Post Viewership from Post Date to 28-Aug-2024 (5th) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2282 86 2368

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

रिज़र्व बैंक द्वारा, भारतीय बैंक नोटों को, डिज़ाइन और जारी कैसे किया जाता है?

रामपुर

 23-08-2024 09:27 AM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)
रामपुर के कई लोगों के लिए, यह एक आश्चर्यजनक तथ्य होगा कि, शेर शाह सूरी ने, भारतीय मुद्रा का वर्णन करने के लिए “रुपया” शब्द गढ़ा था। वर्तमान समय में, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, के प्रावधानों के तहत, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पास, भारत में बैंक नोट जारी करने का एकमात्र अधिकार है। हालांकि, रिज़र्व बैंक के पास भारतीय मुद्रा या नोट छापने का अधिकार है, फिर भी रिज़र्व बैंक के अधिकांश कार्यों पर, सरकार का अंतिम निर्णय होता है। तो आइए, आज जानें कि, रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय बैंक नोटों को डिज़ाइन और जारी कैसे किया जाता है। हम भारत में बैंक नोट जारी करने में, रिज़र्व बैंक की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे। उसके बाद, हम स्वतंत्र भारत में जारी किए गए, विभिन्न प्रकार के बैंक नोटों का पता लगाएंगे। अंत में, हम भारतीय मुद्रा नोटों के कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में भी बात करेंगे।
हमारे देश में, बैंक नोटों और सिक्कों के डिज़ाइन एवं स्वरूप में बदलाव का फ़ैसला, भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्र सरकार करती है। मुद्रा नोट के डिज़ाइन में किसी भी बदलाव को, रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड एवं केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है । जबकि, सिक्कों के डिज़ाइन में बदलाव पर, केंद्र सरकार का विशेषाधिकार होता है।
नोट जारी करने में रिज़र्व बैंक की भूमिका इस प्रकार है:
1.) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, की धारा 22, रिज़र्व बैंक को भारत में बैंक नोट जारी करने का “एकमात्र अधिकार” देती है। यह केंद्रीय बैंक, आंतरिक रूप से एक डिज़ाइन तैयार करता है, जिसे बैंक के केंद्रीय बोर्ड के समक्ष रखा जाता है।
2. धारा 25 में कहा गया है कि, “बैंक नोटों का डिज़ाइन, रूप और सामग्री ऐसी होगी, जिसे रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड द्वारा की गई सिफ़ारिशों पर विचार करने के बाद, केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है”।
3.) रिज़र्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन विभाग के पास, मुद्रा प्रबंधन के मुख्य कार्य को प्रशासित करने की ज़िम्मेदारी होती है।
4.) अगर किसी मुद्रा नोट का डिज़ाइन बदलना होता है, तो ये विभाग, डिज़ाइन पर काम करता है और इसे रिज़र्व बैंक को सौंपता है, जो केंद्र सरकार को इसकी सिफ़ारिश करता है। इसके लिए अंतिम मंज़ूरी सरकार देती है।
स्वतंत्र भारत में जारी किए गए विभिन्न प्रकार के बैंक नोट, निम्नलिखित हैं:
1.) अशोक स्तंभ बैंकनोट:
स्वतंत्र भारत का पहला बैंकनोट, 1949 में जारी किया गया – एक रुपये का नोट था। उसी डिज़ाइन को बरकरार रखते हुए, नए बैंकनोटों को किंग जॉर्ज(King George) के चित्र के स्थान पर, वॉटरमार्क विंडो(Watermark window) में, सारनाथ के अशोक स्तंभ के शेर के प्रतीक के साथ जारी किया गया था।
अशोक स्तंभ, वॉटरमार्क श्रृंखला में, 1967 और 1992 के बीच 10 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट; 1972 और 1975 में 20 रुपये मूल्यवर्ग के नोट; 1975 और 1981 में 50 रुपये; और 1967-1979 के बीच 100 रुपये मूल्यवर्ग के नोट, जारी किए गए थे।
2.) महात्मा गांधी (एमजी) श्रृंखला, 1996: इस श्रृंखला के सभी बैंक नोटों में अशोक स्तंभ के शेर के प्रतीक के स्थान पर, अग्रभाग (सामने) पर महात्मा गांधी का चित्र है। इस चित्र को भी बरकरार रखा गया है, और इसे अब, वॉटरमार्क विंडो के बगल में बाईं ओर स्थानांतरित कर दिया गया है। अर्थात, इन बैंक नोटों में महात्मा गांधी वॉटरमार्क के साथ-साथ महात्मा गांधी का चित्र भी है।
3.) महात्मा गांधी श्रृंखला, 2005: एमजी श्रृंखला 2005 के बैंक नोट, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और 1000 रुपये के मूल्यवर्ग में जारी किए गए थे। इन नोटों में, 1996 एमजी श्रृंखला की तुलना में, कुछ अतिरिक्त सुरक्षा विशेषताएं भी शामिल थीं। इस श्रृंखला के 500 रुपये और 1000 रुपये के बैंक नोटों की कानूनी निविदा, बाद में, 8 नवंबर, 2016 की आधी रात से वापस ले ली गई।
4.) महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला (एमजीएनएस), नवंबर 2016: वर्ष 2016 में शुरू की गई महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला, देश की सांस्कृतिक विरासत और वैज्ञानिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालती है। इन बैंक नोटों के डिज़ाइन, विविध इतिहास को प्रतिबिंबित करने वाले विषयों पर विकसित किए गए थे। नई श्रृंखला का पहला बैंकनोट, 8 नवंबर, 2016 को पेश किया गया था, और इसका नया मूल्यवर्ग 2,000 रुपये है, जो मंगलयान थीम पर आधारित है।
इस प्रकार डिज़ाइन किए गए बैंक नोट, चार मुद्रा प्रेसों में छापे जाते हैं। इनमें से दो प्रेसों का स्वामित्व, भारत सरकार के निगम – सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(Security Printing and Minting Corporation of India Ltd.) के पास है। जबकि, दो अन्य प्रेसों का स्वामित्व, रिज़र्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी – भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड(Reserve Bank Note Mudran Private Ltd.) के पास है। सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन की मुद्रा प्रेस, नासिक (पश्चिमी भारत) और देवास (मध्य भारत) में हैं। जबकि, रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड की दो प्रिंटिंग प्रेस, मैसूर (दक्षिणी भारत) और सालबोनी (पूर्वी भारत) में हैं।
साथ ही, सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन के स्वामित्व वाली चार टकसालों में, सिक्के ढाले जाते हैं। ये टकसालें, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित हैं। रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 38 के अनुसार, सिक्के, केवल रिज़र्व बैंक के माध्यम से ही प्रचलन के लिए जारी किए जाते हैं।
दरअसल, देश या विदेश में बनी, कागज़ की शीटों को एक विशेष मशीन में प्रयुक्त किया जाता है, जिसे सिमोंटन(Simonton) कहा जाता है। फिर नोट को एक अन्य मशीन – इंटाब्यू(Intabue) का उपयोग करके रंगीन किया जाता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि, बैंक नोट छापने में कितना खर्च आता है? दरअसल, रिज़र्व बैंक को 10 रुपए के नोट छापने में, सबसे ज़्यादा लागत आती है। 10 रुपए के नोट को छापने में 96 पैसे, और 20 रुपए के नोट को छापने में 95 पैसे का खर्च आता है। वहीं, 50 रुपये के एक हज़ार नोट छापने में 1,130 रुपये और 100 रुपये के एक हज़ार नोट छापने में 1,770 रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा, 200 रुपये के एक हज़ार नोट छापने में केंद्रीय बैंक को 2,370 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
इसके अलावा, भारतीय कागज़ी नोटों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, इस प्रकार हैं:
1.) वर्तमान में उपयोग किया जा रहा भारतीय मुद्रा का कागज़, 100% कपास का उपयोग करके बनाया जाता है।
2.) मध्य प्रदेश के देवास की बैंकनोट प्रेस, मुद्रा नोट बनाने के लिए ऑफ़सेट स्याही(Offset ink) बनाती है। वहीं, नोट पर उभरी हुई मुद्रण स्याही का निर्माण, सिक्पा(SICPA) द्वारा सिक्किम में किया जाता है। केंद्रीय बैंक की सहायक कंपनी, ‘वर्णिका’ ने भी भारतीय नोटों के लिए मुद्रण स्याही बनाने के लिए मैसूर में एक कारखाना स्थापित किया है।
3.) मुद्रा नोटों की आयु, इनकी तैयारी प्रक्रिया के दौरान तय की जाती है। रिज़र्व बैंक, इन नोटों को उनकी अवधि के अंत में, या प्रचलन जारी रहने के परिणामस्वरूप, नोटों में कोई खामी पाए जाने पर वापस ले लेता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/3w567554
https://tinyurl.com/2bwnm3tu
https://tinyurl.com/ycykw7nh
https://tinyurl.com/3jm8p3s7

