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प्रभु श्री राम की पवित्र धरोहर, पंचवटी में स्थापित प्रमुख मंदिरों की यात्रा

रामपुर

 04-07-2024 09:29 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

प्रभु श्री राम को सनातन इतिहास के सबसे प्रभावशाली चरित्रों में सबसे शीर्षस्थ स्थान दिया जाता है। यदि आप गौर से देखें तो पाएंगे कि अपने लीला काल या वनवास काल के दौरान जिन भी स्थानों का उन्होंने भ्रमण किया, उन स्थानों को श्री राम ने एक गहरा अर्थ दे दिया। उनके द्वारा नापे गए सभी स्थान आधुनिक समय में भी पूरे भारतवर्ष को जोड़ने का काम करते हैं। आज हम रामायण की प्रमुख घटनाओं से जुड़े पंचवटी के प्रसिद्ध मंदिरों का भ्रमण करेंगे, और वर्तमान में सनातन धर्म के अनुयाइयों के बीच उनकी महत्ता को समझने का प्रयास करेंगे।
रामायण, हिंदू धर्म में सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक है। इस पवित्र धार्मिक महाकाव्य में, भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम की जीवन यात्रा, संघर्ष और अंतिम विजय का वर्णन किया गया है। साथ ही इसमें उनकी पत्नी सीता, उनके भाई लक्ष्मण और उनके समर्पित भक्त हनुमान जी का भी बड़ी ही सुंदरता के साथ वर्णन किया गया है।
दुनिया भर के हिंदुओं के लिए, रामायण एक नैतिक दिशा-निर्देशक के रूप में कार्य करती है, जो भक्तों को धार्मिकता और कर्तव्य की ओर मार्गदर्शित करती है। उदाहरण के तौर पर राजा दशरथ ने वनवास का आदेश तो केवल प्रभु श्री राम को दिया, लेकिन माता सीता और लक्ष्मण ने चौदह वर्षों तक उनके साथ वनवास बिताने का विकल्प अपनी इच्छा से चुना। अपने वनवास के दौरान, श्री राम और लक्ष्मण ने एक-दूसरे को प्रतिकूलताओं से बचाते हुए एक मजबूत बंधन बनाए रखा।
यदि आपने कभी रामायण पढ़ी हो अथवा दूरदर्शन पर दिखाए गए, धारावाहिक “रामायण” को भी देखा हो, तो आप पंचवटी के बारे में जरूर जानते होंगे। पंचवटी, जिसे आज नासिक के रूप में जाना जाता है, एक ऐसा नगर है जो सनातन धर्म की कई किंवदंतियों में गहराई से निहित है। इस स्थान की महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है क्यों कि रामायण काल में भगवान् श्री राम ने अपने वनवास काल के कई दिन यहीं पर बिताए थे। रामायण का पूरा अरण्य कांड ही पंचवटी में स्थापित है। पंचवटी या नासिक महाराष्ट्र के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में पश्चिमी घाट की तलहटी में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में इस जगह का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यह वही जगह है जहाँ से राक्षस राज रावण द्वारा माता सीता का अपहरण किया गया था। यह स्थान ऐतिहासिक कुंभ मेले के प्रमुख चार स्थलों में से एक है। अपने धार्मिक महत्व के कारण, हर साल हजारों की संख्या में लोग पंचवटी घूमने के लिए आते हैं, जिस कारण यह भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बन जाता है।
पंचवटी को लक्ष्मण से जुड़ी एक किवदंती के कारण 'तपोवन' के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि रावण के पुत्रों में से एक मेघनाद को मारने के लिए आवश्यक शक्ति प्राप्त करने हेतु लक्ष्मण ने इसी मंदिर में ध्यान और 'तपस्या' (गहन आध्यात्मिक अभ्यास) की थी। हालाँकि नासिक में तपोवन मंदिर लक्ष्मण को समर्पित एकमात्र मंदिर नहीं है, लेकिन यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ वे स्वयं शारीरिक रूप से मौजूद रहे थे। खजुराहो और छत्तीसगढ़ में भी लक्ष्मण को समर्पित मंदिर हैं।
पंचवटी का नाम इस क्षेत्र के पाँच बरगद के पेड़ों (वट वृक्ष) के नाम पर रखा गया है। गोदावरी नदी यहाँ पर पहाड़ों से नीचे बहकर आती है। इसके किनारों पर कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं।
