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एक छात्र के लिए परीक्षा एक बुरे सपने की तरह होती है। परीक्षा के माध्यम से न केवल उनके ज्ञान और समझ को आंका जाता है, बल्कि इससे उनकी भविष्य की संभावनाओं को भी निर्धारित किया जाता है। कुछ परीक्षाएं तो असाधारण रूप से चुनौतीपूर्ण होती हैं, जिनके लिए जी तोड़ मेहनत करने की आवश्यकता होती है। इस लेख में, हमने दुनिया की शीर्ष पांच सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षाओं की एक सूची तैयार की है। इनमें से कुछ परीक्षाएं तो इतनी चुनौतीपूर्ण हैं कि उनमें उत्तीर्ण होने की दर 1% या उससे भी कम है। तो आइए, दुनिया की शीर्ष 5 सबसे कठिन परीक्षाओं पर एक नजर डालते हैं:
1. गाओकाओ, चीन (Gaokao, China):
'नेशनल कॉलेज प्रवेश परीक्षा' (National College Entrance Examination (NCEE)), जिसे गाओकाओ के नाम से भी जाना जाता है, पूरी दुनिया में सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। यह हर साल लाखों चीनी छात्रों द्वारा दी जाने वाली एक कॉलेज प्रवेश परीक्षा है। गाओकाओ में अच्छे अंक प्राप्त करने पर चीन में 'आइवी लीग' (Ivy League) विद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित माना जाता है। परीक्षण को समाप्त होने में 2-3 दिन लगते हैं और इसकी कुल अवधि 9 घंटे होती है।
2. आईआईटी-जेईई (IIT-JEE) भारत:
भारत में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली 'संयुक्त प्रवेश परीक्षा' (Joint Entrance Exam) दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं की सूची में दूसरे स्थान पर है। यह भारत में विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित एक इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा है। इसमें दो अलग-अलग परीक्षाएं होती हैं: जेईई-मेन (JEE-Main) और जेईई-एडवांस्ड (JEE-Advanced)। दुनिया के पहले शिक्षा खोज मंच 'एरुडेरा' (Erudera) के अनुसार, जेईई की उत्तीर्ण दर केवल 1% है।
3. यूपीएससी परीक्षा (UPSC), भारत:
भारत के 'संघ लोक सेवा आयोग' (Union Public Service Commission) द्वारा यूपीएससी परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को भारत सरकार के तहत समूह "A" अधिकारियों के रूप में भर्ती किया जाता है, जैसे 'भारतीय प्रशासनिक सेवा' (Indian Administrative Services (IAS), 'भारतीय विदेश सेवा' (Indian Foreign Services (IFS)), और 'भारतीय पुलिस सेवा' (Indian Police Services (IPS))। यूपीएससी परीक्षा के तीन चरण होते हैं - दो वस्तुनिष्ठ प्रकार के पेपर के साथ एक प्रारंभिक परीक्षा, निबंध-प्रकार के पेपर के साथ एक मुख्य परीक्षा और एक अंतिम साक्षात्कार। एरुडेरा के अनुसार, यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने की सफलता दर मात्र 0.1%-0.3% है।
4. मेन्सा (Mensa):
मेन्सा एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है और दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी 'हाई-आईक्यू सोसायटी' (high-IQ societies) में से एक है। इसके संगठन के सदस्यों का आईक्यू 98% से अधिक होता है।
5. जीआरई (GRE):
अमेरिका (America) और कनाडा (Canada) में कई स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए 'ग्रेजुएट रिकॉर्ड परीक्षा' (Graduate Record Examinations (GRE)) उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है। यह एक मानकीकृत परीक्षण है जो मौखिक तर्क, मात्रात्मक तर्क और विश्लेषणात्मक लेखन कौशल को मापता है। GRE अंकों का उपयोग विश्वविद्यालयों द्वारा आवेदकों की क्षमता का आकलन करने और उन्नत अध्ययन के लिए उनकी उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
हालांकि, भारत में कुछ परीक्षाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें आसान माना जाता है और जिन्हें उत्तीर्ण करने पर उच्च वेतन के साथ सरकारी पदों पर भर्ती की जाती है। आइए, अब ऐसी पांच परीक्षाओं पर नजर डालते हैं:
1. आरआरबी ग्रुप डी (RRB Group D):
