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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर विचार करें, बाघों की नौ में से छह उपजातियां ही आज जिंदा हैं

मेरठ

 30-07-2022 09:03 AM
शारीरिक

मेरठ के थाना पल्लवपुरम इलाके में एक सुबह तेंदुए का आतंक देखने को मिला। पल्लवपुरम के एक घर में तेंदुआ घुसने से लोग दहशत में आ गए। पूरे इलाके में खौफ का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने तेंदुओं को लेकर पुलिस और वन विभाग को जानकारी दी। इसके बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, उन्होंने तेंदुए को घर से भगा दिया। वनों की कटाई के बढ़ते स्तर के साथ देश में जंगली जानवरों के शहरों में आने की घटनाएं बढ़ रही हैं। आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने वाली ये बड़ी बिल्लियाँ आम होती जा रही हैं लेकिन ये सभी बड़ी बिल्लियाँ एक दूसरे से अलग हैं। 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है (International Tiger Day)। बहुत लोग सोशल मीडिया पर बाघ की तस्वीरें शेयर करते हैं, लेकिन कुछ लोग बाघ की जगह तेदुंए या चीता की फोटो भी शेयर कर देते हैं। हम बता दें कि बाघ में धब्बे की जगह धारियां होती हैं। बाघ शेर के मुकाबले लंबे और ज्यादा ताकतवर, चुस्त, फुर्तीले और उग्र होते हैं, इसकी कई प्रजातियां पाई जाती हैं जो एक दुसरे से काफी अलग हैं। विश्व बाघ दिवस, जिसे अक्सर अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) कहा जाता है, हर साल 29 जुलाई को बाघों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के प्रयासों के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2010 में रूस (Russia) के सेंट पीटर्सबर्ग (Saint Petersburg) में हुए बाघ सम्मेलन (Tiger Summit) में 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का निर्णय लिया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था। इसका लक्ष्य बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना और बाघ संरक्षण के मुद्दों के लिए जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाना है।
विश्व बाघ दिवस बाघों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मनाया जाता है। जंगलों के कटान और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। पूरी दुनिया में लगभग 3900 बाघ ही बचे हैं जिनमें से 2967 बाघ भारत में हैं। दुनिया में बाघ की लगभग 9 प्रजातियां पाई जाती थीं जिसमें से तीन प्रजातियां प्रागैतिहासिक काल में ही विलुप्त हो गई थीं। फिलहाल दुनिया में बाघ की 6 प्रजातियां अभी भी पाई जाती हैं। इनमें बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), साइबेरियन टाइगर (Siberian tiger), साउथ चाइना टाइगर (South China Tiger), सुमात्रा टाइगर (Sumatra Tiger), इंडोचाइनीज टाइगर (Indochinese Tiger), मलयन टाइगर (Malayan Tiger) नाम की छह उपजातियां शामिल हैं। कैस्पियन, जावन और बाली (Caspian, Javan and Bali ) नाम की बाघों की तीन उपजातियां पूरी तरह से अब लुप्त हो चुकी हैं। बाघों के मरने के पीछे सबसे बड़ी वजह है उनके आवास और शिकार का खत्म होना। इंसान की निगरानी में रहने वालों के साथ ही मुक्त बाघों को कैसे बचाया जाए और उनकी संख्या बढ़ाई जाए, यह वैज्ञानिकों के लिए हमेशा बहस का मुद्दा रहता है। बंगाल टाइगर: भारत का राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर है। यह एक ही समय में राजसी और घातक होते हैं, ये भारतीय जीवों में सबसे सुंदर मांसाहारी हैं। रॉयल बंगाल टाइगर शक्ति, चपलता और अनुग्रह का प्रतीक है, एक संयोजन जो किसी अन्य जानवर द्वारा बेजोड़ है। यह भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में इन सभी गुणों का प्रतिनिधि है। माना जाता है कि बाघ भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 12,000 से 16,500 वर्षों तक मौजूद रहा है। रॉयल बंगाल टाइगर के लिए वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस (Panthera tigris) है और यह जीनस पैंथेरा (शेर, टाइगर, जगुआर और तेंदुए) के तहत चार बड़ी बिल्लियों में से सबसे बड़ी है। रॉयल बंगाल टाइगर भारत में पाए जाने वाले बाघों की आठ किस्मों में से है। बंगाल बाघ भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में पाए जाने वाले बाघो की एक उपप्रजाति है। साइबेरियन टाइगर: यह साइबेरिया के सुदूर पूर्वी इलाके के जंगलों में पाई जाने वाली बाघ की प्रजाति होती है। यह उत्तर कोरिया, रूस और उत्तर-पूर्वी चीन में कुछ संख्या में हैं। इस प्रजाति में नर बाघ की लंबाई 190 से 230 सेंटीमीटर और वजन 180 से 306 किलोग्राम तक होता है जबकि मादा बाघ की लंबाई 160 से 180 सेंटीमीटर और वजन 100 से 167 किलोग्राम होता है। साउथ चाइना: टाइगर साउथ चाइना टाइगर यह प्रजाति लगभग विलुप्त होने के कगार पर है। उनमें से केवल 30 - 40 बाघ ही बचे हैं, और वे सभी चिड़ियाघरों में हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग पिछले 25 सालों से इस बाघ के पैरों के निशान तक नहीं देखे गए हैं। इस प्रजाति के नर बाघों की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर और वजन लगभग 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं, मादा बाघ की लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। सुमात्रा टाइगर: ये बाघ सिर्फ इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि बढ़ते समुद्र के स्तर ने उन्हें 6,000 से 12,000 साल पहले अन्य बाघों से अलग कर दिया था, 1998 में इसे एक विशिष्ट उप- प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। यह प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। इस प्रजाति के नर बाघ की लंबाई 220 से 255 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 140 किलोग्राम। वहीं, मादा बाघ की लंबाई 215 से 230 सेंटीमीटर और वजन 75 से 110 किलोग्राम होता है। इंडोचाइनीज टाइगर: बाघ की यह प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। से कभी-कभी कॉर्बेट के बाघ के रूप में जाना जाता है, पुरुष बाघ की लंबाई 270 सेंटीमीटर के करीब होती है और वजन 150 से 195 किलोग्राम तक होता है। वहीं, मादा बाघ की लंबाई 240 सेंटीमीटर होती है और वजन 100 से 130 किलोग्राम तक होता है। मलयन टाइगर: यह प्रजाति मलय प्रायद्वीप में पाई जाती है, इस बाघ में इंडोचाइनीज बाघ जैसी कई समानताएं पाई जाती हैं। 2000 के दशक की शुरुआत तक इसे एक अलग नस्ल नहीं माना जाता था। यही कारण है कि इसके वैज्ञानिक नाम के बारे में आज भी बहस चल रही है। इसमें नर बाघ की लंबाई लगभग 190 से 280 सेंटीमीटर और वजन 47 से 129 किलोग्राम तक होता है। वहीं, मादा बाघ की लंबाई 180 से 260 सेंटीमीटर और वजन 24 से 88 किलोग्राम तक होता है। बाली टाइगर: एक समय था जब बाली बाघ सुमात्रा बाघ और जावन बाघ के साथ इंडोनेशियाई द्वीपों पर रहता था, लेकिन इसे 1930 के दशक से नहीं देखा गया है, और इसे 1950 के दशक से विलुप्त माना जाता है। ये बिल्लियाँ बाघों की सभी 9 उप-प्रजातियों में सबसे छोटी थीं और कुछ वैज्ञानिकों का तर्क है कि बाली बाघ वास्तव में विलुप्त जावन बाघों की एक उप-प्रजाति हैं। मानव आबादी में वृद्धि के कारण शहरों का विस्तार हुआ, जो इसकी विलुप्ति का कारण बनी। ये बिल्लियाँ साइबेरियन बाघों (सबसे बड़ी उप-प्रजाति) के आकार से लगभग