Post Viewership from Post Date to 06-Jul-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2887 75 2962

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

प्रतिबंध के बावजूद, आधुनिक शहरों में आज भी पर्यटक सवारी के रूप में मौजूद हैं, तांगे और इक्के

रामपुर

 05-06-2024 10:04 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

आज के युग में परिवहन के साधन इतने अधिक विकसित हो गए हैं कि अधिकांश लोग "तांगा" और "इक्का" के विषय में तो पूरी तरह भूल गए हैं। हालांकि हमारे रामपुर ज़िले में आज भी कुछ घोड़ा-गाड़ियाँ देखी जा सकती हैं। नैनीताल जैसे पर्यटक स्थल में अधिकांश घोड़े, स्वार शहर से जाते हैं, जो हमारे रामपुर के पास ही है। यहां व्यावसायिक उद्देश्य के लिए अभी भी घोड़ों का प्रजनन किया जाता है। हालांकि, विश्व के अधिकांश देशों के साथ-साथ भारत में भी, जानवरों के प्रति क्रूरता के रूप में कई पशु प्रेमियों और अदालतों के प्रयासों के परिणाम स्वरूप, घोड़ा गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुंबई में, प्रसिद्ध "विक्टोरिया" घोड़ा गाड़ियों पर अदालती प्रतिबंध के बावजूद, कुछ अभी भी मौजूद हैं। यहां तक ​​कि न्यूयॉर्क, पेरिस, प्राग आदि शहरों में भी, ऐसी घोड़ा गाड़ियां अभी भी एक बड़े पर्यटक आकर्षण के रूप में मौजूद हैं। इन पर अब तक पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है। आइए आज "तांगा" और "इक्का" के विषय में जानते हैं। और समझते हैं कि दुनिया के बड़े, आधुनिक शहरों में घोड़ा-गाड़ी के उपयोग पर क्यों प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। ऑटोमोबाइल के आगमन से पहले तांगे बेहद लोकप्रिय थे और आवागमन का आम साधन थे। आज भी भारत के कुछ हिस्सों में इन्हें देखा जा सकता है। हालांकि अब इनका उपयोग परिवहन के साधन के रूप में न करके एक पर्यटक सवारी के रूप में किया जाता है क्योंकि इनमें सवारी करना अत्यंत आनंददायक होता है। और आमतौर पर टैक्सी या रिक्शा की तुलना में इनका किराया भी सस्ता होता है। तांगा मूल रूप से एक दोपहिया गाड़ी होती है जिसे एक घोड़े से खींचा जाता है। इसमें आगे की ओर चालक के साथ एक यात्री बैठ सकता है तथा पीछे दो या तीन यात्री बैठ सकते हैं। गाड़ी के नीचे, पहियों के बीच में सामान रखने के लिए कुछ जगह उपलब्ध होती है। इस स्थान का उपयोग अक्सर घोड़ों के लिए घास रखने के लिए किया जाता है। औपनिवेशिक भारत में आमतौर पर ब्रिटिश अधिकारियों और सिविल सेवकों द्वारा तांगे का उपयोग किया जाता था। इसके साथ ही लंबी दूरी के डाक मार्गों और यात्रा में भी इनका उपयोग किया जाता था, जहां पोस्टिंग स्टेशनों से हर कुछ मील पर घोड़े बदले जाते थे। घोड़ागाड़ी का एक रूप ‘इक्का’ भी है। 19वीं सदी में आमतौर पर निजी किराये के वाहनों के रूप में इनका उपयोग किया जाता था। इक्का आमतौर पर एक ही घोड़े, टट्टू, खच्चर या कभी-कभी बैल द्वारा खींचे जाते थे और इसमें लकड़ी के बड़े पहियों की एक जोड़ी होती थी। इक्के की गाड़ी में एक सपाट फर्श होता था जिसमें छतरी होती थी जो छाया प्रदान करती थी। टांगे और इक्के में मुख्य रूप से यही अंतर है कि जहां तांगे में बैठने के लिए उचित सीट होती थी, वही इक्के में यात्रियों और चालक के बैठने के लिए अलग से सीट नहीं होती थी, इसलिए उन्हें सपाट फर्श पर ही बैठना पड़ता था। और इस कारण से इसमें बैठने वाले यात्रियों को पहियों द्वारा प्रेषित झटके भी लगते थे। औपनिवेशिक समय में भारत में तांगे और इक्कों का बहुतायत में उपयोग किया जाता था। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के विक्टोरिया तांगे तो विश्व प्रसिद्ध थे। हालांकि वर्ष 2015 में पशु अधिकार समूहों की याचिका पर मुंबई के उच्च न्यायालय ने पशुओं द्वारा गाड़ियों को खींचे जाने को अवैध ठहराया और उन्हें एक साल में शहर की सड़कों से हटा दिए जाने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया, "केवल मानव आनंद के लिए घोड़ा-चालित गाड़ियों का उपयोग करना एक टालने योग्य गतिविधि है।" उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि सभी अस्तबल जहां इन घोड़ों को रखा जाता है, उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए और अधिकारियों को व्यापार में शामिल लोगों के पुनर्वास के लिए एक योजना बनाने का निर्देश दिया। रानी विक्टोरिया के समय में इस्तेमाल की जाने वाली खुली गाड़ियों की शैली में बनी घोड़े से खींची जाने वाली ये गाड़ियाँ ब्रिटिश काल से ही मुंबई की सड़कों पर देखी जाती रही थीं और उन पर सवारी करना दशकों से मुंबई के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक था। अब एक नैतिक प्रश्न उत्तर उठता है कि क्या घोड़ों को गाड़ी खींचने के लिए उपयोग करना उचित है अथवा नहीं? यद्यपि पशु अधिकार समूहों के विरोध एवं याचिकाओं के बाद अधिकांश स्थानों पर घोड़ों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, तथापि आज भी मुंबई और विश्व के कई अन्य बड़े शहरों जैसे न्यूयॉर्क (New York), वियना (Vienna), कन्सास शहर (Kansas City), चार्ल्सटन (Charleston) आदि में पर्यटक सवारी के रूप में घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियाँ देखी जा सकती हैं, जो बीते दिनों की पुरानी यादें ताज़ा करती हैं। जहां एक तरफ हम और आप जैसे पर्यटक इन घोड़ों की सवारी का आनंद लेते हैं वहीं इन घोड़ों को शोर, प्रदूषण, भारी यातायात, लंबे कार्यदिवस, उचित चरागाह तक पहुंच की कमी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो घोड़ों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।। सड़क की कठोर सतहों पर लंबे समय तक चलने से घोड़ों के खुरों को नुकसान हो सकता है, भले ही वे देखने में ठीक लगते हैं लेकिन घोड़ों के लिए इनमें हर कदम पर दर्द होता है। अत्यधिक यातायात एवं हॉर्न की आवाज़ से कभी-कभी घोड़ा गाड़ी में लगे घोड़े बिदक जाते हैं, जिससे न केवल इन घोड़ों को, बल्कि इन घोड़ागाड़ियों में बैठे यात्रियों के लिये भी जोखिम बढ़ सकता है। शहरों के तंग वातावरण में, जिन अस्तबलों में इन्हें रखा जाता है, वहां पर्याप्त स्थान एवं चारागाह की भी कमी हो सकती है । ये सभी पहलू सीधे तौर पर घोड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। वास्तव में आज के युग में शहरों में घोड़ा गाड़ी पूरी तरह से पर्यटक आकर्षण के लिए होती हैं - आवश्यकता के लिए नहीं। घोड़ों के स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी कई प्रलेखित मुद्दों को देखते हुए, इसका एकमात्र समाधान उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाना है। अप्रैल 2020 में, शिकागो सिटी काउंसिल (Chicago City Council) ने 2021 में घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में भारी मतदान किया। घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियों को समाप्त करने के लिए न्यूयॉर्क शहर में भी कानून निर्माण पर कार्य किया जा रहा है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4cr7jx2r
https://tinyurl.com/2b6vasx5
https://tinyurl.com/mtuwmyvx
https://tinyurl.com/274tab4a
https://tinyurl.com/3wu28tnm

चित्र संदर्भ
1. तांगे की सवारी करते पर्यटकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. बीमिश संग्रहालय में घोड़ा गाड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. टट्टू और घोड़ा गाड़ी (नीदरलैंड, 1888) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. तांगे की सवारी करते बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. सड़क पर दौड़ते तांगे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id