भारतीय रेलवे द्वारा कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए आरआरबी ग्रुप डी परीक्षा आयोजित की जाती है। ग्रुप डी वर्ग में केबिन मैन, वेल्डर, गेटकीपर इत्यादि के लिए नौकरी की पेशकश की जाती हैं। रेलवे ग्रुप डी परीक्षा के दो चरण होते हैं - कंप्यूटर आधारित परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षण। लिखित परीक्षा में सामान्य अंग्रेजी, संख्यात्मक क्षमता, सामान्य बुद्धिमत्ता और सामान्य जागरूकता से संबंधित 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है। गलत उत्तर देने पर कोई अंक नहीं काटा जाता। इसके लिए शैक्षिक योग्यता मानदंड कक्षा 10 है और आयु सीमा 18 से 33 वर्ष के बीच है।
2. आईबीपीएस क्लर्क (IBPS Clerk):
आईबीपीएस भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भर्ती के लिए बैंकिंग परीक्षण आयोजित करने की प्रभारी एजेंसी है। आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा लिपिक पदों के लिए है। इसे सबसे सरल सरकारी परीक्षणों में से एक माना जाता है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 100 अंकों की होती है जो तीन खंडों में विभाजित होती है: अंग्रेजी (30 अंक), तार्किक (35 अंक), और मात्रात्मक (35 अंक)। मुख्य परीक्षा 200 अंकों की होती है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता पात्रता मानदंड स्नातक है और आयु सीमा 20 से 28 वर्ष के बीच है।
3. एसएससी सीएचएसएल (SSC CHSL):
'कर्मचारी चयन आयोग' (Staff Selection Commission (SSC)) द्वारा भारत सरकार के तहत कई मंत्रालयों और विभागों के पदों को भरने के लिए इस परीक्षा का संचालन किया जाता है, जिसमें डेटा एंट्री ऑपरेटर (Data entry operator), लोअर डिविजनल क्लर्क (lower divisional clerks), डाक सहायक और अन्य कर्मचारी पद शामिल हैं। इस परीक्षा में तीन चरण होते हैं: एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा, एक लिखित परीक्षा और एक योग्यता परीक्षा। लिखित परीक्षा में सामान्य अंग्रेजी, संख्यात्मक कौशल, सामान्य बुद्धि और सामान्य जागरूकता के बारे में प्रश्न शामिल होते हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले व्यक्ति को 36,000 रुपये का शुरुआती वेतन मिलता है। पांच साल तक सेवा करने के बाद, कर्मचारी को पदानुक्रम के अगले स्तर पर आगे उन्नत किया जाता है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता पात्रता मानदंड 12वीं पास है और आयु सीमा 18 से 27 वर्ष के बीच है।
4. एसएससी मल्टीटास्किंग स्टाफ (SSC Multitasking Staff):
'कर्मचारी चयन आयोग' द्वारा एसएससी मल्टीटास्किंग स्टाफ परीक्षा का संचालन किया जाता है। इसके लिए पात्र होने के लिए, व्यक्तियों को एसएससी परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। इस परीक्षा के दो चरण होते हैं: एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा और एक लिखित परीक्षा। कंप्यूटर आधारित परीक्षा में चार खंडों में सामान्य अंग्रेजी, संख्यात्मक योग्यता, सामान्य बुद्धिमत्ता और सामान्य जागरूकता से संबंधित कुल 100 अंकों के लिए प्रश्न होते हैं। प्रत्येक खंड में 25 प्रश्न होते हैं, प्रत्येक एक अंक का। परीक्षा 90 मिनट तक चलती है। लिखित परीक्षा में दो प्रश्न होते हैं: पत्र लेखन और निबंध लेखन। इस परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न 50 अंक के होते हैं। इसके लिए पात्रता मानदंड 10वीं पास और आयु सीमा 18 से 25 वर्ष के बीच है।
5. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा:
'केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड' द्वारा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा, या CTET आयोजित की जाती है। इस परीक्षा का उद्देश्य प्रशिक्षकों को नियुक्त करना है। इस भर्ती परीक्षा को पूरा करने के बाद, उम्मीदवार केंद्रीय विद्यालय में आवेदन करने के पात्र होते हैं। इस परीक्षा के दो भाग होते हैं: पेपर 1 कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने के लिए है, जबकि पेपर 2 पाठ्यक्रम 6 से 8 तक पढ़ाने के लिए है। पहले पेपर के पांच खंड होते हैं: भाषा 1, भाषा 2, गणित और पर्यावरण विज्ञान एवं बाल विकास और शिक्षाशास्त्र। पेपर 2 को चार खंडों में विभाजित किया गया है: गणित/विज्ञान/सामाजिक विज्ञान, भाषा 1, भाषा 2, और बाल विकास और शिक्षाशास्त्र। इसके लिए शैक्षिक योग्यता पात्रता मानदंड स्नातक बी.एड और न्यूनतम आयु 17 वर्ष है।
