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कई बार हमारे जीवन में कुछ ऐसी अनचाही परिस्थितियां भी घटित हो जाती हैं, जिनका हम चाहकर भी
कुछ नहीं कर सकते! ऐसे में हमारा पहला प्रयास यह होना चाहिए की, जो कुछ भी हो रहा है, वह हमें कम से
कम हानि और पीड़ा पहुचाएं बिना घटित हो जाए! इसके लिए उचित यही होगा कि, हम प्रकृति की उस काम
को करने में सहायता करें, जो वह करना चाहती है! यदि हम इसे आसान भाषा में, उदाहरण के तौर पर समझें
तो, जब कोई व्यक्ति किसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहा होता है, और अपने अंतिम दिनों को बड़े ही कष्ट
में काट रहा होता है, तब डॉक्टर उसकी मौत को कम पीड़ादायक और बचे हुए जीवन को आसान बनाने के
लिए, साइकेडेलिक दवाएं (psychedelic drugs) देने का सुझाव देते हैं, जो उन्हें मौत तक का सामना करने
का साहस प्रदान कर सकती हैं!
पाम सकुदा (Palm sakuda) मात्र 55 वर्ष की थी, जब उनके कोलन (Colon) से ट्यूमर (tumor) निकालने
के कुछ ही समय बाद, उन्हें पता चला कि वह अब केवल 14 महीने ही जीवित रहेंगी। लेकिन इसके बावजूद
उन्होंने अपनी बीमारी के घातक परिणामों को धीमा करने का दृढ़ संकल्प लिया! वह अपने भीषण उपचार
के दौरान भी हर दिन कई मील दौड़ती थी। लेकिन स्वभाव से उत्साहित, स्पष्टवादी और प्रतिष्ठित, महिला
सकुदा की नवंबर 2006 में मृत्यु हो गई। हालांकि उनके डॉक्टरों ने कहा था की वह 14 महीने तक ही
जीवित रहेंगी, लेकिन वह चार साल अधिक जिंदा रही।
दरअसल अपनी बीमारी के दौरान, साकुदा को हार्बर-यू.सी.एल.ए. (Harbor-UCLA, University College,
Los Angeles, USA) के मनोचिकित्सक और शोधकर्ता चार्ल्स ग्रोब (Charles Grob) द्वारा किए जा रहे,
एक अध्ययन के बारे में पता चला। उनका मेडिकल सेंटर, मैजिक मशरूम (magic mushroom) के एक
सक्रिय घटक साइलोसाइबिन को, अंतिम चरण के कैंसर रोगियों को यह देखने के लिए दे रहा था कि, क्या
यह उनकी अंतिम समय में मृत्यु के डर को कम कर सकता है। अपनी मृत्यु के बाईस महीने पहले साकुदा,
ग्रोब के 12 रोगियों (patient) में से एक बन गई। 2008 में जब शोध पूरा हुआ, तो इसके परिणामों से पता
चला कि, गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए साइलोसाइबिन का प्रशासन, सुरक्षित रूप से किया जा
सकता है, और इससे उनकी आसन्न मौतों के बारे में, चिंता और अवसाद को कम किया जा सकता है।
पाम सकुदा के साथ ही, इरीन बाल्डेशविइलर (Erinn Baldeschwiler) को भी, अपने ट्रिपल-नेगेटिव
मेटास्टेटिक स्तन कैंसर (triple-negative metastatic breast cancer) का चौथे चरण में जाकर पता
चला था। डॉक्टरों ने उन्हें बताया की, इससे उनके जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और हर दो
हफ्ते में उन्हें इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy) करानी पड़ेगी! इसके बावजूद उनके पास जीने के लिए,
लगभग दो ही साल होने की संभावना है। सकुदा की भांति ही बाल्डेशविइलर भी साइकेडेलिक मशरूम में
साइकोएक्टिव घटक, साइलोसाइबिन (psilocybin) के साथ प्रयोग करना चाहती हैं, जिसे कभी-कभी
"जीवन के अंत में संकट," अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए एक चिकित्सीय
उपचार माना जाता हैं।
