हनुमान की भक्ति के महत्व

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
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हनुमान की भक्ति के महत्व

हिंदू देवता हनुमान को भगवान राम और देवी सीता के अनुकरणीय भक्त के रूप में जाना जाता है। "रामायण" (Ramayana) के इस महान वानर स्वरूप देवता हनुमान को मन का प्रतीक भी माना जाता है, जो अनुशासन प्रिय हैं और भक्ति भाव से भरे हुए हैं। हिन्दूओं के प्रत्येक भगवान हमारे प्रबुद्ध मन के एक पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं। हनुमान हमारे अनियंत्रित मन की वह विकसित अवस्था हैं, जो निरंतर विचार से विचार की ओर बदलती रहती है। एक बार भगवान राम हनुमान से पूछते हैं, कि "तुम मुझे कैसे देखते हैं?" तब हनुमान तीन भाग में इसका उत्तर देते हैं, "जब मैं मानता हूं कि मैं शरीर हूं, तो मैं आपका वफादार सेवक हूं।, जब मैं जानता हूं कि मैं आत्मा हूं, तो मैं स्वयं को आपके शाश्वत प्रकाश की चिंगारी के रूप में जानता हूं। और जब मेरे पास सत्य का दर्शन है, तो मेरे प्रभु, आप और मैं एक ही हैं।" इस उत्तर द्वारा, वह हमें अपनी आध्यात्मिक अंवेषण में प्रवाहित होने वाली तीन अवस्थाओं को दिखाते हैं। हनुमान विश्वास का वह आविर्भाव हैं, जो हमें शक्ति प्रदान करते हैं, हमारी धारणा को बदल देते हैं और हमें समाधि के माध्यम से पूर्ण ज्ञान की ओर ले जाते हैं। भक्ति के मार्ग पर चलने वाले लोगों के लिए विश्वास प्रेम से पैदा होता है और प्रेम ही विश्वास को और अधिक गहरा करता है। हम अक्सर भूल जाते हैं, हमें अपने विश्वास और भावना के आंतरिक साधन की अत्युत्कृष्टता का सहज ज्ञान होता है कि हम उन साधनों की असीम कृपा के अलावा और कुछ नहीं हैं और हमारे मन में उन साधनों, ज्ञान और प्रथाओं के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान है जो हमारे वास्तविक स्वरूप के पूर्ण विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं। यह विश्वास हमें शक्ति के साथ जीवन के उतार-चढ़ाव में अडिग रहने की अनुमति भी देता है, जिससे हमें भीतर से पोषण मिलने लगता है और हम संतोष तथा आनंद के आंतरिक स्रोत की खोज कर पाते हैं। यह हमें अपने पथ पर चलने के लिए आवश्यक शक्ति, आंतरिक बल और चुस्ती की पूर्ति प्रदान करता है। ऋषि व्यास बताते हैं, कि यह जागरूकता कि हम भगवान से प्यार करते हैं, वह सबसे बड़ी शक्ति है जो हमें आंतरिक स्रोत के प्रति अनायास समर्पण करने की अनुमति देती है। हमें एहसास होता है कि हम जिसकी तलाश कर रहे हैं, वह हम में ही निहित है। उस अनुभूति का आनंद हमें लोभ और व्याकुलता से मुक्त कराता है और हम अपने वास्तविक स्वरूप की परिपूर्णता को अपनाने लगते हैं। हमारे बाहर के भगवान के प्रति हमारा लगाव द्रवीभूत होने लगता है और हमारे आध्यात्मिक परिवार के आलिंगन में, हम गुरु और स्वयं की वास्तविक आंतरिक उपस्थिति की खोज करते हैं। भगवान हनुमान प्रतीकात्मक रूप से शुद्ध भक्ति और संपूर्ण समर्पण के साथ तथा अहंकार या निम्न स्वार्थ के विरुद्ध खड़े रहते हैं। उनका व्यक्तित्व बताता है कि ईश्वर के प्रति शुद्ध भक्ति रखकर, अच्छाई की शक्तियों के साथ जुड़कर, कमजोरों की सहायता करके, आत्म नियंत्रण,शर्तरहित विश्वास और पूर्ण समर्पण के साथ हम अपने जीवन में क्या कर सकते हैं। वानर जाति के मुख्य योद्धा के रूप में, वह प्रतीकात्मक रूप से मनुष्यों में निम्न आत्म या पशु प्रकृति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो परिष्कृत और परिवर्तित होने पर भगवान में स्थिर हो जाता है और पूर्ण समर्पण के साथ ईश्वरीय की सेवा करता है। वायु (Vayu) के पुत्र के रूप में, हनुमान प्रतीकात्मक रूप से सूक्ष्म शरीर, अर्थात् श्वसन शरीर, बौद्धिक शरीर और बुद्धिमानी शरीर का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्वसन शरीर हमारे शरीर में जीवन ऊर्जा या प्राण की गति के लिए उत्तरदायी है, यह विशेष रूप से उन लोगों में गहन होता है, जो नैतिक रूप से स्वच्छ और ब्रह्मचारी