भारत में केंद्र सरकार की प्रथम श्रेणी की नौकरियों में प्रवेश UPSC प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। इसे भारत में सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। इसका कारण इसकी उत्तीर्ण होने की बेहद कम दर है। इसके अलावा, इसका पाठ्यक्रम बेहद विस्तृत है और इसके लिए तैयार किए जाने वाले विषयों की विविधता की कोई सीमा नहीं है। इस परीक्षा में न केवल आपके ज्ञान, बल्कि आपके लेखन कौशल का भी परीक्षण किया जाता है। एक बार को व्यक्ति लिखित भाग, जिसमें प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा शामिल हैं, उत्तीर्ण कर भी लें, तो साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण सबसे मुश्किल पड़ाव माना जाता है, जहां आपके समग्र व्यक्तित्व, प्रशासनिक कौशल और दबाव का सामना करने की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है। इन सभी कारणों से इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना वास्तव में कठिन माना जाता है। अब एक प्रश्न यहां यह उठता है कि क्या दुनिया के अन्य देशों में भी प्रशासनिक पदों पर भर्ती के लिए इतनी ही कठिन परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इसका उत्तर यह है कि कुछ देशों में इन पदों के विभिन्न स्तरों के लिए डिग्री या शैक्षिक पाठ्यक्रमों के साथ भाषाई क्षमता, नागरिक अधिकार, सैन्य दायित्व, विशिष्ट आयु सीमा आदि जैसी अतिरिक्त आवश्यकताएं भी होती हैं। कुछ साल पहले तक, यूरोपीय संघ के लगभग सभी सदस्य देशों में सिविल सेवा में प्रवेश के लिए निचली और ऊपरी आयु सीमा निश्चित थी। हालाँकि, नीदरलैंड (Netherlands), डेनमार्क (Denmark), फ़िनलैंड (Finland), इटली (Italy), स्वीडन (Sweden) और पुर्तगाल (Portugal) में कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। बेल्जियम (Belgium) और आयरलैंड (Ireland) में ऊपरी आयु सीमा 50 वर्ष है; जर्मनी (Germany) में परिवीक्षा अवधि के लिए यह 32 वर्ष और निश्चित भर्ती के लिए 50 वर्ष है; ऑस्ट्रिया (Austria) में यह 40 वर्ष है; ग्रीस में यह श्रेणी के अनुसार 30 से 35 वर्ष के बीच होती है, और स्पेन (Spain)और फ्रांस (France) में ऊपरी आयु सीमा प्रतिस्पर्धा के अनुसार भिन्न होती है।
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में कोई ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं है।
आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम में, नियुक्तियाँ करते समय सिविल सेवा और निजी क्षेत्र दोनों में प्राप्त अनुभव को ध्यान में रखा जाता है। लगभग सभी देशों में, सिविल सेवा में प्राप्त कार्य अनुभव को कर्मचारियों के चयन के लिए एक मानदंड के रूप में उपयोग किया जाता है। नीदरलैंड में कोई औपचारिक प्रतियोगी परीक्षा प्रक्रिया नहीं है। जर्मन सिविल सेवा में केंद्रीकृत प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली नहीं है। भर्ती प्रत्येक प्राधिकरण द्वारा स्वायत्त रूप से आयोजित की जाती है। ‘यूनाइटेड किंगडम’ सिविल सेवाओं के लिए, भर्ती विकेंद्रीकृत प्रक्रिया और योग्यता के अनुसार होती है। इन देशों में भर्ती खुली प्रतिस्पर्धा के आधार पर की जाती है और नौकरी की रिक्तियों का विज्ञापन किया जाता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2jx7yak3
https://tinyurl.com/y9d32e9c
https://tinyurl.com/yjtyshss
https://tinyurl.com/3zcv4ypb
चित्र संदर्भ
1. परीक्षा देती छात्राओं को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
2. परीक्षा देते चीनी छात्र को संदर्भित करता एक चित्रण (getarchive)
3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जम्मू के छात्रों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. परीक्षा हाल के आगे खड़े अभिभावकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. परीक्षा देकर बाहर आए छात्रों को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
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