चित्र संदर्भ
1. मुंबई में आर बी आई मौद्रिक संग्रहालय और बैंक नोटों को संदर्भित करता एक चित्रण (pixels, wikimedia)
2. चेन्नई में भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय भवन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. भारत के पुराने बैंक नोटों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. 200 रुपए के नोटों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपनी सुंदरता और लचीलेपन के लिए जाना जाने वाला बूगनविलिया है अत्यंत उपयोगी
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:13 AM


  • अंतरिक्ष में तैरते हुए यान, कैसे माप लेते हैं, ग्रहों की ऊंचाई?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:32 AM


  • आइए, जानें विशाल महासागर आज भी क्यों हैं अज्ञात
    समुद्र

     15-09-2024 09:25 AM


  • प्रोग्रामिंग भाषाओं का स्वचालन बनाता है, एक प्रोग्रामर के कार्यों को, अधिक तेज़ व सटीक
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:19 AM


  • जानें शाही गज़ से लेकर मेट्रिक प्रणाली तक, कैसे बदलीं मापन इकाइयां
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:08 AM


  • मौसम विज्ञान विभाग के पास है, मौसम घटनाओं की भविष्यवाणी करने का अधिकार
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:22 AM


  • आइए, परफ़्यूम निर्माण प्रक्रिया और इसके महत्वपूर्ण घटकों को जानकर, इन्हें घर पर बनाएं
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:14 AM


  • जानें तांबे से लेकर वूट्ज़ स्टील तक, मध्यकालीन भारत में धातु विज्ञान का रोमाचक सफ़र
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:25 AM


  • पृथ्वी का इतिहास बताती हैं, अब तक खोजी गईं, कुछ सबसे पुरानी चट्टानें
    खनिज

     09-09-2024 09:38 AM


  • आइए देखें, हैरान कर देने वाले कुछ पारदर्शी जीवों को
    शारीरिक

     08-09-2024 09:11 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id