क्या मेंढक से बनी साइकेडेलिक दवा आपकी व्यसन, अवसाद व् चिंता का उपाय हो सकती है?

लखनऊ

 06-08-2021 10:08 AM
मछलियाँ व उभयचर

पिछले कुछ वर्षों में, इस बात के प्रमाण सामने आए हैं कि कई साइकेडेलिक दवाएं (Psychedelic drugs), परिवर्तित विचारों और संवेदी धारणाओं को प्रेरित करने में सक्षम हैं। इस लिहाज़ से व्यसन, अवसाद, चिंता और पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसी बीमारियों के इलाज के लिए साइकेडेलिक पदार्थों के उपयोग पर नए सिरे से जांच हो रही है।
अब वैज्ञानिकों ने एक नए यौगिक का परीक्षण किया है और शुरुआती परीक्षणों से संकेत मिलता है कि कोलोराडो रिवर मेंढक में भी यही क्षमता है। रूखे, उभरे हुए अन्य मेंढक की तुलना में ये बड़े और शायद सुंदर, कोलोराडो रिवर मेंढक (Colorado River Toad - जिसे बुफो अल्वेरियस (Bufo alvarius) भी कहा जाता है) में ज्यादातर चिकना और चमकदार, जैतून-हरा रंग होता है, जिसे साइकेडेलिक या चटकीलI रंग भी कहा जा सकता है। हालांकि ये मस्सा मुक्त नहीं है, इसकी सबसे उल्लेखनीय विशेषता जहरीली, दूधिया-सफेद जहर हो सकती है जो सोनोरान रेगिस्तान (Sonoran Desert) क्षेत्र और कैलिफोर्निया (California), एरिज़ोना (Arizona) और उत्तरी मैक्सिको (Mexico) के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
त्वचा के भीतर ग्रंथियों के बहिर्गमन के रूप में इसका विष 5-MeO-DMT (जो एक अत्यंत शक्तिशाली साइकेडेलिक (Psychedelic) है जो अपने बेहतर ज्ञात सापेक्ष डीएमटी (या डाइमिथाइलट्रिप्टामाइन - Dimethyltryptamine) से चार से छह गुना अधिक प्रबल है) मौजूद होता है। पिछले कुछ वर्षों से, यह साक्ष्य उभर रहे हैं कि कई साइकेडेलिक अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।मानव विज्ञानियों ने लंबे समय से यह अनुमान लगाया है कि प्राचीन अनुष्ठानों में इसके नशीले प्रभाव के लिए मेंढक के जहर का उपयोग किया जाता था।
इनका जहर इतना प्रबल होता है कि इन पर हमला करने वाले कुत्तों को लकवा या मौत भी हुई है। हालांकि रैकून एक मेंढक को उसके पिछले पैर से तालाब से दूर खींचना, उनको पीठ पर मोड़ना और उनको पेट से खाने की रणनीति को सीख चुके हैं, ऐसा करने से वे स्वयं को जहर ग्रंथियों से दूर रखते हैं।अन्य कशेरुकियों के विपरीत, यह उभयचर ज्यादातर अपने पेट में आसमाटिक अवशोषण द्वारा पानी प्राप्त करता है। बुफोनिडे परिवार में मेंढक की त्वचा का एक क्षेत्र होता है जिसे " द सीट पैच (The seat patch)" के रूप में जाना जाता है, जो पेट के मध्य से पिछले पैरों तक फैला होता है और तेजी से पुनर्जलीकरण के लिए विशिष्ट होता है। अधिकांश पुनर्जलीकरण छोटे पूल या गीली वस्तुओं से पानी के अवशोषण के माध्यम से किया जाता है। बुफोनिडाए (Bufonidae) परिवार के मेंढकों की कुछ प्रजातियाँ लखनऊ और उत्तरप्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं।बुफोनिडाए परिवार के प्रत्येक सदस्य को ट्रू टोड (True toad) कहा जाता है,इसमें पाए जाने वाले ज़्यादतर सदस्यों को टोड के रूप में जाना जाता है,हालांकि कुछ को मेंढक (जैसे हार्लेक्विन मेंढक (Harlequin frog)) कहा जा सकता है। ट्रू टोड विश्व भर में व्यापक रूप से फेले हुए हैं तथा ऑस्ट्रेलिया (Australia) और अंटार्कटिका (Antarctica) को छोड़कर यह हर महाद्वीप के मूल निवासी हैं, जो शुष्क क्षेत्रों से लेकर वर्षावन तक विभिन्न प्रकार के वातावरण में रहते हैं। अधिकांश युग्मित शृंखला में अंडे देते हैं जो टैडपोल (Tadpole) के रूप में अंडे से निकलते हैं। ट्रू टोड बिना दांत के होते हैं और आमतौर पर मस्सेदार दिखते हैं इनके सिर के पीछे पैरोटॉइड (Parotoid) ग्रंथियों की एक जोड़ी होती है, जिनमें क्षाराभ जहर पाया जाता है जिसे टोड द्वारा खतरे के समय में निकाला जाता है। इस जहर को बुफोटॉक्सिन (Bufo toxin) के रूप में भी जाना जाता है।
नीदरलैंड (Netherlands) में मास्ट्रिच विश्वविद्यालय (Maastricht University) के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने पाया की टोड के जहर से बने सूखे और पाउडर (Powder) के गूदे के स्राव के परिणामस्वरूप अवसाद के लक्षणों में कमी आई है। बुफो जीनस से संबंधित कई प्रजातियों के जहर और अंडों में ब्यूफोटिन रासायनिक घटक पाए जाते है, लेकिन कोलोराडो रिवर टोड केवल एकमात्र ऐसी टोड प्रजाति है, जिसमें साइकोएक्टिव प्रभाव के लिए ब्यूफोटिन बड़ी मात्रा में मौजूद होता है। टोड के जहर का उपयोग कुछ पारंपरिक दवाओं जैसे चिन सु में किया गया है, जिसका उपयोग चीन में सदियों से औषधीयों के रूप में किया जाता आ रहा है।कुछ लोगों का कहना है कि इसदवा के धूम्रपान करने के बाद एक जीवन-परिवर्तनकारी अनुभव प्राप्त होता है, जिससे तीव्र और अपेक्षाकृत अल्पकालिक प्रभाव लगभग 30 मिनट तक समाप्त होने लगते हैं जो शक्तिशाली रूप से परिवर्तनकारी होते हैं।
आज, विज्ञान इन रहस्यमय कारणों के बारे में अध्ययन कर रहा है और बढ़ती संख्या में शोधकर्ता कई मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के लिए कानूनी उपचार के रूप में बुफो और अन्य मतिभ्रम वाली दवाओं का अध्ययन कर रहे हैं।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में, केवल एक बार उपयोग के बाद, इस साइकेडेलिक ने चिंता, अवसाद और अभिघातजन्य तनाव विकार को दूर किया और जीवन के साथ संतुष्टि की समग्र निरंतर वृद्धि प्रदान की। आशाजनक वैज्ञानिक अनुसंधान जो इसके मानसिक स्वास्थ्य लाभ के बारे में साबित करने में सक्षम रहेंगे,अंततः इन्हें अवैध वर्गीकरण से हटा सकता है, लेकिन वर्तमान समय में ये पदार्थ आसानी से उपलब्ध नहीं है तथा इनका व्यापार गैर कानूनी है।यह एक अनुसूची दवा भी है जो इसे निर्माण, वितरण, रखने या खरीदने के लिए अवैध बनाती है (मेक्सिको में इसे विनियमित नहीं किया जाता है)।