इनमें से कुछ मंदिर अध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनमें शामिल हैं: काला राम मंदिर: पंचवटी में स्थित काला राम मंदिर के पास से गुजरने से दोगुनी खुशी मिलती है। यह मंदिर गहरे ऐतिहासिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व रखता है। इसके अलावा यह भारत में प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का केंद्र बिंदु भी रहा है। मंदिर का नाम भगवान राम की काली प्रतिमा से लिया गया है, जिसे "काला राम" के नाम से जाना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की भी एक-एक प्रतिमा है, जो काली है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1792 में ‘सरदार रंगाराव ओढेकर’ द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में 14 सीढ़ियाँ हैं, जो भगवान राम के वनवास के वर्षों का प्रतिनिधित्व करती हैं, और 84 स्तंभ हैं, जो हिंदू धर्म में पुनर्जन्म के चक्र का प्रतीक माने जाते हैं। यह मंदिर महाकाव्य रामायण से जुड़े होने के कारण प्रसिद्ध है, जहाँ भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के दौरान समय बिताया था। जिस स्थान पर आज यह मंदिर बनाया गया है, वहां पर सतयुग में भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ अपनी कुटिया बनाई थी। मंदिर का नाम प्रभु श्री राम के 'काला रूप' से आया है, जिसे उन्होंने राक्षसों को हराने के लिए धारण किया था। यह 70 फुट ऊंचा मंदिर पंचवटी के सबसे व्यस्त मंदिरों में से एक है। सीता गुफा: पंचवटी में पाँच बरगद के पेड़ों के पास 'सीता गुफा' भी है। इस गुफा में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियाँ हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान् शिव की भक्त रही माता सीता इसी गुफा के अंदर प्रार्थना करती थीं। यह भी माना जाता है कि इसी स्थान पर रावण ने माता सीता का अपहरण किया था। राम कुंड: लोकप्रिय मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान यहाँ स्नान किया था। इस स्थान पर पवित्र स्नान करने के लिए हजारों भक्तगण यहाँ आते हैं। रामकुंड गोदावरी नदी के किनारे स्थित है, जो नासिक के सेंट्रल बस स्टैंड (Central Bus Stand) से लगभग 2 किमी दूर है। यहाँ पर एक अस्थिविलय तीर्थ भी है, जो एक पवित्र तालाब है जहाँ मृतक रिश्तेदारों की अस्थियाँ विसर्जित की जाती हैं। रामकुंड का निर्माण 1696 में सतारा के खटव के एक जमींदार चित्रराव खटव ने करवाया था। बाद में चौथे पेशवा माधवराव की माँ गोपिकाबाई ने इस कुंड की मरम्मत करवाई थी। रामकुंड में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और वाई.बी. चव्हाण जैसी प्रमुख हस्तियों की अस्थियाँ भी विसर्जित की गई हैं। इन सभी के अलावा भी पंचवटी और इसके आस-पास कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जिनमें नरोशंकर मंदिर, सुंदरनारायण मंदिर, मुक्तिधाम मंदिर और सोमेश्वर मंदिर शामिल हैं। कर्नाटक के हम्पी के शाही क्षेत्र में स्थित एक भगवान् राम को समर्पित “हजारा राम मंदिर” एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह छोटा लेकिन सुंदर मंदिर एक समय में विजयनगर राजाओं का निजी मंदिर हुआ करता था। आज इस मंदिर को अपने सुंदर अवशेषों और महाकाव्य रामायण की कहानी को दर्शाने वाले पैनलों के लिए जाना जाता है। हजारा राम मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी की शुरुआत में विजयनगर साम्राज्य के राजा देवराय द्वितीय द्वारा करवाया गया था। मंदिर को अपना नाम प्राथमिक देवता भगवान राम को चित्रित करने वाले कई अवशेषों से मिला है। मंदिर की दीवारें रामायण की कहानी की नक्काशी से सजी हैं, जो पत्थर पर उकेरी गई हैं। मंदिर की बाहरी दीवारों पर श्री राम और श्री कृष्ण की उभरी हुई आकृतियाँ हैं। यहाँ से प्राप्त अवशेषों में दशहरा उत्सव की रैली में भाग लेने वाले घोड़ों, हाथियों, सेवकों, सैनिकों और नृत्य करने वाली महिलाओं के जुलूस भी दर्शाए गए हैं। इन अवशेषों को भारत में सबसे अनोखे और बेहतरीन तरीके से तैयार किए गए अवशेषों में से एक माना जाता है, जो विजयनगर के मूर्तिकारों की असाधारण शिल्पकला को दर्शाते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/t86ar93j
https://tinyurl.com/3fkn668n
https://tinyurl.com/447k8vpz
https://tinyurl.com/222sup2t
https://tinyurl.com/bdcms3ta

चित्र संदर्भ
1. पंचवटी में स्थित काला राम मंदिर को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. पंचवटी में श्री राम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. काला राम मंदिर में राम, लक्ष्मण और सीता की प्रतिमा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia)
4. पंचवटी में पाँच बरगद के पेड़ों के पास 'सीता गुफा' को संदर्भित करता एक चित्रण (Reddit)
5. नासिक के राम कुंड को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
6. गोधा घाट नासिक को दर्शाता चित्रण (wikipedia)



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