आधी थीं। बाली बाघों को कभी भी कैद में नहीं रखा गया था और न ही सार्वजनिक चिड़ियाघर में रखा गया था। इसके अलावा, उन्हें कभी भी जीवित फिल्म या चलचित्र पर कैद नहीं किया गया था। फिर भी, आज दुनिया में इसके एकमात्र अवशेष खोपड़ी और हड्डियाँ हैं जो संग्रहालयों में संरक्षित हैं। कैस्पियन टाइगर: कैस्पियन सागर के आसपास के इलाकों में ये बाघ बड़ी खोपड़ी और बड़े शरीर वाले भयंकर, शक्तिशाली जीव थे। अब तक दर्ज किया गया सबसे बड़ा साक्ष्य 11.8 फीट लंबा था। कैस्पियन सागर के दक्षिण और पश्चिम के विरल जंगल कभी कैस्पियन बाघों के घर थे, ये बाघ अफगानिस्तान (Afghanistan), ईरान (Iran), इराक (Iraq), पाकिस्तान (Pakistan), रूस (Russia) और तुर्की (Turkey) में रहते थे। हालांकि ये प्रजाति बाली बाघों से बड़े थी, लेकिन साइबेरियन बाघों की तुलना में बड़े नहीं थे, इनका वजन पुरुषों के लिए 530 पाउंड तक और महिलाओं के लिए 300 पाउंड तक था। दुर्भाग्य से, कैस्पियन बाघ को विलुप्त घोषित कर दिया गया है।
19वीं सदी के खोजकर्ताओं द्वारा पहली बार देखे जाने पर उन्हें ग्रे टाइगर (grey tigers) कहा गया था। हालांकि, सक्ष्यों से पता चलता है कि उनके पास भूरे रंग के साथ नारंगी रंग के फर (fur) भी थे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरी कैस्पियन बाघ को 1959 में ईरान के गुलिस्तान नेशनल पार्क (Golestan National Park) में गोली मारी गई थी। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि कैस्पियन बाघ या तो 1960 के दशक के अंत में या 1970 में विलुप्त हो गए जब एक रिपोर्ट में बताया गया कि आखिरी कैस्पियन बाघ को तुर्की में गोली मार दी गई थी। बाली बाघों की तरह कभी भी कैस्पियन बाघों को कैद में नहीं रखा गया था। जावन टाइगर: बाघों की तीसरी विलुप्त उप-प्रजाति इंडोनेशिया के जावन द्वीप के जावन बाघ हैं। चूंकि यह 1970 के दशक में विलुप्त हो गया था, इसलिए इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इनके सबसे करीबी रिश्तेदार बंगाल टाइगर हैं। नर जावन बाघों का वजन लगभग 310 पाउंड तक होता है, जबकि मादाओं का वजन 250 पाउंड तक होता है। इनके शरीर में धारियाँ लंबी और पतली थीं। अन्य उप-प्रजाति की तुलना में इसकी सबसे लंबी मूंछे थी साथ ही इनकी नाक भी लंबी और संकरी थी। माना जाता है कि जावन बाघ 1950 और 1980 के दशक के बीच विलुप्त हो गए थे।

संदर्भ:
https://on.natgeo.com/3OGPDh2
https://bit.ly/3OGnPZV
https://bit.ly/3Br1ixw
https://bit.ly/3ozSjT0

चित्र संदर्भ
1. क्रोधित बाघ को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. बंगाल टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (Stockvault)
3. मुंस्टर चिड़ियाघर में कैप्टिव साइबेरियन टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. शंघाई चिड़ियाघर में दक्षिण चीनी बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस एमोएंसिस) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सुमात्रा टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. युवा इंडोचाइनीज टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. मलयन टाइगर मादा शावको को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. रिंगलिंग ब्रदर्स, सीए में अपने टैमर के साथ बाली टाइगर, 1915 को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. बाली टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. कैस्पियन टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
11. मारे गए जावन टाइगर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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