संदर्भ :-
https://bit.ly/37jskX4
https://bit.ly/3ioe8CP
https://bit.ly/3yrvvrF
https://bit.ly/3jqGXNY

चित्र संदर्भ
1. कोलोराडो नदी टोड (मेंढक) का एक चित्रण (wikimedia)
2. w:5-MeO-DMT का एक चित्रण (wikimedia)
3. सुमात्रा वर्षावन के ट्रू-मेंढक का एक चित्रण (flickr)



RECENT POST

  • क्षेत्रीय परंपराओं, कविताओं और लोककथाओं में प्रतिबिंबित होती है लखनऊ से जुड़ी अवधी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:31 AM


  • कैसे, उत्तर प्रदेश और हरियाणा, भारत के झींगा पालन उद्योग का प्रमुख केंद्र बन सकते हैं ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:32 AM


  • आनंद से भरा जीवन जीने के लिए, प्रोत्साहित करता है, इकिगाई दर्शन
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:36 AM


  • क्रिसमस विशेष: जानें रोमन सभ्यता में ईसाई धर्म की उत्पत्ति और विकास के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:35 AM


  • आइए जानें, सौहार्द की मिसाल कायम करते, लखनऊ के ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:30 AM


  • आइए समझते हैं, कैसे एग्रोफ़ॉरेस्ट्री, किसानों की आय और पर्यावरण को बेहतर बनाती है
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:32 AM


  • आइए देंखे, मोटो जी पी से जुड़े कुछ हास्यपूर्ण और मनोरंजक क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:27 AM


  • लखनऊ के एक वैज्ञानिक थे, अब तक मिले सबसे पुराने डायनासौर के जीवाश्म के खोजकर्ता
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:35 AM


  • लखनऊ की नवाबी संस्कृति को परिभाषित करती, यहां की फ़िज़ाओं में घुली,फूलों व् इत्र की सुगंध
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:24 AM


  • रक्षा क्षेत्र में, पूरे देश को आत्मनिर्भर बना रहा है, उत्तर प्रदेश
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:28 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id