सिर्फ 48 वर्षीय और दो किशोरों की मां, बाल्डेशविइलर को डॉक्टरों ने जीने के लिए दो ही साल दिए हैं। इस
संदर्भ में उनका कहना है की "यह दिल दहला देने वाला है," "सच कहूं तो मैं डर गई थी।"
लेकिन अपनी बीमारी में भी बाल्डेशविइलर पीछे हटने के बजाय, मृत्यु के करीब पहुच चुके रोगियों की
मानसिक दर्द को कम करने के लिए, उन तक मैजिक मशरूम में पाए जाने वाले, साइलोसाइबिन की कानूनी
पहुंच प्राप्त करने में मदद कर रही है। उनके अनुसार "मैं व्यक्तिगत रूप से अवसाद, चिंता, क्रोध से जूझ
रही हूं," लेकिन "इस थेरेपी को वास्तव में इन नकारात्मक आशंकाओं से मुक्त करने के लिए डिज़ाइन किया
गया है।"
इस संदर्भ में डॉ. सुनील अग्रवाल, जो की सिएटल (Seattle) में उपशामक देखभाल चिकित्सक, तथा एक
वकील, भी हैं, वह लाइलाज बीमार रोगियों की ओर से वकालत करते हैं, और एक नई रणनीति का समर्थन
कर रहे हैं जो राज्य और संघीय का उपयोग करके साइलोसाइबिन उपलब्ध कराएगी। उनका तर्क है कि
साइलोसाइबिन जो साइकेडेलिक मशरूम या सिंथेटिक प्रतियों में पाया जाता है, वह अमेरिका में 40 से
अधिक राज्यों द्वारा निर्धारित उपयोग के मानदंडों और ट्रम्प प्रशासन द्वारा अनुमोदित 2017 राइट टू ट्राई
एक्ट (Right to Try Act) को पूरा करता है।
वर्तमान में, साइलोसाइबिन का उपयोग संघीय कानून के तहत अवैध है, जिसे यू.एस. नियंत्रित पदार्थ
अधिनियम के तहत अनुसूची 1 दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो बिना स्वीकृत चिकित्सा उपयोग
वाले रसायनों और पदार्थों पर लागू होता है।
हालांकि, हाल ही में, कई अमेरिकी शहरों और राज्यों ने साइलोसाइबिन की छोटी मात्रा के कब्जे को कम
करने के लिए मतदान किया है। इस संदर्भ में ओरेगन (Oregon) असाध्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं
के इलाज में नियमित उपयोग के लिए, साइलोसाइबिन को वैध बनाने वाला पहला राज्य बन गया।
इस क्षेत्र के विशेषज्ञों और गंभीर मरीजों के अनुसार साइलोसाइबिन ने रोगियों को प्रमुख अवसादग्रस्तता
विकार, आत्महत्या के विचारों और कैंसर निदान के भावनात्मक असर से जूझने में मदद की है।
साइलोसाइबिन थेरेपी, मस्तिष्क के कार्य को रासायनिक रूप से बदलती प्रतीत होती है, जो अस्थायी रूप से
किसी व्यक्ति के अहंकार, या स्वयं की भावना को प्रभावित करती है।
बाल्डेशविइलर भी उन कई कैंसर रोगियों में से एक है, जो एक लाइलाज बीमारी के साथ होने वाले मानसिक
दर्द को कम करने में मदद करने के लिए, साइलोसाइबिन थेरेपी (psilocybin therapy) से गुजरने के लिए
उत्सुक है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह थेरेपी उन्हें मृत्यु के आसपास होने के भय और भावनाओं से
मुक्त होने में मदद मिलती है।
संदर्भ
https://bit.ly/3tEnHCP
https://bit.ly/3tIGpsP
https://nyti.ms/3HwAigN
चित्र संदर्भ
1. ऊर्जावान महिला और मशरूम को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. साइलोसाइबिन सत्र को दर्शाता एक चित्रण (Flick)
3. सिंथेटिक मेस्कलाइन पाउडर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. प्रेरित महिला को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
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