को उचित सम्मान और सम्मान दिया जाना चाहिए ।" सभी धर्मों की स्वीकृति और सहिष्णुता रामकृष्ण मठ और मिशन के आदर्शों में से एक है।

संदर्भ

https://en.wikipedia.org/wiki/Ramakrishna
https://en.wikipedia.org/wiki/Ramakrishna_Mission
https://www.britannica.com/topic/Ramakrishna-Mission
https://en.wikipedia.org/wiki/Ramakrishna_Mission#Emblem

चित्र संदर्भ   
1.प्रणब मुखर्जी छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में रामकृष्ण मिशन आश्रम में अपनी यात्रा के दौरान एक समारोह में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, श्री शेखर दत्त, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को दर्शाता एक चित्रण (Store norske leksikon)
2. रामकृष्ण परमहंस को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3.स्वामी विवेकानंद - उच्च राहत मूर्तिकला - रामकृष्ण मिशन आश्रम - नरेंद्रपुर - कोलकाता को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. रामकृष्ण मिशन आश्रम - सरगाछी - मुर्शिदाबाद कार्यालय भवन शीर्ष पर रामकृष्ण मिशन प्रतीक चिन्ह को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. रामकृष्ण मिशन आश्रम, सरगाछी, मुर्शिदाबाद में स्वामी अखंडानंद विज्ञान केंद्र' जिसमें लगभग छह सौ छात्रों की उपस्थिति को दर्शाता चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id