Post Viewership from Post Date to 18-Jul-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2369 11 2380

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कैसे, मौत से भी लड़ने का साहस दे रही है, मशरूम

मेरठ

 18-06-2022 10:08 AM
फंफूद, कुकुरमुत्ता

कई बार हमारे जीवन में कुछ ऐसी अनचाही परिस्थितियां भी घटित हो जाती हैं, जिनका हम चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते! ऐसे में हमारा पहला प्रयास यह होना चाहिए की, जो कुछ भी हो रहा है, वह हमें कम से कम हानि और पीड़ा पहुचाएं बिना घटित हो जाए! इसके लिए उचित यही होगा कि, हम प्रकृति की उस काम को करने में सहायता करें, जो वह करना चाहती है! यदि हम इसे आसान भाषा में, उदाहरण के तौर पर समझें तो, जब कोई व्यक्ति किसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहा होता है, और अपने अंतिम दिनों को बड़े ही कष्ट में काट रहा होता है, तब डॉक्टर उसकी मौत को कम पीड़ादायक और बचे हुए जीवन को आसान बनाने के लिए, साइकेडेलिक दवाएं (psychedelic drugs) देने का सुझाव देते हैं, जो उन्हें मौत तक का सामना करने का साहस प्रदान कर सकती हैं! पाम सकुदा (Palm sakuda) मात्र 55 वर्ष की थी, जब उनके कोलन (Colon) से ट्यूमर (tumor) निकालने के कुछ ही समय बाद, उन्हें पता चला कि वह अब केवल 14 महीने ही जीवित रहेंगी। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी बीमारी के घातक परिणामों को धीमा करने का दृढ़ संकल्प लिया! वह अपने भीषण उपचार के दौरान भी हर दिन कई मील दौड़ती थी। लेकिन स्वभाव से उत्साहित, स्पष्टवादी और प्रतिष्ठित, महिला सकुदा की नवंबर 2006 में मृत्यु हो गई। हालांकि उनके डॉक्टरों ने कहा था की वह 14 महीने तक ही जीवित रहेंगी, लेकिन वह चार साल अधिक जिंदा रही।
दरअसल अपनी बीमारी के दौरान, साकुदा को हार्बर-यू.सी.एल.ए. (Harbor-UCLA, University College, Los Angeles, USA) के मनोचिकित्सक और शोधकर्ता चार्ल्स ग्रोब (Charles Grob) द्वारा किए जा रहे, एक अध्ययन के बारे में पता चला। उनका मेडिकल सेंटर, मैजिक मशरूम (magic mushroom) के एक सक्रिय घटक साइलोसाइबिन को, अंतिम चरण के कैंसर रोगियों को यह देखने के लिए दे रहा था कि, क्या यह उनकी अंतिम समय में मृत्यु के डर को कम कर सकता है। अपनी मृत्यु के बाईस महीने पहले साकुदा, ग्रोब के 12 रोगियों (patient) में से एक बन गई। 2008 में जब शोध पूरा हुआ, तो इसके परिणामों से पता चला कि, गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए साइलोसाइबिन का प्रशासन, सुरक्षित रूप से किया जा सकता है, और इससे उनकी आसन्न मौतों के बारे में, चिंता और अवसाद को कम किया जा सकता है।
पाम सकुदा के साथ ही, इरीन बाल्डेशविइलर (Erinn Baldeschwiler) को भी, अपने ट्रिपल-नेगेटिव मेटास्टेटिक स्तन कैंसर (triple-negative metastatic breast cancer) का चौथे चरण में जाकर पता चला था। डॉक्टरों ने उन्हें बताया की, इससे उनके जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और हर दो हफ्ते में उन्हें इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy) करानी पड़ेगी! इसके बावजूद उनके पास जीने के लिए, लगभग दो ही साल होने की संभावना है। सकुदा की भांति ही बाल्डेशविइलर भी साइकेडेलिक मशरूम में साइकोएक्टिव घटक, साइलोसाइबिन (psilocybin) के साथ प्रयोग करना चाहती हैं, जिसे कभी-कभी "जीवन के अंत में संकट," अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए एक चिकित्सीय उपचार माना जाता हैं। सिर्फ 48 वर्षीय और दो किशोरों की मां, बाल्डेशविइलर को डॉक्टरों ने जीने के लिए दो ही साल दिए हैं। इस संदर्भ में उनका कहना है की "यह दिल दहला देने वाला है," "सच कहूं तो मैं डर गई थी।" लेकिन अपनी बीमारी में भी बाल्डेशविइलर पीछे हटने के बजाय, मृत्यु के करीब पहुच चुके रोगियों की मानसिक दर्द को कम करने के लिए, उन तक मैजिक मशरूम में पाए जाने वाले, साइलोसाइबिन की कानूनी पहुंच प्राप्त करने में मदद कर रही है। उनके अनुसार "मैं व्यक्तिगत रूप से अवसाद, चिंता, क्रोध से जूझ रही हूं," लेकिन "इस थेरेपी को वास्तव में इन नकारात्मक आशंकाओं से मुक्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।"
इस संदर्भ में डॉ. सुनील अग्रवाल, जो की सिएटल (Seattle) में उपशामक देखभाल चिकित्सक, तथा एक वकील, भी हैं, वह लाइलाज बीमार रोगियों की ओर से वकालत करते हैं, और एक नई रणनीति का समर्थन कर रहे हैं जो राज्य और संघीय का उपयोग करके साइलोसाइबिन उपलब्ध कराएगी। उनका तर्क है कि साइलोसाइबिन जो साइकेडेलिक मशरूम या सिंथेटिक प्रतियों में पाया जाता है, वह अमेरिका में 40 से अधिक राज्यों द्वारा निर्धारित उपयोग के मानदंडों और ट्रम्प प्रशासन द्वारा अनुमोदित 2017 राइट टू ट्राई एक्ट (Right to Try Act) को पूरा करता है।
वर्तमान में, साइलोसाइबिन का उपयोग संघीय कानून के तहत अवैध है, जिसे यू.एस. नियंत्रित पदार्थ अधिनियम के तहत अनुसूची 1 दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो बिना स्वीकृत चिकित्सा उपयोग वाले रसायनों और पदार्थों पर लागू होता है। हालांकि, हाल ही में, कई अमेरिकी शहरों और राज्यों ने साइलोसाइबिन की छोटी मात्रा के कब्जे को कम करने के लिए मतदान किया है। इस संदर्भ में ओरेगन (Oregon) असाध्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में नियमित उपयोग के लिए, साइलोसाइबिन को वैध बनाने वाला पहला राज्य बन गया। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों और गंभीर मरीजों के अनुसार साइलोसाइबिन ने रोगियों को प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार, आत्महत्या के विचारों और कैंसर निदान के भावनात्मक असर से जूझने में मदद की है। साइलोसाइबिन थेरेपी, मस्तिष्क के कार्य को रासायनिक रूप से बदलती प्रतीत होती है, जो अस्थायी रूप से किसी व्यक्ति के अहंकार, या स्वयं की भावना को प्रभावित करती है।
बाल्डेशविइलर भी उन कई कैंसर रोगियों में से एक है, जो एक लाइलाज बीमारी के साथ होने वाले मानसिक दर्द को कम करने में मदद करने के लिए, साइलोसाइबिन थेरेपी (psilocybin therapy) से गुजरने के लिए उत्सुक है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह थेरेपी उन्हें मृत्यु के आसपास होने के भय और भावनाओं से मुक्त होने में मदद मिलती है।

संदर्भ
https://bit.ly/3tEnHCP
https://bit.ly/3tIGpsP
https://nyti.ms/3HwAigN

चित्र संदर्भ

1. ऊर्जावान महिला और मशरूम को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. साइलोसाइबिन सत्र को दर्शाता एक चित्रण (Flick)
3. सिंथेटिक मेस्कलाइन पाउडर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. प्रेरित महिला को दर्शाता चित्रण (Pixabay)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id