जीवन व्यतीत करते हैं और तपस्या करते हैं। बजरंगबली के रूप में हनुमान जी भक्ति और शारीरिक शक्ति दोनों में सबल हैं। वे सदाचार के सागर हैं तथा शुद्ध हृदय के मित्र हैं। हनुमान मनुष्यों के तपस्वी गुणों से प्यार करते हैं, क्योंकि केवल वे लोग जो जीवन की विलासिता और अपने शरीर की अभिलाषा से अलग तथा मानसिक रूप से मुक्त होते हैं, केवल वही मनुष्य वास्तव में परमात्मा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और उन्हें प्राप्त कर सकते हैं । हनुमान सांस का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब अहंकार और इन्द्रियाँ मन और शरीर को गलत काम में लगा देती हैं, तब श्वास की सहायता से सन्निहित आत्मा, इन्द्रियों को वश में करती है, अहंकार को शांत करती है तथा मन और शरीर के नियंत्रण को पुनः प्राप्त करती है और उन्हें भगवान के ध्यान में स्थिर करती है।इस प्रकार हनुमान कई स्तरों पर कई चीजों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हनुमान सबसे लोकप्रिय हिंदू देवताओं में से एक है। वे भगवान शिव के अवतार हैं। हनुमान अपने गुरु भगवान राम द्वारा दिए गए कार्य को अपनी पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ पूरा करते हैं। उनके हृदय में राम और सीता का वास है यह दिखाने के लिए वह अपना सीना खोल कर दर्शाते हैं, जिसके अंदर राम और सीता की छवि बसी होती है, यह उनके अपने स्वामी के प्रति समर्पित भावना को दर्शाता है। हनुमान के अन्य रूप में कभी-कभी हनुमान को एक हाथ से पहाड़ को पकड़े हुए उड़ते हुए भी दिखाया जाता है। राम के दरबार में उनकी विनम्र मुद्रा उन्हें भगवान राम के सेवक के रूप में दर्शाती है, जो सत्य के प्रति समर्पित एक शांत, नियंत्रित और एकाग्र मन का प्रतिनिधित्व करते हैं। हनुमान को सुपरमैन, संपूर्ण पुरुष, ज्ञान गुण सगर, चिरंजीवी, महावीर, मारुति, पवन-सूता, अंजनेय, राम-दूत, राम-दास, केसरी-नंदन और कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। आदिकवि वाल्मीकि को आशीर्वाद देते हुए, भगवान ब्रह्मा ने भविष्यवाणी की थी कि "जब तक पहाड़ पृथ्वी पर खड़े रहेंगे और नदियाँ बहती रहेंगी, रामायण की कहानी जो वाल्मीकि द्वारा सुनाई गई थी, दुनिया में मौजूद रहेगी"। आज सदियों बाद भी यह कहानी कायम है और इसके अभिन्न अंग के रूप में हनुमान और उनकी कथा आज भी दुनिया में जीवित है। रामायण और हनुमान की कहानी सदियों से महाकाव्यों, उपनिषदों, इतिहास, पुराणों, पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और अफवाहों के माध्यम से असंख्य रूपों में प्रवाहित होती रही है, चित्रों, नृत्य रूपों, लोक कलाओं, फीचर फिल्मों और एनिमेशन के माध्यम से, छोटे गांवों तथा महानगरों में भी, रामलीलाओं, परिष्कृत शहरी मंच नाटकों में, मंदिरों, सभागारों और तात्कालिक पंडालों में, कहानीकारों, कथावाचकों, विद्वान पंडितों और आध्यात्मिक नेताओ के कथनों के माध्यम से, भारत, कंबोडिया (Cambodia), थाईलैंड (Thailand), जावा (Java), सुमात्रा (Sumatra), बाली (Bali), म्यांमार (Myanmar), मॉरीशस (Mauritius), फिजी (Fiji), गुयाना (Guyana), त्रिनिदाद (Trinidad), सूरीनाम (Suriname), साइबेरिया (Siberia), मंगोलिया (Mongolia), मलेशिया (Malaysia) और पश्चिम में, पुरुष, महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, अनपढ़, विद्वान, संशयवादी और भावुक भक्त लोग आज भी इनकी कहानियां सुनते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3KL6wpC
https://bit.ly/3uGtYOZ
https://bit.ly/3vmRxLQ

चित्र संदर्भ
1. रामदरबार में हनुमान जी को दर्शाता एक चित्रण (flickr, Lookandlearn)
2. अपने सीने में राम सीता को दर्शाते हनुमान को दर्शाता एक चित्रण (Lookandlearn)
3. हनुमान उपासना को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. हाथ में पहाड़ उठाये हनुमान को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. राम हनुमान मिलाप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)